फरीदाबाद में डॉक्टरों के नेटवर्क से जुड़ी बड़ी आतंकी साजिश का पर्दाफाश
Faridabad Bomb Chemical Seizure: जम्मू-कश्मीर पुलिस और हरियाणा पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में रविवार को फरीदाबाद के धौज क्षेत्र से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट और भारी मात्रा में हथियार-गोलाबारूद बरामद किया गया। यह बरामदगी एक मेडिकल कॉलेज से जुड़े डॉक्टरों के नेटवर्क से हुई है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों को चौका दिया है।
महिला डॉक्टर की कार से राइफल और गोलियां बरामद
जांच के दौरान पुलिस को अल-फलाह हॉस्पिटल के पास किराए के मकान से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट मिला, जबकि एक महिला डॉक्टर की मारुति स्विफ्ट कार से एक राइफल, तीन मैगजीन और 83 जिंदा कारतूस बरामद किए गए।
यह महिला डॉक्टर उसी अस्पताल में कार्यरत थी, जहां से पहले ही दो कश्मीरी डॉक्टर — डॉ. मुजम्मिल शकील और डॉ. अदील अहमद राठर — को गिरफ्तार किया जा चुका था। पुलिस ने महिला डॉक्टर को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
Faridabad Bomb Chemical Seizure: अमोनियम नाइट्रेट से बन सकते थे उच्च तीव्रता वाले बम
जांच अधिकारियों के अनुसार, बरामद 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट का उपयोग उच्च तीव्रता वाले आईईडी (Improvised Explosive Device) बम बनाने में किया जा सकता था। इस रसायन को आठ बड़े और चार छोटे सूटकेसों में छिपाकर रखा गया था, जो करीब 15 दिन पहले एक ट्रक के जरिए फरीदाबाद भेजा गया था।
बरामदगी में हथियारों का बड़ा जखीरा
बरामद सामग्री में शामिल हैं —
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1 असॉल्ट राइफल (तीन मैगजीन और 83 जिंदा कारतूस सहित)
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1 पिस्टल, 8 जिंदा कारतूस, 2 खाली खोखे
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20 टाइमर बैटरियों सहित
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24 रिमोट कंट्रोल
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वॉकी-टॉकी सेट, इलेक्ट्रिक वायरिंग, बैटरियां
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8 बड़े व 4 छोटे सूटकेस और भारी धातु के टुकड़े
Faridabad Bomb Chemical Seizure: फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त सतेंद्र कुमार ने बताया, “बरामद सामग्री RDX नहीं है, बल्कि स्थानीय स्तर पर खरीदा गया रासायनिक पदार्थ है जो विस्फोटक बनाने में उपयोगी हो सकता है। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर पुलिस और हरियाणा पुलिस की संयुक्त जांच का हिस्सा है।”
डॉक्टरों का आतंकी नेटवर्क: बड़ा खुलासा
दोनों आरोपी डॉक्टर — मुजम्मिल शकील और अदील अहमद राठर — जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं और अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में कार्यरत थे। पुलिस के अनुसार, इनका संबंध प्रतिबंधित आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और गजवात-उल-हिंद से हो सकता है।
जांच में सामने आया कि डॉ. शकील ने फरीदाबाद में धौज इलाके में एक कमरा किराए पर लिया था, जहां विस्फोटक रसायन छिपाया गया था। वहीं, डॉ. राठर पहले से ही हथियार रखने और आतंकी नेटवर्क से संपर्क में होने के आरोप में जम्मू-कश्मीर पुलिस की गिरफ्त में था।
पहले गलत रिपोर्ट, बाद में पुलिस का स्पष्टीकरण
प्रारंभिक रिपोर्टों में दावा किया गया था कि बरामदगी में 300 किलो RDX और AK-47 राइफल शामिल हैं, परंतु बाद में पुलिस ने स्पष्ट किया कि यह सूचना गलत थी। दरअसल, बरामद वस्तु अमोनियम नाइट्रेट है और राइफल सामान्य असॉल्ट राइफल है, न कि AK-47।
जांच का दायरा जम्मू-कश्मीर तक विस्तारित
Faridabad Bomb Chemical Seizure: दोनों डॉक्टरों को अब जम्मू-कश्मीर लाया गया है, जहां उनसे आतंकी नेटवर्क के अन्य संपर्कों के बारे में पूछताछ की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस को ऐसे संकेत मिले हैं कि यह नेटवर्क देश के कई हिस्सों में सक्रिय है और हथियारों की तस्करी में शामिल है।
कानून के तहत सख्त धाराएँ लागू
गिरफ्तार आरोपियों पर आर्म्स एक्ट की धारा 7 और 25 के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम (UAPA) की धाराएँ 13, 28, 38 और 39 लगाई गई हैं। पुलिस ने बताया कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां संभव हैं।
फरीदाबाद की यह बरामदगी केवल एक आतंकी प्रयास को नाकाम करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आतंकी नेटवर्क के एक नए रूप को उजागर करती है — जहां उच्च शिक्षित पेशेवर आतंकी गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। जांच एजेंसियां अब इस मामले को जम्मू-कश्मीर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक जोड़कर देख रही हैं, ताकि ऐसे नेटवर्क का जाल पूरी तरह तोड़ा जा सके।