आर्य समाज की 150वीं जयंती पर हुआ आयोजन
नई दिल्ली में शुक्रवार को स्वर्ण जयंती पार्क में एक भव्य आयोजन हुआ, जिसमें आर्य समाज की स्थापना के 150 वर्ष और इसके संस्थापक महार्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में भाग लिया।
रेखा गुप्ता ने प्रधानमंत्री को बताया युगद्रष्टा नेता
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज के युग में महार्षि दयानंद सरस्वती की शिक्षाओं को कर्म में उतारने वाले सच्चे शिष्य हैं। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री की हर पहल में करुणा, समानता और साहस की झलक मिलती है। उनके नेतृत्व में देश आत्मनिर्भरता, शिक्षा, समानता और लोककल्याण की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है।”
“प्रधानमंत्री मोदी का हर कार्य जनकल्याण को समर्पित”
रेखा गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शासनकाल में ऐसी अनेक योजनाएं शुरू कीं जो समाज के कमजोर तबके को सशक्त बनाने के उद्देश्य से हैं। उन्होंने कहा, “महार्षि दयानंद के सिद्धांतों को आत्मसात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र को एक नई दिशा दी है। उनके हर कदम में समाज सुधार और देश के समग्र विकास की भावना निहित है।”
महार्षि दयानंद सरस्वती के विचार आज भी प्रासंगिक
मुख्यमंत्री ने कहा कि महार्षि दयानंद सरस्वती का “वेदों की ओर लौटो” का संदेश केवल धार्मिक आवाहन नहीं था, बल्कि वह समाज को ज्ञान, विज्ञान, समानता और आत्मनिर्भरता की दिशा में ले जाने वाला विचार था।
उन्होंने कहा कि आर्य समाज की स्थापना वर्ष 1875 में केवल एक संगठन का निर्माण नहीं था, बल्कि समाज को नई चेतना, नए मूल्यों और नए आदर्शों से जोड़ने का एक आंदोलन था।
अंधविश्वास और कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष
गुप्ता ने कहा कि महार्षि दयानंद सरस्वती ने अपने सुधार आंदोलनों के माध्यम से समाज को अंधविश्वास और रूढ़िवाद से मुक्त करने का कार्य किया। उन्होंने ऐसी आस्था की स्थापना की जो मानवता और लोककल्याण पर आधारित थी।
उन्होंने कहा कि आर्य समाज ने सदैव शिक्षा, समानता और समाज सुधार के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
महिलाओं के सशक्तिकरण में आर्य समाज की भूमिका
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने महिलाओं के अधिकारों और सशक्तिकरण में आर्य समाज की भूमिका का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “अगर महार्षि दयानंद सरस्वती और आर्य समाज ने अपने समय की सामाजिक बुराइयों और संकीर्ण परंपराओं को चुनौती न दी होती, तो आज हमारी बेटियां वह ऊँचाइयाँ प्राप्त नहीं कर पातीं जिन पर वे आज हैं।”
भारत के समग्र विकास की ओर बढ़ता कदम
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का भारत महार्षि दयानंद के आदर्शों पर चलते हुए न केवल आध्यात्मिक रूप से बल्कि सामाजिक और आर्थिक रूप से भी सशक्त हो रहा है।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश समग्र विकास, सामाजिक उत्थान और राष्ट्रीय प्रगति के मार्ग पर अग्रसर है। आर्य समाज की विचारधारा आज भी भारत की आत्मा में जीवंत है और मोदी जी उसी प्रेरणा को युगानुकूल दिशा दे रहे हैं।”