Bihar Exit Poll: नीतीश-मोदी फैक्टर से एनडीए को भारी बढ़त, महागठबंधन बहुमत से दूर
बिहार की सियासत में एनडीए की वापसी के प्रबल संकेत
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के एग्जिट पोल के नतीजों ने राज्य की सियासत की दिशा लगभग तय कर दी है। सभी प्रमुख सर्वेक्षण एजेंसियों ने एनडीए गठबंधन को स्पष्ट बहुमत का अनुमान दिया है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन को इस बार भी बहुमत की रेखा पार करते नहीं दिखाया गया है।
दूसरे और अंतिम चरण के मतदान के बाद जारी एग्जिट पोलों में जनता का रुझान साफ़ तौर पर एनडीए की ओर झुकता दिखा।
MATRIZE-आईएएनएस सर्वे: एनडीए को 48% वोट शेयर
MATRIZE-आईएएनएस के सर्वे के अनुसार एनडीए को 48% वोट शेयर, जबकि महागठबंधन को 37% वोट शेयर मिलने का अनुमान है।
सीटों के लिहाज से एनडीए को 147 से 167 सीटें, महागठबंधन को 70 से 90 सीटें, और अन्य को 15 सीटें तक मिलने का आकलन किया गया है।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संयुक्त नेतृत्व ने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में वोटरों का विश्वास हासिल किया है।
जेवीसी पोल: केंद्र-राज्य की योजनाओं ने बदली तस्वीर
जेवीसी एग्जिट पोल के अनुसार, एनडीए को 135-150 सीटें जबकि महागठबंधन को 88-103 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है।
जेवीसी विश्लेषकों का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं, विशेषकर महिला सशक्तिकरण, प्रधानमंत्री आवास योजना और ग्रामीण सड़कों के निर्माण जैसी परियोजनाओं ने ग्रामीण वोटरों को प्रभावित किया है।
प्रमुख एजेंसियों के अनुसार संभावित सीटें
| सर्वे एजेंसी | एनडीए | महागठबंधन | जेडीयूपी (JSP) | अन्य |
|---|---|---|---|---|
| चाणक्य | 130–138 | 100–108 | 0 | 3–5 |
| पीपुल्स पल्स | 133–159 | 75–101 | 0 | 0 |
| पोलस्ट्रेट | 133–148 | 87–102 | 0 | 3–5 |
| पीपुल्स इनसाइट | 133–148 | 87–102 | 0–2 | 3–6 |
| मेट्रिक्स (आईएएनएस) | 147–167 | 70–90 | 0 | 0 |
| जेवीसी | 135–150 | 88–103 | 0 | 3–6 |
लगभग सभी एजेंसियों में एनडीए को 130 से 167 सीटों तक मिलने का अनुमान है, जबकि महागठबंधन को 70 से 108 सीटों के बीच सीमित बताया गया है।
पीपल्स इंसाइट पोल: एनडीए की सरकार लगभग तय
Bihar Exit Poll: पीपल्स इंसाइट के सर्वे में एनडीए को 133-148 सीटों का अनुमान दिया गया है। महागठबंधन को 87-102 सीटों के बीच बताया गया है, जबकि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को अधिकतम 2 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है।
यह सर्वे स्पष्ट करता है कि नई राजनीतिक पार्टियों का प्रभाव सीमित रहा है और पारंपरिक वोट बैंक एनडीए के साथ मजबूती से खड़ा है।
अन्य सर्वेक्षणों में भी एनडीए को बढ़त
पीपुल पल्स और पोलस्ट्रेट दोनों ने एनडीए को निर्णायक बढ़त दिखाई है।
पीपुल पल्स सर्वे के अनुसार एनडीए को 133-159 सीटें, महागठबंधन को 75-101 सीटें और अन्य को 2-13 सीटें मिल सकती हैं।
वहीं पोलस्ट्रेट के आंकड़ों में भी एनडीए को 133-148 सीटें और महागठबंधन को 100-108 सीटें दी गई हैं।
तेजस्वी यादव के लिए यह चुनौतीपूर्ण संकेत
तेजस्वी यादव ने पूरे चुनाव अभियान में बेरोजगारी, शिक्षा और महंगाई जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया, परंतु एग्जिट पोल बताते हैं कि जनता ने इस बार भी स्थिरता और विकास के नाम पर एनडीए को तरजीह दी।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि महागठबंधन के घटक दलों के बीच तालमेल की कमी और उम्मीदवार चयन की असंतुलित प्रक्रिया ने उसके प्रदर्शन को कमजोर किया।
नीतीश कुमार की प्रशासनिक छवि और मोदी फैक्टर का असर
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि बिहार में एनडीए की बढ़त का सबसे बड़ा कारण नीतीश कुमार की प्रशासनिक छवि और प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता है।
दोनों नेताओं ने मिलकर भ्रष्टाचार-मुक्त शासन, रोजगार और विकास के एजेंडे पर जनता का विश्वास जीतने में सफलता पाई।
खासकर ग्रामीण इलाकों में महिला मतदाताओं और युवाओं का झुकाव एनडीए की ओर अधिक रहा।
एग्जिट पोल के नतीजे यह संकेत देते हैं कि बिहार की सत्ता एक बार फिर एनडीए के हाथों में जा सकती है।
हालांकि अंतिम परिणाम 15 नवंबर को घोषित होंगे, लेकिन इन सर्वेक्षणों ने यह साफ़ कर दिया है कि जनता फिलहाल सत्ता परिवर्तन के मूड में नहीं है।