डिजिटल डेस्क, पटना।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रचार अभियान के बीच राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। एनडीए और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी क्रम में रविवार को कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा दोनों पर तीखा हमला बोला।
उन्होंने आरोप लगाया कि “नीतीश कुमार को बिहार के लोगों से ज्यादा सत्ता और कुर्सी से मोह है। मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने के लिए उन्होंने बार-बार गठबंधन बदला, लेकिन जनता अब सब जान चुकी है।”
‘सत्ता के मोह में लाचार हो गए नीतीश’
पटना में प्रेस से बातचीत के दौरान पायलट ने कहा,
“ये वही नीतीश कुमार हैं, जिन्होंने एक समय नरेंद्र मोदी को बिहारियों के डीएनए पर सवाल उठाने पर सैकड़ों काटे हुए नाखून भेजे थे। लेकिन आज वही नीतीश कुमार प्रधानमंत्री के आगे बेबस और लाचार नजर आते हैं। मुख्यमंत्री की कुर्सी के मोह ने उन्हें सिद्धांतहीन बना दिया है।”
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब “सत्ता पलटू राजनीति” को समझ चुकी है। जो नेता हर बार परिस्थिति देखकर पाला बदलता है, जनता उस पर भरोसा नहीं करती।
‘डबल इंजन सरकार हर मोर्चे पर फेल’
कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा और जेडीयू की सरकार ने “डबल इंजन” का जो नारा दिया था, वह सिर्फ कागजों पर रह गया।
“बिहार की सड़कों से लेकर स्कूलों, अस्पतालों और रोजगार योजनाओं तक—हर जगह अव्यवस्था है। डबल इंजन की सरकार ने बिहार को कोई नई दिशा नहीं दी, बल्कि जनता को भ्रम और झूठे वादों के जाल में फंसा रखा है।”
उन्होंने कहा कि एनडीए ने पिछले 20 सालों में बिहार को बदलने का मौका गवां दिया। “लोग अब प्रवास, बेरोजगारी और गरीबी से परेशान हैं। बिहार का युवा आज भी रोजगार के लिए बाहर जा रहा है, यह राज्य की असफल नीतियों का प्रमाण है,” पायलट ने कहा।
भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी पर भी हमला
सचिन पायलट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और सवाल किया,
“मोदी जी बिहार में रोड शो करने आ रहे हैं, लेकिन क्या उन्होंने अपने किए वादे पूरे किए हैं? 1.25 लाख करोड़ रुपये का विशेष पैकेज कहां गया? किसानों की आय दोगुनी करने का क्या हुआ? रोजगार और निवेश के वादे का क्या हुआ?”
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बिहार को “विकास की झूठी तस्वीर” दिखाई, लेकिन हकीकत में कोई ठोस काम नहीं हुआ।
पायलट ने तंज करते हुए कहा कि “जिन सड़कों पर प्रधानमंत्री का रोड शो होगा, वही सड़कें हैं जहां बेरोजगार छात्रों को लाठियां खानी पड़ीं।”
‘400 पार’ से घटकर ‘बैसाखियों’ पर आई भाजपा
कांग्रेस नेता ने भाजपा की 2024 की लोकसभा चुनावी रणनीति पर कटाक्ष करते हुए कहा,
“भाजपा ने 400 पार का दावा किया था, लेकिन 250 सीटें भी मुश्किल से लाई। आज उसे बिहार और आंध्र प्रदेश में अपनी बैसाखियों का सहारा लेना पड़ रहा है। ये बताता है कि देश की जनता अब विभाजनकारी राजनीति से तंग आ चुकी है।”
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब बिहार में “सत्ता नहीं, सेवा” की राजनीति लौटे।
‘सरकार बदले बिना विकास असंभव’
पायलट ने कहा कि बिहार की समस्याओं की जड़ “लंबे समय से चल रहा विफल शासन” है। उन्होंने कहा,
“बिहार को विकास की राह पर लाना है तो सरकार बदलनी होगी। नए नेतृत्व और नई सोच के बिना बिहार आगे नहीं बढ़ सकता।”
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि उनकी पार्टी “विकास, रोजगार और पारदर्शी शासन” को लेकर जनता के बीच जाएगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बिहार के युवाओं, किसानों और महिलाओं के लिए ठोस रोडमैप तैयार किया है, जो चुनाव के समय जारी किया जाएगा।
राजनीतिक विश्लेषण
विशेषज्ञों के अनुसार, पायलट का यह बयान न सिर्फ नीतीश कुमार बल्कि भाजपा पर भी सीधा हमला है, जो कांग्रेस को राज्य में प्रासंगिक बनाए रखने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
बिहार में कांग्रेस का जनाधार सीमित है, लेकिन पायलट जैसे राष्ट्रीय नेताओं के तेवरों से पार्टी “वैकल्पिक विपक्ष” की छवि गढ़ने की कोशिश में है।
समाप्ति विचार
सचिन पायलट का यह हमला बिहार चुनाव के बीच एक नया राजनीतिक ताप लेकर आया है।
एक ओर प्रधानमंत्री मोदी “जंगलराज” का मुद्दा उठा रहे हैं, वहीं पायलट ने “कुर्सी प्रेम” और “विफल डबल इंजन” का नैरेटिव खड़ा कर दिया है।
आगामी दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि बिहार की जनता किस नैरेटिव पर भरोसा करती है—स्थिरता की राजनीति या बदलाव की चाह।