माता वैष्णो देवी संस्थानों में धार्मिक संतुलन को लेकर विश्व हिन्दू परिषद् की चिंता
Vaishno Devi VHP: श्री माता वैष्णो देवी से जुड़े शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक संतुलन को लेकर विश्व हिन्दू परिषद् (विहिप) ने गहरी चिंता जताई है। परिषद् ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल एवं श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष श्री मनोज सिन्हा को संबोधित एक विस्तृत पत्र में इस विषय पर अपनी आपत्तियाँ दर्ज कराई हैं।
Vaishno Devi VHP: परिषद् ने उठाया हिन्दू भावना के संरक्षण का मुद्दा
विहिप ने अपने पत्र में कहा है कि माता वैष्णो देवी से संबंधित सभी संस्थान उन भक्तों की श्रद्धा से प्राप्त निधि से संचालित होते हैं, जिन्होंने मातारानी के प्रति अटूट आस्था रखी है। ऐसे में इन संस्थानों में हिन्दू संस्कृति और धार्मिक मूल्यों का प्रतिबिंब होना स्वाभाविक और आवश्यक है। परिषद् ने इसे “धर्म और संस्कृति से जुड़ी भावनाओं के सम्मान” का प्रश्न बताया है।

Vishva Hindu Parishad News: छात्र-शिक्षक अनुपात में असंतुलन पर आपत्ति
पत्र में बताया गया है कि माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस के पहले बैच में केवल छह हिन्दू छात्र हैं, जबकि 44 मुस्लिम छात्र नामांकित हैं। इसके अलावा, शिक्षकों और कर्मचारियों में भी हिन्दू समुदाय का अनुपात बेहद कम है। परिषद् ने इस स्थिति को हिन्दू समाज की भावना के विपरीत बताया और कहा कि “माता वैष्णो देवी के नाम से चलने वाले संस्थान में ऐसा असंतुलन न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि आस्था पर आघात भी है।”
प्रवेश और नियुक्ति में धार्मिक संतुलन की मांग
Vaishno Devi VHP: विहिप ने सुझाव दिया है कि भविष्य में प्रवेश नीति और शिक्षकों-कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया में धार्मिक संवेदनशीलता का ध्यान रखा जाए। परिषद् ने स्पष्ट किया कि किसी भी वर्ग के साथ भेदभाव की बात नहीं है, बल्कि उद्देश्य यह है कि माता वैष्णो देवी की निधि और संस्थान हिन्दू धार्मिक परंपराओं के अनुरूप संचालित हों।
अदालत के निर्णय का हवाला
परिषद् ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के एक ऐतिहासिक निर्णय का उल्लेख किया है, जिसमें कहा गया था कि मंदिर निधियों का उपयोग केवल हिन्दू धार्मिक और सांस्कृतिक उद्देश्यों के लिए होना चाहिए। विहिप ने इस निर्णय का उदाहरण देते हुए कहा कि माता वैष्णो देवी संस्थान भी इसी सिद्धांत का पालन करें, ताकि भक्तों की भावना और मातारानी के मंदिर की गरिमा बनी रहे।
Vaishno Devi VHP: मातारानी के भक्तों की भावना सर्वोपरि
पत्र के अंत में परिषद् ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से आग्रह किया है कि वे इस विषय की समीक्षा करें और ऐसे कदम उठाएँ जिससे हिन्दू समाज की आस्था और भावना का सम्मान हो सके। परिषद् का मानना है कि यदि माता वैष्णो देवी से जुड़ी संस्थाएँ हिन्दू मूल्यों और परंपराओं के अनुरूप संचालित होती हैं, तो इससे न केवल धार्मिक संतुलन बना रहेगा बल्कि समाज में सामंजस्य का भी संदेश जाएगा।
Vishva Hindu Parishad News: विश्व हिन्दू परिषद् का यह पत्र केवल एक प्रशासनिक आग्रह नहीं, बल्कि हिन्दू समाज की व्यापक भावना का प्रतिनिधित्व करता है। माता वैष्णो देवी जैसे आस्था-स्थलों से जुड़े संस्थानों में धार्मिक संतुलन की माँग इस बात का प्रतीक है कि धर्म, संस्कृति और आस्था को आधुनिक शिक्षा और प्रबंधन के साथ सामंजस्यपूर्वक जोड़ा जा सकता है। अब देखना यह है कि उपराज्यपाल एवं श्राइन बोर्ड इस संवेदनशील विषय पर क्या निर्णय लेते हैं।