Delhi Blast Case: लाल किले के सामने धमाका, दिल्ली की सड़कों पर दहशत का माहौल
नई दिल्ली। सोमवार की शाम देश की राजधानी दिल्ली ने वह मंजर देखा जिसने एक बार फिर 13 दिसंबर जैसे हमलों की याद दिला दी। लाल किले के पास हुए जबरदस्त धमाके (Delhi Blast) में नौ लोगों की मौत और बीस से अधिक घायल हुए। धमाके की गूंज न सिर्फ दिल्ली में बल्कि पूरे देश में महसूस की गई। पुलिस और एनआईए की टीमें मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई हैं।
धमाके की गूंज और शुरुआती जांच के संकेत
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यह धमाका एक सफेद रंग की कार में हुआ जो लाल किले के सामने सड़क किनारे कुछ समय तक खड़ी रही। धमाके के बाद आसपास की गाड़ियां और दुकानों के शीशे टूट गए।
प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट, फ्यूल ऑयल और डेटोनेटर्स का प्रयोग किया गया। यह वही सामग्री है जो फरीदाबाद में हाल ही में जब्त किए गए 2900 किलोग्राम RDX के साथ भी पाई गई थी।
फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़ रहे तार
इस पूरे मामले ने सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया है। फरीदाबाद में तीन दिन पहले पुलिस ने एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया था, जिसमें तीन डॉक्टर समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उनके कब्जे से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया गया था।
दिल्ली पुलिस का मानना है कि लाल किले के पास हुआ धमाका उसी नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या दोनों घटनाओं के पीछे कोई एक ही संगठन काम कर रहा था।
Exact moment when the Delhi blast took place earlier today near Red Fort in India’s National Capital. pic.twitter.com/LVdxd3ets7
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) November 10, 2025
सीसीटीवी फुटेज में दिखा नकाबपोश ड्राइवर
सीसीटीवी कैमरों की जांच में पुलिस को एक सफेद कार दिखी है, जिसके चालक ने अपना चेहरा मास्क से ढक रखा था। कार का ड्राइवर बाद में उमर मोहम्मद के रूप में पहचाना गया है, जो पुलवामा का रहने वाला और पेशे से डॉक्टर बताया जा रहा है।
धमाके के कुछ सेकंड पहले कार को लाल किले की ओर बढ़ते हुए देखा गया था। धमाका होते ही चारों ओर अफरा-तफरी मच गई।
देशभर में हाई अलर्ट, सुरक्षा कड़ी
दिल्ली, मुंबई, जयपुर, और चंडीगढ़ समेत कई शहरों में पुलिस और खुफिया एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और मेट्रो स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने संयुक्त रूप से जांच शुरू कर दी है।
राजनीतिक हलचल और सवाल
Delhi Blast Case: धमाके के बाद विपक्षी दलों ने सरकार से सवाल किया है कि राजधानी के सबसे सुरक्षित क्षेत्र में इतनी बड़ी सुरक्षा चूक कैसे हुई। केंद्र सरकार ने जांच एजेंसियों से 48 घंटे में प्रारंभिक रिपोर्ट मांगी है।
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को सतर्क रहने और संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
आतंक की छाया और नागरिकों की चिंता
लाल किले जैसे ऐतिहासिक स्थल के पास धमाका होना सिर्फ एक सुरक्षा चुनौती नहीं, बल्कि देश की सामूहिक चेतना पर भी आघात है। नागरिकों में भय और चिंता का माहौल है। लोग जानना चाहते हैं कि आखिर कब तक निर्दोष आमजन इस तरह की घटनाओं की कीमत चुकाते रहेंगे।
दिल्ली ब्लास्ट ने एक बार फिर देश की सुरक्षा व्यवस्थाओं की कमज़ोरियों को उजागर किया है। फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़े सुराग इस बात की ओर इशारा करते हैं कि यह कोई स्थानीय अपराध नहीं बल्कि योजनाबद्ध आतंकी साजिश थी। जांच एजेंसियों के लिए यह मामला अब राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रश्न बन चुका है।