व्यसनमुक्त जीवन ही सच्चा उत्सव: नागपुर में अल्कोहॉलिक्स अॅनॉनिमस सम्मेलन ने दिया संयम का संदेश
समाज के कल्याण हेतु एक अनोखा सम्मेलन
नागपुर में हाल ही में आयोजित दो दिवसीय अल्कोहॉलिक्स अॅनॉनिमस (AA) सम्मेलन ने व्यसनमुक्त समाज की दिशा में एक नई प्रेरणा प्रदान की। इस सम्मेलन में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एवं विधायक डॉ. नितिन राऊत की प्रमुख उपस्थिति रही। उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि “शराब की लत न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि परिवार और समाज दोनों को तोड़ देती है। अतः इस लत से बाहर निकलना ही सच्ची आज़ादी है।”
अल्कोहॉलिक्स अॅनॉनिमस: सहायता और सुधार का वैश्विक आंदोलन
अल्कोहॉलिक्स अॅनॉनिमस विश्वभर में सक्रिय एक संस्था है जो शराब की लत से ग्रसित लोगों को निःशुल्क सहायता प्रदान करती है। यह संगठन धार्मिक, राजनीतिक या व्यावसायिक हितों से परे रहकर केवल मानव कल्याण के उद्देश्य से कार्य करता है। नागपुर सम्मेलन में महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, तेलंगाना और गोवा से बड़ी संख्या में सदस्य शामिल हुए।
साझा अनुभवों से मिला नया आत्मविश्वास
सम्मेलन के दौरान कई सदस्यों ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे AA की मदद से उन्होंने वर्षों पुरानी शराब की लत से मुक्ति पाई। संस्था के सदस्य एक-दूसरे को मनोवैज्ञानिक समर्थन, मार्गदर्शन और प्रोत्साहन देते हैं। समूह चर्चा के माध्यम से प्रतिभागियों को यह विश्वास दिलाया जाता है कि वे अकेले नहीं हैं — सुधार की दिशा में हर कदम सामूहिक प्रयास का हिस्सा है।
महिलाओं की सहभागिता और नेतृत्व
इस कार्यक्रम में क्लास ट्रस्टी GSB इंडिया की अध्यक्ष डॉ. संध्या पवार और सहायक श्रम आयुक्त प्रतिभा भाकरे की उपस्थिति ने सम्मेलन को विशेष आयाम दिया। दोनों महिला नेताओं ने व्यसनमुक्त समाज निर्माण में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं घर और समाज में संयम का संदेश देती हैं, तो परिवर्तन की गति और सशक्त होती है।
डॉ. नितिन राऊत का संदेश: “संयम ही सच्ची स्वतंत्रता”
डॉ. राऊत ने अपने संबोधन में कहा, “दारू कोई समाधान नहीं, बल्कि समस्याओं की जड़ है। समाज को व्यसनमुक्त बनाने के लिए केवल कानून नहीं, बल्कि सामूहिक जागरूकता की आवश्यकता है।” उन्होंने AA के कार्यों की सराहना करते हुए इसे “समाज के लिए वरदान” बताया।
व्यसनमुक्ति का सामूहिक संकल्प
सम्मेलन के समापन सत्र में उपस्थित सभी प्रतिभागियों ने एक साथ शपथ ली —
“दारू नहीं समाधान, व्यसनमुक्त जीवन ही सच्चा उत्सव है।”
यह शपथ केवल शब्द नहीं, बल्कि आत्मसुधार और समाज सुधार की दिशा में उठाया गया संकल्प था।
AA की कार्यप्रणाली और समाज पर प्रभाव
संस्था गोपनीयता और विश्वास के सिद्धांतों पर कार्य करती है। यहां आने वाले लोगों की पहचान प्रकट नहीं की जाती, ताकि वे बिना किसी भय के अपनी समस्याएं साझा कर सकें। वर्षों से AA ने हजारों परिवारों को टूटने से बचाया है और अनगिनत व्यक्तियों को आत्मसम्मान के साथ पुनः समाज में स्थापित किया है।
नागपुर बना सामाजिक जागरूकता का केंद्र
इस सम्मेलन ने नागपुर को व्यसनमुक्त आंदोलन का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना दिया। शहर के सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी इस पहल का स्वागत किया। आयोजन के पश्चात स्थानीय स्तर पर निःशुल्क परामर्श शिविरों की श्रृंखला शुरू करने की घोषणा की गई, जिससे आमजन को व्यसनमुक्ति के लिए सहयोग मिल सके।
नागपुर में संपन्न यह सम्मेलन केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक सामाजिक संदेश था — जीवन को नशे से नहीं, नैतिकता और संयम से सुंदर बनाया जा सकता है। अल्कोहॉलिक्स अॅनॉनिमस जैसी संस्थाएं यह प्रमाण हैं कि जब समाज एकजुट होकर कार्य करता है, तो हर लत, हर अंधकार पर विजय संभव है।