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ममता कुलकर्णी के विवादित बयान से मचा तूफ़ान: “दाऊद इब्राहिम आतंकवादी नहीं” कहने पर उठे सवाल, बाद में दी सफ़ाई

Mamta Kulkarni Dawood Ibrahim Controversy
Mamta Kulkarni Dawood Ibrahim Controversy – ममता कुलकर्णी के बयान से छिड़ा बड़ा विवाद, गोरखपुर में दी सफ़ाई (Photo: X)
अक्टूबर 30, 2025

ममता कुलकर्णी के विवादित बयान से मचा तूफ़ान: “दाऊद इब्राहिम आतंकवादी नहीं” कहने पर उठे सवाल, बाद में दी सफ़ाई

गोरखपुर (उत्तर प्रदेश), 30 अक्टूबर:
बॉलीवुड अभिनेत्री से आध्यात्मिक मार्ग पर अग्रसर हुईं ममता कुलकर्णी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। गोरखपुर में अपने आध्यात्मिक दौरे के दौरान उन्होंने ऐसा बयान दे दिया, जिसने सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी।

दाऊद इब्राहिम को लेकर विवादास्पद टिप्पणी

ममता कुलकर्णी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि “दाऊद इब्राहिम ने मुंबई धमाकों को अंजाम नहीं दिया और वह आतंकवादी नहीं हैं।” यह बयान तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद उन्हें कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।

विभिन्न राजनीतिक दलों, सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं और जनसामान्य ने उनके इस कथन को राष्ट्रविरोधी मानसिकता से जोड़ते हुए कड़ी निंदा की। कई यूज़र्स ने यह तक कहा कि किसी साध्वी द्वारा ऐसे शब्दों का प्रयोग निंदनीय है।

ममता की सफ़ाई: ‘मेरे शब्दों का गलत अर्थ निकाला गया’

विवाद बढ़ने के बाद ममता कुलकर्णी ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा कि उनके कथन को तोड़ा-मरोड़ा गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे दाऊद नहीं बल्कि विकी गोस्वामी की बात कर रही थीं।
उन्होंने कहा, “मैंने दाऊद इब्राहिम का नाम नहीं लिया था। मेरा संदर्भ विकी गोस्वामी से था। दाऊद आतंकवादी है और उसके कर्म देशविरोधी हैं।”

ममता ने यह भी जोड़ा कि उन्होंने कभी दाऊद से मुलाक़ात नहीं की और उनका उससे किसी भी प्रकार का कोई संबंध नहीं रहा।

‘राजनीति या फ़िल्मी दुनिया से अब कोई रिश्ता नहीं’

अपने बचाव में ममता कुलकर्णी ने यह भी कहा कि वे अब न तो फ़िल्म इंडस्ट्री का हिस्सा हैं, न ही राजनीति से कोई वास्ता रखती हैं।
उनके शब्दों में, “मैं अब पूर्णतः अध्यात्म में लीन हूँ। मेरे जीवन का ध्येय सनातन धर्म के सिद्धांतों के अनुसार समाज की सेवा करना है।”

उन्होंने यह भी कहा कि एक सनातनी साध्वी होने के नाते वे किसी भी राष्ट्रविरोधी तत्व से कभी जुड़ी नहीं हो सकतीं।

गोरखनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना और संतों से भेंट

अपने तीन दिवसीय आध्यात्मिक प्रवास के दौरान ममता कुलकर्णी ने गोरखनाथ मंदिर में दर्शन किए, जहाँ उन्होंने संतों और किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से भी भेंट की।
मंदिर परिसर में उन्होंने भजन संध्या में भाग लिया और अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह यात्रा उनके लिए आत्मिक संतोष का कारण बनी है।

गुरु परंपरा और नाथ संप्रदाय से जुड़ाव

ममता ने बताया कि 1995 में नाथ परंपरा के प्रतिष्ठित संत गुरु गगन गिरी महाराज उनके जीवन में आए और तभी से वे इस मार्ग पर अग्रसर हैं।
उन्होंने कहा, “बाबा गोरखनाथ के धाम आना मेरा वर्षों पुराना स्वप्न था, जो अब पूरा हुआ है।”

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया और राजनीतिक स्वर

उनके बयान पर जहां कई लोग आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे मीडिया द्वारा ‘गलत प्रस्तुति’ बताकर बचाव भी कर रहे हैं।
राजनीतिक हलकों में इस मुद्दे को लेकर बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। भाजपा और कांग्रेस दोनों के नेताओं ने ममता कुलकर्णी से अपने शब्द वापस लेने की मांग की है।

विवाद के बाद ममता की अपील

अंत में ममता ने जनता से आग्रह किया कि उनके शब्दों को गलत अर्थ में न लिया जाए। उन्होंने कहा, “मेरा उद्देश्य किसी को ठेस पहुँचाना नहीं था। मैं केवल सत्य और धर्म की राह पर चल रही हूँ।”


यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।


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