भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर राज्यव्यापी जनजातीय गौरव महोत्सव
नागपुर, 13 नवम्बर — भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रखर जननायक एवं आदिवासी क्रांति के प्रणेता भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में महाराष्ट्र सरकार द्वारा “जनजातीय गौरव महोत्सव” का भव्य आयोजन नागपुर में 15 से 17 नवम्बर तक किया जा रहा है।
यह आयोजन न केवल श्रद्धांजलि का प्रतीक है, बल्कि आदिवासी समाज के सर्वांगीण विकास की दिशा में राज्य सरकार का एक ऐतिहासिक कदम भी है।
आदिवासी विकास मंत्री डॉ. अशोक वुईके ने बताया कि इस अवसर पर राज्य के लगभग 4,975 आदिवासी ग्रामों में समग्र विकास अभियान आरंभ किया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सिंचाई, सड़क, आवास और महिला सशक्तिकरण से जुड़े कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जाएगा।
महोत्सव का भव्य शुभारंभ
महोत्सव का उद्घाटन 15 नवम्बर को प्रातः 11 बजे मानकापुर स्थित विभागीय क्रीड़ा संकुल में होगा।
इस समारोह का उद्घाटन महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत करेंगे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस करेंगे।
विशेष अतिथियों में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार शामिल होंगे।
यह आयोजन सांस्कृतिक एकता, जनजातीय परंपरा और सामाजिक विकास का एक अनूठा संगम प्रस्तुत करेगा।
कार्यक्रमों की श्रृंखला: परंपरा और प्रगति का संगम
16 नवम्बर को “चेतना परिषद”, “प्रधानमंत्री जनमन अभियान” और “धरती आबा ग्राम उत्कर्ष कार्यक्रम” जैसी कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा।
इन कार्यशालाओं में जनजातीय युवाओं को आत्मनिर्भरता, कृषि नवाचार और सामाजिक नेतृत्व से जोड़ने पर बल दिया जाएगा।
17 नवम्बर को “रानी दुर्गावती महिला सशक्तिकरण सम्मेलन” एवं “युवक-युवती संवाद” आयोजित किया जाएगा, जिसमें केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम और नितिन गडकरी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
इन कार्यक्रमों का उद्देश्य आदिवासी महिलाओं और युवाओं को मुख्यधारा के विकास से जोड़ना है।
4,975 आदिवासी ग्रामों में विकास की नई पहल
मंत्री डॉ. अशोक वुईके ने बताया कि 4,975 ग्रामों में जनसेवा शिविर आयोजित किए जा रहे हैं, जहाँ विभिन्न विभागों के अधिकारी ग्रामीणों से सीधे संवाद करेंगे।
इन शिविरों में भूमि अधिकार, वनाधिकार, छात्रवृत्ति, स्वास्थ्य परीक्षण, पोषण अभियान, महिला स्वयं सहायता समूह और शिक्षा योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।
यह पहल आदिवासी समाज के सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस प्रयास है, जो आत्मनिर्भर भारत की भावना को और बल देगा।
सांस्कृतिक विरासत और जनजागरण का मंच
“जनजातीय गौरव महोत्सव” में आदिवासी नृत्य, लोकगीत, हस्तकला प्रदर्शन और परंपरागत खेलों का आयोजन किया जाएगा।
इन कार्यक्रमों से नई पीढ़ी को अपने सांस्कृतिक मूल्यों और इतिहास से जोड़ने का अवसर मिलेगा।
महोत्सव के दौरान “धरती आबा” बिरसा मुंडा के आदर्शों पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जिसमें उनके जीवन, संघर्ष और स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान को प्रदर्शित किया जाएगा।
सरकारी प्रतिबद्धता और जनता की भागीदारी
आदिवासी विकास आयुक्त लीना बनसोड ने सभी नागरिकों से इस महोत्सव में अधिकाधिक संख्या में शामिल होने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा कि यह आयोजन केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि आदिवासी गौरव और सामाजिक एकता की दिशा में राज्य की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
आदिवासी विकास की नई दिशा
भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर आयोजित यह महोत्सव राज्य सरकार की जनजातीय उत्थान के प्रति समर्पित भावना का प्रतीक है।
नागपुर में होने वाला यह तीन दिवसीय आयोजन एक नई विकास दृष्टि प्रस्तुत करेगा, जहाँ परंपरा, संस्कृति और प्रगति एक साथ कदमताल करेंगे।
यह कार्यक्रम न केवल आदिवासी समाज के सम्मान का उत्सव है, बल्कि भारत के समग्र विकास में उनकी महती भूमिका को पुनः स्थापित करने का अवसर भी।