फुटाला झील के आसमान में रोमांच का नज़ारा
नागपुर, 4 नवंबर: फुटाला झील का शांत पानी मंगलवार को एक अनोखे अनुभव का साक्षी बना। रंग-बिरंगे पैरामोटर जब आकाश में उड़ान भरते दिखे, तो झील के किनारे जुटी भीड़ उत्साह से झूम उठी। पायलटों ने आकाश में करतब दिखाते हुए शहर की खूबसूरती को एक नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया।
बढ़ती लोकप्रियता ने दिया रोमांच को नया आयाम
मध्य भारत में पैरामोटरिंग तेजी से लोकप्रिय हो रही है। नागपुर जैसे शहरों में इस खेल के प्रति युवाओं का आकर्षण बढ़ रहा है। पैरामोटरिंग न केवल साहसिक खेल है, बल्कि यह पर्यटकों को शहर की प्राकृतिक सुंदरता को ऊंचाई से देखने का अवसर देता है।
प्रशिक्षित पायलटों का शानदार प्रदर्शन
इन उड़ानों का संचालन प्रशिक्षित व प्रमाणित पायलटों — श्री प्रकाश चिव्हे, श्री अभय राठौड़ और श्री सुभाष धुर्वे — ने किया। तीनों पायलटों ने सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए कई अद्भुत फ्लाइट प्रदर्शन दिए। उन्होंने फुटाला झील, वेटरनरी कॉलेज, सेमिनरी हिल, तेलंखेड़ी और भरत नगर के ऊपर से उड़ान भरते हुए शानदार दृश्य प्रस्तुत किए।
नागरिकों का उत्साह और सहभागिता
फुटाला झील परिसर में बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद थे। कई लोग अपने परिवारों के साथ पहुंचे और पूरे आयोजन का आनंद लिया। बच्चों और युवाओं ने पैरामोटर को आसमान में उड़ते देख रोमांच महसूस किया। कई लोगों ने पायलटों से मुलाकात कर पैरामोटरिंग का अनुभव लेने की इच्छा भी जताई।
सुरक्षा उपाय और भविष्य की योजना
सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ की गई थीं। उड़ानों से पहले पायलटों ने विस्तृत सुरक्षा जांच की। आयोजकों ने बताया कि आने वाले महीनों में नागपुर के रामटेक क्षेत्र से नियमित पैरामोटरिंग और हवाई साहसिक खेलों की शुरुआत की जाएगी। उद्देश्य है कि आम लोग भी इस अनुभव से जुड़ सकें।
पर्यटन को मिलेगा नया प्रोत्साहन
पैरामोटरिंग गतिविधियाँ नागपुर को एडवेंचर टूरिज्म के नक्शे पर स्थापित कर सकती हैं। शहर के चारों ओर फैला प्राकृतिक सौंदर्य और झीलें इस खेल के लिए आदर्श स्थान बनाती हैं। स्थानीय प्रशासन भी पर्यटन बढ़ाने के लिए ऐसे आयोजनों को प्रोत्साहन दे रहा है।
युवाओं में बढ़ती दिलचस्पी
नागपुर के युवा अब पारंपरिक खेलों के साथ-साथ साहसिक खेलों की ओर रुझान दिखा रहे हैं। पैरामोटरिंग जैसे खेल युवाओं में आत्मविश्वास और साहस बढ़ाते हैं। स्थानीय पायलटों का कहना है कि आने वाले समय में प्रशिक्षण केंद्रों की संख्या भी बढ़ेगी।