जनसुराज समर्थक दुलारचंद यादव हत्याकांड में पुलिस की बड़ी कार्रवाई
पटना। मोकामा विधानसभा क्षेत्र के पंडारक प्रखंड स्थित भदौर में जनसुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस विभाग में कार्रवाई तेज हो गई है।
एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने भदौर थानाध्यक्ष रवि रंजन चौहान और घोसवरी थानाध्यक्ष मधुसूदन कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। बताया गया कि क्षेत्र में सतर्कता की कमी और गंभीर लापरवाही के कारण यह कार्रवाई की गई है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
हत्या के कारणों को लेकर आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने नए खुलासे किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दुलारचंद यादव की मौत छाती पर भारी वस्तु से दबाव पड़ने से हुई। इससे हृदय और फेफड़ों पर अत्यधिक दबाव पड़ा और उनकी सांस रुक गई।
इसके अलावा, एड़ी में गोली लगने के निशान पाए गए हैं, जो आर-पार हो गई थी। साथ ही, कई पसलियां टूटी मिलीं, जिससे आशंका जताई जा रही है कि पहले उन्हें बुरी तरह पीटा गया और बाद में संभवतः वाहन से कुचला गया। मेडिकल टीम ने पुलिस को रिपोर्ट सौंप दी है, जबकि एफएसएल रिपोर्ट की प्रतीक्षा है।
चार एफआईआर और 21 गिरफ्तारियां
अब तक इस मामले में चार प्राथमिकी दर्ज हो चुकी हैं। शुक्रवार देर रात राजद प्रत्याशी वीणा देवी के समर्थकों ने तीन नामजद और पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ चौथी एफआईआर दर्ज कराई है।
पुलिस ने मोकामा, हथिदह, पंडारक और बाढ़ थाना क्षेत्रों में देर रात व्यापक छापेमारी की। इस दौरान 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया — जिनमें अनंत सिंह खेमे के 9 और प्रियदर्शी पियूष गुट के 12 समर्थक शामिल हैं।
तनाव के बीच बढ़ाई गई सुरक्षा
क्षेत्र में बढ़ते तनाव को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। पुलिस गश्त बढ़ाई गई है और स्थानीय प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
इसी बीच, संभावित राजनीतिक तनाव को ध्यान में रखते हुए वीणा देवी, अनंत सिंह और प्रियदर्शी पियूष को अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराई गई है।
मोकामा हत्याकांड ने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है। प्रशासनिक सख्ती और तेज़ कार्रवाई से यह संकेत साफ है कि राज्य सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है। हालांकि, घटनाक्रम ने यह भी उजागर किया है कि स्थानीय स्तर पर राजनीतिक टकराव किस हद तक हिंसक रूप ले चुका है।