Bihar Exit Poll Result 2025: एनडीए को बहुमत के आसार
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ चुके हैं। अधिकांश सर्वेक्षणों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को बहुमत के करीब बताया गया है, जबकि महागठबंधन की स्थिति कमजोर नजर आ रही है। दो चरणों में संपन्न हुए चुनावों के बाद अब सबकी निगाहें 14 नवंबर को आने वाले नतीजों पर टिकी हैं।
मतदान और राजनीतिक परिदृश्य
इस बार बिहार में 243 सीटों के लिए दो चरणों में मतदान संपन्न हुआ। पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को और दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को हुई। राज्य में मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच रहा, लेकिन इस बार कई छोटी पार्टियों ने भी चुनावी समीकरणों को दिलचस्प बना दिया।
प्रशांत किशोर की ‘जन सुराज पार्टी’, असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM और तेज प्रताप यादव की ‘जनशक्ति जनता दल’ ने भी मैदान में उतरकर वोटों का बंटवारा किया, जिससे कई सीटों पर त्रिकोणीय और चतुष्कोणीय मुकाबला देखने को मिला।
एग्जिट पोल में क्या कहा गया?
एग्जिट पोल के आंकड़ों के अनुसार, एनडीए को स्पष्ट बढ़त मिलती दिख रही है। कई सर्वेक्षणों में एनडीए को 125 से 140 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि महागठबंधन को 90 से 100 सीटों तक सीमित बताया गया है। वहीं, अन्य दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में लगभग 10 सीटें जाने की संभावना जताई गई है।
हालांकि, कुछ क्षेत्रों में मुकाबला इतना करीबी रहा कि अंतिम परिणामों में बड़ा उलटफेर भी संभव है। सीमांचल, मगध और भोजपुर क्षेत्र में मतदाताओं का रुझान काफी दिलचस्प रहा।
पप्पू यादव का तंज: “भाजपा 7-8 सीटों से ज्यादा नहीं जीतेगी”
Bihar Exit Poll Result 2025: पूर्णिया से सांसद और निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव ने एग्जिट पोल के नतीजों पर तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा,
“ये लोग आधे घंटे में तय कर लिए कि किसकी सरकार बनेगी? सीमांचल की 24 सीटों में भाजपा मुश्किल से 7-8 सीटें ही जीतेगी। जनता अब बदलाव चाहती है, और इस बार युवा वर्ग निर्णायक भूमिका निभाएगा।”
उनका कहना है कि इस बार एग्जिट पोल का गणित फेल हो सकता है, क्योंकि जमीनी हकीकत अलग है।
विजय कुमार सिन्हा का पलटवार: “जनता ही मालिक है”
बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता विजय कुमार सिन्हा ने विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए कहा,
“वो लोग लोकसभा में भी सरकार बनाने की बात करते रहे, लेकिन जनता ने जो जनादेश दिया, उसे स्वीकार करना ही लोकतंत्र का आधार है। विपक्ष जितनी भी बयानबाजी कर ले, परिणाम जनता के फैसले पर निर्भर करेंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और केंद्र की योजनाओं का लाभ बिहार के मतदाताओं तक पहुंचा है, जिसका असर चुनाव परिणामों में दिखेगा।
कांग्रेस का मत: “एग्जिट पोल भरोसेमंद नहीं”
कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने एग्जिट पोल पर सवाल उठाते हुए कहा,
“एग्जिट पोल हमेशा सही नहीं होते। कई बार इनकी भविष्यवाणी गलत साबित होती है। हमें उम्मीद है कि इस बार भी वास्तविक परिणाम कुछ और होंगे।”
उन्होंने कहा कि जनता के असली मूड का अंदाजा केवल मतगणना के दिन ही लगाया जा सकता है।
जनता की राय और उम्मीदें
राज्यभर में लोगों के बीच यह चर्चा तेज है कि क्या नीतीश कुमार एक बार फिर सत्ता में वापसी करेंगे या तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन कोई चमत्कार कर पाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दे अहम रहे, जबकि शहरी मतदाताओं ने विकास और स्थिरता को प्राथमिकता दी।
निष्कर्ष: नतीजों से तय होगा बिहार का भविष्य
अब सारी निगाहें 14 नवंबर पर हैं, जब चुनाव आयोग के परिणाम घोषित होंगे। फिलहाल एग्जिट पोल ने राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज कर दी है। एनडीए समर्थक आत्मविश्वास से भरे दिख रहे हैं, जबकि महागठबंधन रणनीति के नए विकल्प तलाश रहा है। जो भी नतीजा आए, बिहार की राजनीति में यह चुनाव एक नई दिशा तय करेगा।