प्रथम चरण में मतदान का व्यापक दृश्य
बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 के प्रथम चरण का मतदान लोकतांत्रिक सक्रियता का स्पष्ट उदाहरण रहा। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी इलाकों तक, सभी वर्गों और आयु समूहों में मतदान को लेकर उत्साह दृष्टिगोचर हुआ। लोग अपने मताधिकार का उपयोग करने के लिए सुबह से ही मतदान केंद्रों पर पहुंचते दिखे। यह केवल एक चुनावी प्रक्रिया नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक चेतना का सामूहिक उत्सव प्रतीत हुआ।
वैशाली में पारंपरिक रंगत के साथ मतदान
वैशाली में मतदान केंद्रों पर पारंपरिक लोकधुनों की झंकार सुनाई दी। महिलाएं समूह में चुनाव से संबंधित लोकगीत गाते हुए मतदान केंद्र की ओर बढ़ती नजर आईं। केदार प्रसाद नामक ग्रामीण अपनी भैंस की पीठ पर बैठकर वोट डालने पहुंचे। यह दृश्य लोकतांत्रिक अधिकार के प्रति आम जन की गहरी निष्ठा का प्रतीक रहा।
बुजुर्ग मतदाताओं की प्रेरक भूमिका | Bihar Election Phase 1 Voting
सिवान, बरबीघा और अन्य क्षेत्रों में वृद्ध मतदाताओं का उत्साह उल्लेखनीय रहा। 95 वर्षीय बिजली देवी बरबीघा में मतदान केंद्र तक पहुंचीं। गोपालगंज के फुलवरिया में 105 वर्ष के वृद्ध को परिजनों ने खाट पर लेकर मतदान केंद्र तक पहुंचाया। नालंदा में लगभग 100 वर्षीया जरीना खातून ने मतदान किया। यह स्थितियाँ दर्शाती हैं कि लोकतांत्रिक भागीदारी व्यक्ति की उम्र से बंधी नहीं।
दिव्यांग मतदाताओं की सहभागिता
बक्सर और आरा सहित कई स्थानों पर दिव्यांग मतदाताओं ने भी सक्रिय रूप से मतदान किया। बैसाखी, व्हीलचेयर और परिजनों के सहारे पहुंचकर इन मतदाताओं ने मतदान कर लोकतांत्रिक शक्ति में अपना योगदान दिया। ऐसी भागीदारी सामाजिक समावेशन का सशक्त संकेत प्रस्तुत करती है।
युवा मतदाताओं की उपस्थिति
पहली बार मतदान करने वाले युवाओं में उत्साह स्पष्ट दिखाई दिया। ब्यूटी कुमारी और अन्य युवतियों सहित अनेक युवा मतदाता मतदान केंद्रों पर मौजूद रहे। यह युवा पीढ़ी की राजनीतिक समझ और भागीदारी की सकारात्मक दिशा को इंगित करता है।
नेताओं और कलाकारों की प्रेरक भूमिका
Bihar Election Phase 1 Voting: केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय और बिहार विधानसभा के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने मतदान कर जनता से अधिक से अधिक भागीदारी की अपील की। भोजपुरी अभिनेता खेसारी लाल यादव और पवन सिंह ने भी मतदान कर लोगों को प्रेरित किया।
अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षण का महत्व
कोलंबिया की दो सदस्यीय टीम बिहार में चुनावी प्रक्रिया का निरीक्षण करने पहुंची। यह भारतीय लोकतंत्र पर विश्व समुदाय के विश्वास का संकेत है।
लोकतांत्रिक चेतना का सुदृढ़ आधार
बिहार की धरती ने एक बार फिर लोकतंत्र को केवल व्यवस्था नहीं बल्कि सामूहिक उत्तरदायित्व के रूप में प्रस्तुत किया। मतदान केंद्रों पर उमड़ी भीड़ उस सामाजिक विश्वास को प्रदर्शित करती है जिसे इस राज्य ने सदियों से संजोए रखा है।