Sitamarhi Crime News: सीतामढ़ी में 9 वर्षीय मासूम की निर्मम हत्या से दहला इलाका, टुकड़ों में मिला शव

सीतामढ़ी के बेलसंड थाना क्षेत्र में 9 वर्षीय मोहम्मद साजिद की निर्मम हत्या कर उसके शव को टुकड़ों में काटकर अलग-अलग जगह फेंक दिया गया। पुलिस, फॉरेंसिक और डॉग स्क्वायड की टीम जांच में जुटी है, जबकि इलाके में भय और आक्रोश का माहौल है।
नवम्बर 9, 2025

Bihar Crime: 9 वर्षीय मासूम की हत्या से हिला सीतामढ़ी, टुकड़ों में मिला शव

Sitamarhi Crime News:  सीतामढ़ी जिले के बेलसंड थाना क्षेत्र के रमना गांव में एक 9 वर्षीय बच्चे की निर्मम हत्या ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। मृतक बच्चे की पहचान बेलसंड नगर पंचायत के वार्ड नंबर 4 निवासी मोहम्मद साजिद के रूप में हुई है। वारदात की बर्बरता इस बात से समझी जा सकती है कि बच्चे के शव को कई टुकड़ों में काटकर अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिया गया।

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन हरकत में आया और इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। पुलिस फिलहाल हत्या के कारणों और आरोपियों की पहचान में जुटी है।

Bihar Crime: बिहार के सीतामढ़ी में 9 वर्षीय बच्चे की दर्दनाक हत्या से फैली सनसनी
Bihar Crime: बिहार के सीतामढ़ी में 9 वर्षीय बच्चे की दर्दनाक हत्या से फैली सनसनी

हत्या की सूचना से मचा हड़कंप

जैसे ही रमना गांव में यह खबर फैली कि एक मासूम की लाश टुकड़ों में बरामद हुई है, पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। लोगों ने घटना स्थल पर भारी संख्या में जुटकर पुलिस प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की। स्थानीय लोग इस क्रूर हत्या को देखकर स्तब्ध हैं और पूरे क्षेत्र में आक्रोश व्याप्त है।


Sitamarhi Crime News:  पुलिस और फॉरेंसिक टीम जांच में जुटी

सूचना मिलते ही सीतामढ़ी एसपी के निर्देश पर फॉरेंसिक विशेषज्ञों और डॉग स्क्वायड की टीम को मौके पर भेजा गया। टीम ने घटनास्थल का गहन निरीक्षण किया और आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान चलाया। हालांकि अब तक शव के सभी हिस्से बरामद नहीं हो सके हैं। पुलिस का कहना है कि वे वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर मामले को सुलझाने का प्रयास कर रही है।


परिवार में मातम और ग्रामीणों में आक्रोश

Sitamarhi Crime News: मृतक बच्चे के घर में कोहराम मचा हुआ है। मोहम्मद साजिद के परिजन बदहवास हैं और उन्हें इस बात पर यकीन नहीं हो रहा कि उनके घर का चिराग इतनी दर्दनाक मौत मरेगा। ग्रामीणों ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है और दोषियों को जल्द से जल्द सजा देने की मांग की है।

एक स्थानीय निवासी मोहम्मद सज्जाद ने कहा, “यह किसी राक्षस की करतूत है। ऐसे अपराधियों को फांसी से कम सजा नहीं मिलनी चाहिए।”


प्रशासन की ओर से सख्त कार्रवाई का आश्वासन

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है। आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है और संदिग्ध लोगों से पूछताछ की जा रही है।
एसपी ने कहा कि इस जघन्य अपराध में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और जांच में सहयोग करें।


Sitamarhi Crime News: बच्चों की सुरक्षा पर उठे सवाल

इस निर्मम हत्या ने जिले में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अभिभावक भयभीत हैं और अपने बच्चों को अकेले घर से बाहर भेजने में झिझक महसूस कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन पर दबाव है कि वह इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाए।


समाज में अपराध के बढ़ते स्वरूप पर चिंता

यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि समाज की संवेदनहीनता की एक भयानक मिसाल है। मासूमों के प्रति इस तरह की क्रूरता यह दर्शाती है कि अपराधियों में कानून का डर खत्म होता जा रहा है। आवश्यकता है कि समाज और प्रशासन मिलकर अपराधियों के खिलाफ एकजुट होकर सख्त रुख अपनाएं।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com



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Mohan Bhagwat RSS“हिंदू होना भारत के प्रति उत्तरदायित्व का प्रतीक है” – डॉ. मोहन भागवत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने शनिवार को बेंगलुरु में दो दिवसीय व्याख्यानमाला का शुभारंभ किया। इस व्याख्यान श्रृंखला का विषय था — “राष्ट्रीय जीवन में संघ की दृष्टि और भूमिका”। भागवत जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि “हिंदू होना केवल एक पहचान नहीं है, बल्कि यह भारत के प्रति जिम्मेदारी और उत्तरदायित्व का प्रतीक है।” संघ को समझने के लिए तथ्य जरूरी, अफवाह नहीं अपने संबोधन की शुरुआत में डॉ. भागवत ने कहा कि पिछले एक दशक से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आती रही हैं, परंतु इनमें से अधिकांश धारणाएँ अधूरी या अफवाहों पर आधारित हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा, “संघ को दूसरों की बातों से नहीं जाना जा सकता। जो लोग संघ को समझना चाहते हैं, उन्हें स्वयं अनुभव करना होगा। जब तक ऐसा नहीं होगा, तब तक भ्रम फैलते रहेंगे।” भागवत जी ने यह भी याद दिलाया कि 2018 में दिल्ली में इसी उद्देश्य से व्याख्यानमाला आयोजित की गई थी ताकि संघ के बारे में प्रामाणिक और तथ्यात्मक जानकारी समाज तक पहुँचे। समर्थन या विरोध का आधार तथ्य होना चाहिए आरएसएस प्रमुख ने अपने वक्तव्य में कहा कि किसी भी संगठन के प्रति समर्थन या विरोध भावनाओं पर नहीं, बल्कि तथ्यों पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने कहा, “संघ को समझे बिना उसकी आलोचना या समर्थन करना उचित नहीं। जो लोग संघ को जानते हैं, वे जानते हैं कि इसका उद्देश्य केवल राष्ट्र सेवा है।” भागवत जी के अनुसार, संघ किसी राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, समाज और राष्ट्र की एकजुटता के लिए कार्यरत संस्था है। “हिंदू” शब्द का गहरा अर्थ डॉ. मोहन भागवत ने कहा, “जब हम स्वयं को हिंदू कहते हैं, तो यह केवल धर्म की परिभाषा नहीं, बल्कि हमारी जीवनशैली, हमारी संस्कृति और हमारे राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव है।” उन्होंने समझाया कि हिंदुत्व का अर्थ किसी विशेष पूजा-पद्धति से नहीं, बल्कि उस जीवनदृष्टि से है जो सबके कल्याण और समरसता की भावना रखती है। भागवत जी ने कहा, “हिंदू होना मतलब यह मानना कि हम सब एक ही मातृभूमि के संतान हैं। भारत की सेवा, समाज की रक्षा और संस्कृति का संरक्षण ही सच्चा राष्ट्रधर्म है।” समाज के प्रति उत्तरदायित्व का भाव अपने वक्तव्य में उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह समाज में समरसता और सहयोग की भावना बनाए रखे। उन्होंने कहा, “संघ किसी व्यक्ति या संगठन के विरोध में नहीं, बल्कि सकारात्मक राष्ट्र निर्माण में विश्वास रखता है। हमें एक-दूसरे को समझने और जोड़ने की दिशा में कार्य करना चाहिए।” भागवत जी ने समाज के सभी वर्गों से अपील की कि वे परस्पर मतभेदों को छोड़कर देश के विकास के लिए एकजुट हों। उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा उसकी विविधता में बसती है, और यही विविधता राष्ट्र की शक्ति है। राष्ट्र निर्माण में संघ की भूमिका डॉ. भागवत ने बताया कि संघ का उद्देश्य किसी राजनीतिक सत्ता का केंद्र बनना नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग में राष्ट्रीय चेतना का विकास करना है। उन्होंने कहा, “संघ का काम व्यक्ति निर्माण के माध्यम से राष्ट्र निर्माण करना है। जब व्यक्ति अपने कर्तव्य को समझेगा, तभी समाज और राष्ट्र सशक्त बनेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि आज भारत विश्व में एक नई भूमिका निभाने जा रहा है, और इस परिवर्तन के केंद्र में भारतीय संस्कृति की वही प्राचीन दृष्टि है — “वसुधैव कुटुंबकम्।” Short Summary (50 Words): बेंगलुरु में आयोजित व्याख्यानमाला में आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि हिंदू होना केवल पहचान नहीं, बल्कि भारत के प्रति जिम्मेदारी का भाव है। उन्होंने संघ को समझने के लिए अफवाहों से नहीं, बल्कि तथ्यों से जुड़ने की अपील की और राष्ट्र निर्माण में एकता पर बल दिया।: “हिंदू होना भारत के प्रति उत्तरदायित्व का प्रतीक है” – डॉ. मोहन भागवत