बिहार की सियासत में बड़ा फेरबदल: भाजपा विधायक ललन पासवान राजद में शामिल
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण से ठीक पहले राज्य की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है। पीरपैंती के भाजपा विधायक ललन पासवान ने बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की सदस्यता ग्रहण कर ली।
उन्होंने पटना स्थित राबड़ी देवी के आवास पर तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी की उपस्थिति में पार्टी ज्वाइन की। इस कदम से भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है, जबकि राजद खेमे में उत्साह का माहौल है।
भाजपा पर दलित विरोधी होने का आरोप
ललन पासवान ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा दलित विरोधी और सामंतवादी विचारधारा की पार्टी है। उन्होंने आरोप लगाया,
“भाजपा में दलित और अतिपिछड़ों की आवाज़ को दबाया जाता है। मुझे खुद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा था कि अगर दलितों की बात करोगे तो तुम्हें सड़क पर ला दिया जाएगा।”
पासवान ने कहा कि भाजपा का असली चेहरा जनता के सामने आ चुका है। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा समाज को हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर बांटकर सत्ता में बने रहना चाहती है, जबकि समाज के वंचित तबकों के विकास पर उसका कोई ध्यान नहीं है।
लालू-तेजस्वी की विचारधारा से प्रेरित
राजद में शामिल होने के बाद ललन पासवान ने लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव की नीतियों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा,
“लालू प्रसाद ने दलित, पिछड़ा और अतिपिछड़ा समाज की आवाज़ को ताकत दी है। तेजस्वी यादव उनके पदचिह्नों पर चलकर इन वर्गों के विकास के लिए काम कर रहे हैं। बिहार का भविष्य तेजस्वी यादव के हाथों में सुरक्षित है।”
पासवान ने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने तीन साल पहले ही राजद की विचारधारा से सहमति बना ली थी, लेकिन अब जाकर औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल हुए हैं।
पीरपैंती में हुआ जोरदार स्वागत
राजद में शामिल होने के बाद जब ललन पासवान पीरपैंती पहुंचे, तो कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। जगह-जगह फूलमालाओं से उनका अभिनंदन किया गया और ढोल-नगाड़ों के साथ जुलूस निकाला गया।
राजद के स्थानीय नेताओं ने कहा कि ललन पासवान के शामिल होने से राजद को दलित और पिछड़ा वर्ग के वोटों में बड़ी मजबूती मिलेगी।
भाजपा पर व्यक्तिगत प्रहार
ललन पासवान ने भाजपा नेतृत्व पर व्यक्तिगत आरोप लगाते हुए कहा,
“भाजपा के बड़े नेताओं ने मुझे चेताया था कि अगर दलित समाज की बात करोगे तो राजनीति में तुम्हारी हिस्सेदारी खत्म कर दी जाएगी। उन्होंने मेरे साथ अन्याय किया, इसलिए मैंने उनका साथ छोड़ने का निर्णय लिया।”
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा केवल अमीरों और सवर्णों की पार्टी बनकर रह गई है। “गरीबों और वंचितों के अधिकारों की लड़ाई अब केवल तेजस्वी यादव ही लड़ सकते हैं,” उन्होंने कहा।
‘14 को तेजस्वी होंगे मुख्यमंत्री’
राजद में शामिल होने के बाद ललन पासवान ने दावा किया कि भागलपुर जिले की सभी सीटों पर महागठबंधन की जीत तय है। उन्होंने कहा,
“जनता भाजपा को सबक सिखाने के लिए तैयार है। भाजपा की दलित-विरोधी नीतियों के खिलाफ एकजुटता बन चुकी है। 14 तारीख को बिहार को नया मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मिलेगा।”
विश्लेषण: सियासी संदेश और असर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मतदान से ठीक पहले भाजपा विधायक का राजद में शामिल होना पार्टी के लिए नैरेटिव और जनभावना दोनों स्तरों पर नुकसानदेह हो सकता है।
ललन पासवान दलित समुदाय से आते हैं, जिनकी बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है।
राजद अब इस कदम को अपने “सामाजिक न्याय” एजेंडे के रूप में प्रचारित कर सकती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां दलित और पिछड़ा वर्ग निर्णायक मतदाता हैं।