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Toggleबिहार के युवाओं की आवाज़: राहुल गांधी का सरकार पर तीखा प्रहार
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को केंद्र की मोदी सरकार और बिहार की नीतीश कुमार सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि इन दोनों की “डबल इंजन सरकार” ने बिहार के युवाओं की आकांक्षाओं का गला घोंट दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 20 वर्षों में बिहार को हर विकास सूचकांक पर नीचे धकेल दिया गया है और युवाओं को बेरोज़गारी और निराशा के सिवा कुछ नहीं मिला।
राहुल गांधी ने यह बयान अपने ‘एक्स (X)’ पोस्ट के माध्यम से दिया, जिसमें उन्होंने बिहार के युवाओं से हाल ही में हुई बातचीत का वीडियो भी साझा किया। उन्होंने कहा कि अब बदलाव का समय है और महागठबंधन को न्याय के अपने संकल्प को दोहराना होगा।
“20 साल की सरकार ने बिहार को अंधकार में धकेला”
राहुल गांधी ने लिखा,
“कुछ दिन पहले मैंने बिहार के युवाओं से शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मुद्दों पर बातचीत की। इन सभी समस्याओं का एक ही ज़िम्मेदार है — भाजपा-जदयू सरकार।”
उन्होंने कहा कि बिहार के युवा पूरी तरह समझ चुके हैं कि कैसे बीते दो दशकों में मोदी-नीतीश सरकार ने उनकी आकांक्षाओं को कुचल दिया और राज्य को ‘अंधकार की खाई’ में धकेल दिया है।
शिक्षा के क्षेत्र में बिहार की चिंताजनक स्थिति
राहुल गांधी ने अपने पोस्ट में बिहार की शिक्षा व्यवस्था के गंभीर हालात का ज़िक्र किया। उन्होंने बताया कि
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कक्षा 9 से 10 के बीच ड्रॉपआउट दर के मामले में बिहार 29 में से 27वें स्थान पर है।
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कक्षा 11-12 में एनरोलमेंट रेट के मामले में राज्य 28वें स्थान पर है।
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वहीं महिला साक्षरता दर में बिहार 28वें स्थान पर है।
उन्होंने कहा कि यह स्थिति बताती है कि सरकार की प्राथमिकताओं में शिक्षा कहीं नहीं है।
रोजगार और उद्योग में पिछड़ापन
राहुल गांधी ने कहा कि सेवा क्षेत्र (Service Sector) में रोजगार के मामले में बिहार का स्थान 21वां है, जबकि उद्योग और विनिर्माण क्षेत्र (Manufacturing Sector) में राज्य 23वें स्थान पर है।
उन्होंने कहा,
“बिहार के युवा अत्यंत प्रतिभाशाली हैं। अगर उन्हें अवसर मिले तो वे कहीं भी चमक सकते हैं, परंतु सरकार ने उन्हें अवसर नहीं बल्कि बेरोज़गारी और निराशा दी है।”
स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं की बदतर हालत
कांग्रेस नेता ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में भी बिहार देश में सबसे पीछे है।
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शिशु मृत्यु दर (Infant Mortality Rate) के आधार पर बिहार 27वें स्थान पर है।
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बीमा योजनाओं के तहत स्वास्थ्य कवरेज में राज्य 27वें स्थान पर है।
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घर-घर शौचालय उपलब्धता के मामले में बिहार 29वें स्थान पर है।
उन्होंने कहा कि ये आंकड़े केवल आंकड़े नहीं, बल्कि एक आईना हैं जो दिखाते हैं कि “डबल इंजन सरकार” ने बिहार को विकास की राह से कितनी दूर कर दिया है।
मानव विकास सूचकांक और प्रति व्यक्ति आय
राहुल गांधी ने कहा कि मानव विकास सूचकांक (HDI) में बिहार 27वें स्थान पर है, जबकि प्रति व्यक्ति आय के मामले में यह 25वें स्थान पर है।
उन्होंने कहा,
“ये नंबर केवल सांख्यिकी नहीं हैं, बल्कि यह उस गाड़ी का रियर-व्यू मिरर हैं जिसे ‘डबल इंजन सरकार’ ने पीछे की ओर खींच दिया है।”
“अब बदलाव का समय है”
राहुल गांधी ने कहा कि बिहार के युवाओं के पास अब खोने के लिए कुछ नहीं बचा है।
“अब बदलाव का समय है। बिहार के गौरव को फिर से जगाने का वक्त है। महागठबंधन को न्याय के अपने संकल्प को फिर से दोहराना होगा।”
उन्होंने कहा कि वह बिहार के युवाओं के साथ खड़े हैं और उनकी लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे।
छात्रों की पीड़ा और भेदभाव का जिक्र
वीडियो में राहुल गांधी दिल्ली में पढ़ रहे बिहार के छात्रों से बातचीत करते हुए दिख रहे हैं। कई छात्रों ने कहा कि उन्हें राज्य से बाहर पढ़ाई के लिए मजबूर होना पड़ा।
एक छात्रा ने कहा कि दिल्ली के विश्वविद्यालयों में “बिहारी” शब्द को एक अपमान की तरह इस्तेमाल किया जाता है।
दूसरी छात्रा ने कहा कि बिहार के प्रति नकारात्मक छवि फैलाने की कोशिश की जाती है, जबकि वहां के छात्र मेहनती और योग्य हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 दो चरणों में होंगे —
पहला चरण 6 नवंबर, दूसरा चरण 11 नवंबर को, जबकि परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
राहुल गांधी के इस बयान को चुनावी माहौल में विपक्ष की राजनीतिक रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
राहुल गांधी ने अपने वक्तव्य में न केवल बिहार की स्थिति पर चिंता जताई, बल्कि युवाओं के भीतर नए भरोसे की चिंगारी भी जगाई। जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, बिहार की राजनीति में “युवा और न्याय” एक बार फिर केंद्रीय मुद्दा बनता दिख रहा है।
ये न्यूज पीटीआई (PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित हो गई है।