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Delhi AQI: दिल्ली-एनसीआर में सांसों पर संकट, आनंद विहार से फरीदाबाद तक हवा ज़हरीली, AQI 400 के पार

Delhi NCR Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता फिर खतरनाक, आनंद विहार में AQI 400 पार
Delhi NCR Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता फिर खतरनाक, आनंद विहार में AQI 400 पार (File Photo)
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दिल्ली-एनसीआर में सांसों पर संकट: आनंद विहार से फरीदाबाद तक हवा ज़हरीली, AQI 400 के पार

सर्दी की दस्तक के साथ ही दिल्ली-एनसीआर की हवा एक बार फिर ज़हर घोलने लगी है। नवंबर की शुरुआत होते ही राजधानी और इसके आसपास के शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, शनिवार की शाम दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 से ऊपर दर्ज किया गया, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है।


सुबह की धुंध से शाम तक दमघोंटू हवा

दिन की शुरुआत हल्के कोहरे और धुंध से हुई, जिसने पूरे शहर को अपने घेरे में ले लिया। सुबह 8 बजे तक दिल्ली का औसत AQI 245 था, लेकिन शाम होते-होते यह स्तर तेजी से बढ़ा और कई इलाकों में 350 से 400 के बीच पहुंच गया।
PM 2.5 का स्तर 210 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक दर्ज किया गया, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों से कई गुना अधिक है।


आनंद विहार और जहांगीरपुरी सबसे प्रदूषित

शाम पांच बजे तक आनंद विहार दिल्ली-एनसीआर का सबसे प्रदूषित इलाका बन गया, जहां AQI 400 तक पहुंच गया। जहांगीरपुरी में भी स्थिति गंभीर रही, जहां यह आंकड़ा 390 दर्ज किया गया।
विशेषज्ञों के अनुसार, इन इलाकों में औद्योगिक गतिविधियों और वाहनों की अधिकता प्रदूषण के मुख्य कारणों में से एक है।


फरीदाबाद, गुरुग्राम और गाजियाबाद में भी बिगड़ी हवा

दिल्ली से सटे अन्य प्रमुख शहर भी वायु प्रदूषण से अछूते नहीं रहे।
फरीदाबाद का AQI 255, गुरुग्राम का 260 और गाजियाबाद का करीब 280 तक दर्ज किया गया।
इन सभी जगहों पर हवा की गुणवत्ता “खराब” से “बहुत खराब” श्रेणी में पहुंच चुकी है।
लोगों ने बताया कि शाम के समय बाहर निकलने पर आंखों में जलन और गले में खराश महसूस हो रही है।


पराली जलाने और वाहनों से बढ़ा बोझ

वायु प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर के पीछे सबसे बड़ा कारण पराली जलाना, वाहन उत्सर्जन और औद्योगिक धुआं बताया जा रहा है। पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि दर्ज की गई है, जिसकी वजह से हवा में सूक्ष्म कणों की मात्रा बढ़ गई है।
इसके साथ ही, दिल्ली की सड़कों पर बढ़ते वाहनों से निकलने वाला धुआं हालात को और बिगाड़ रहा है।


सरकार और प्रदूषण नियंत्रण एजेंसियां सतर्क

दिल्ली सरकार ने इस स्थिति को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) लागू किया है। इसके तहत निर्माण गतिविधियों पर रोक, डीज़ल वाहनों की निगरानी, और सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।
साथ ही, CPCB और स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लगातार निगरानी कर रहे हैं और AQI अपडेट जारी कर रहे हैं।


स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी

डॉक्टरों ने नागरिकों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है।
एम्स दिल्ली के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. आर.के. आनंद के अनुसार, “ऐसे हालात में बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा से पीड़ित लोगों को घर के अंदर रहना चाहिए। बाहर निकलते समय N95 मास्क का प्रयोग आवश्यक है।”

विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक प्रदूषित हवा में रहने से सांस की बीमारियाँ, हृदय रोग और फेफड़ों की कार्यक्षमता पर असर पड़ सकता है।


नागरिकों के लिए सुझाव

  • सुबह और देर शाम बाहर निकलने से बचें।

  • घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।

  • पौधे जैसे स्नेक प्लांट और पीस लिली लगाएं जो हवा को शुद्ध करते हैं।

  • पानी अधिक पिएं और शरीर को हाइड्रेटेड रखें।

  • मास्क पहनना न भूलें।


आने वाले दिनों में राहत या और संकट?

मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले कुछ दिनों तक हवा की दिशा और तापमान में गिरावट के चलते प्रदूषण स्तर में और वृद्धि हो सकती है।
अगर बारिश नहीं हुई, तो दिल्ली-एनसीआर को कम से कम एक सप्ताह और इस दमघोंटू हवा में रहना पड़ सकता है।


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Aryan Ambastha

राष्ट्रभारत डॉट कॉम में लेखक एवं विचारक | वित्त और उभरती तकनीकों में गहरी रुचि | राजनीति एवं समसामयिक मुद्दों के विश्लेषक | कंटेंट क्रिएटर | नालंदा विश्वविद्यालय से स्नातक।

प्रौद्योगिकी, वित्त, राजनीति और समाज के आपसी संबंधों को समझने और व्याख्या करने का विशेष कौशल रखते हैं। जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित और संतुलित दृष्टिकोण के साथ पाठकों तक पहुँचाना इनकी पहचान है। संपर्क: aryan.ambastha@rashtrabharat.com