रुड़की में पुलिस की कार्रवाई, 60 प्रतिबंधित कफ सीरप बरामद
रुड़की (उत्तराखंड):
उत्तराखंड पुलिस ने नशे के अवैध कारोबार पर एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए एक युवक को 60 प्रतिबंधित कफ सीरप की शीशियों के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी युवक पंजाब का निवासी है और लंबे समय से इस अवैध कारोबार में संलिप्त था। पुलिस के अनुसार, आरोपी उत्तराखंड से सस्ती दर पर कफ सीरप खरीदकर पंजाब में ऊंचे दामों पर बेचता था।
गश्त के दौरान पकड़ में आया आरोपी
कोतवाली सिविल लाइंस क्षेत्र के अपर उप निरीक्षक नरेंद्र राठी अपनी टीम के साथ गंगनहर पटरी क्षेत्र में गश्त पर थे। उसी दौरान एक संदिग्ध युवक पुलिस की नज़र में आया। तलाशी लेने पर युवक के पास से प्रतिबंधित कफ सीरप की 60 शीशियाँ बरामद हुईं। पुलिस ने तत्काल उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की।
आरोपी की पहचान और खुलासा
पूछताछ में युवक की पहचान भूपेंद्र के रूप में हुई, जो पंजाब के संगरूर ज़िले के धूरी सदर थाना क्षेत्र के ग्राम बटूहा का निवासी है। फिलहाल वह बरनाला ज़िले के सिटी-01 थाना क्षेत्र के शक्ति कला मंदिर वाली गली में रह रहा था।
भूपेंद्र ने पूछताछ में बताया कि वह उत्तराखंड के बंदा रोड स्थित एक मेडिकल स्टोर से यह कफ सीरप खरीदता था। उसने पुलिस को बताया कि एक शीशी वह 300 रुपये में खरीदता है और पंजाब में 500 रुपये में बेचता है।
कोई बिल या वैध दस्तावेज़ नहीं दिखा सका आरोपी
जब पुलिस ने उससे खरीदी का बिल या वैध लाइसेंस मांगा, तो वह कोई दस्तावेज़ प्रस्तुत नहीं कर सका। आरोपी ने माना कि यह पूरा लेन-देन अवैध रूप से किया जा रहा था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंसेस (NDPS) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
पुलिस ने की मेडिकल स्टोर संचालक की तलाश शुरू
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मनीष उपाध्याय ने बताया कि भूपेंद्र से पूछताछ के आधार पर उस मेडिकल स्टोर संचालक की तलाश की जा रही है, जिससे यह प्रतिबंधित सिरप खरीदा गया था। पुलिस की टीम संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है ताकि इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की भी पहचान की जा सके।
पंजाब में बड़ी मात्रा में होता है प्रतिबंधित कफ सीरप का उपयोग
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के प्रतिबंधित कफ सीरप का उपयोग नशे के रूप में किया जाता है। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में इस सिरप की अवैध बिक्री का नेटवर्क फैला हुआ है। यह सिरप नशेड़ियों के बीच लोकप्रिय है क्योंकि इसमें कोडीन जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो मादक प्रभाव उत्पन्न करते हैं।
पुलिस की चौकसी और आगामी कार्रवाई
उत्तराखंड पुलिस ने हाल के महीनों में ऐसे कई मामलों का भंडाफोड़ किया है, जहां मेडिकल स्टोर्स या व्यक्तिगत तस्कर प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री कर रहे थे। पुलिस ने कहा कि अब इस मामले में नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने के लिए विशेष टीम गठित की गई है।
निरीक्षक मनीष उपाध्याय ने कहा, “यह केवल एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि एक संगठित अवैध व्यापार का संकेत है। हम उन सभी लोगों को चिन्हित करेंगे जो इस कड़ी में शामिल हैं।”
उत्तराखंड पुलिस की यह कार्रवाई नशे के अवैध व्यापार पर बड़ी चोट है। आरोपी भूपेंद्र ने आर्थिक लाभ के लिए नशे की लत को बढ़ावा देने का अपराध किया। पुलिस अब पूरे नेटवर्क की जांच में जुटी है ताकि प्रतिबंधित दवाओं की सप्लाई चेन को तोड़ा जा सके और समाज में बढ़ रहे नशे के प्रकोप को रोका जा सके।