बिहार की राजनीति में संक्रमण काल और सत्ता परिवर्तन की गूंज
बिहार में सत्ता परिवर्तन की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। एनडीए की प्रचंड जीत के बाद राज्य की राजनीति एक बार फिर निर्णायक मोड़ पर खड़ी दिखाई दे रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार भंग करने की औपचारिक जानकारी सौंप दी है, जिसके साथ ही नई राजनीतिक संरचना के रास्ते लगभग साफ हो गए हैं। 19 तारीख को विधानसभा भंग करने की प्रक्रिया पूरी होने जा रही है और 20 तारीख को नई सरकार के शपथग्रहण का समारोह आयोजित किया जाएगा। इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने के लिए प्रधानमंत्री का भी पटना आगमन प्रस्तावित है, जिससे यह स्पष्ट है कि इस बार सत्ता परिवर्तन सिर्फ प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं बल्कि एक बड़ा राजनीतिक आयोजन बनने जा रहा है।
कैबिनेट की निर्णायक बैठक और गोपनीय एजेंडा
मौजूदा सरकार की अंतिम कैबिनेट बैठक सुबह से ही राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बनी रही। बैठक का एजेंडा पूरी तरह गोपनीय रखा गया, जिसके कारण अलग-अलग अटकलें राजनीतिक गलियारों में तैरती दिखीं। बैठक समाप्त होने के बाद जेडीयू नेता और मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि कैबिनेट ने सरकार भंग करने की औपचारिक प्रक्रिया को अंतिम मंजूरी दे दी है। उनका कहना था कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के अनुसार अब नई सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
विजय कुमार चौधरी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कदम पूरी तरह संवैधानिक प्रक्रिया का हिस्सा है और राज्य में प्रशासनिक कार्यकाल बाधित न हो उसके लिए आगे की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। हालांकि उन्होंने यह स्वीकार किया कि इस राजनीतिक बदलाव का असर राज्य की नौकरशाही और नीति-कार्यान्वयन के स्तर पर कुछ समय के लिए दिख सकता है, परंतु यह संक्रमण काल स्वाभाविक है।
#WATCH | पटना, बिहार: JDU नेता विजय कुमार चौधरी ने कहा, “आज कैबिनेट की बैठक हुई। कैबिनेट ने 19 नवंबर से वर्तमान विधानसभा को भंग करने की अनुशंसा की है। यह बात अभी मुख्यमंत्री के माध्यम से राज्यपाल को बता दी गई है। दूसरा प्रस्ताव यह था कि वर्तमान सरकार के पूरे कार्यकाल में बिहार के… pic.twitter.com/NYGWio4zwa
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 17, 2025
नीतीश कुमार की राज्यपाल से महत्वपूर्ण भेंट
राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर से मुलाकात कर नीतीश कुमार ने सरकार भंग करने की सिफारिश दी, जो कि बदलते राजनीतिक परिदृश्य में अपेक्षित कदम माना जा रहा था। मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री सीधे अपने आवास पहुंचे जहां वे शीर्ष अधिकारियों के साथ चर्चा में व्यस्त रहे। सूत्रों के अनुसार प्रशासनिक हस्तांतरण की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए अलग-अलग विभागों को निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
राजनीति जानकारों का मानना है कि नीतीश कुमार एक बार फिर अपनी राजनीतिक रणनीति के केंद्र में आ गए हैं। पिछले दो दशकों से बिहार की सत्ता में उनका प्रभाव लगातार बना हुआ है और यह ताजा राजनीतिक घटनाक्रम भी उनकी भूमिका को और महत्वपूर्ण बनाता है।
#WATCH | बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजभवन से रवाना हुए और पटना स्थित अपने आवास पहुंचे।
हाल ही में संपन्न #BiharElection2025 में NDA ने राज्य की 243 सीटों में से 202 सीटें जीतकर शानदार जीत दर्ज की। pic.twitter.com/MAb0tczn20
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 17, 2025
तेजस्वी यादव और राजद में आत्ममंथन की प्रक्रिया
दूसरी ओर विपक्षी दल में मंथन का दौर जारी है। राबड़ी-लालू परिवार में उभर रही अंतर्कलह और रोहिणी आचार्य के हालिया आरोपों ने राजद के कथित ‘आंतरिक संकट’ को उजागर कर दिया है। इस पृष्ठभूमि में तेजस्वी यादव आज अपने विधायकों की बैठक की अध्यक्षता करने वाले हैं, जिसमें वे हार के कारणों पर खुलकर चर्चा करेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मत है कि राजद के लिए यह समय आत्ममंथन का है, क्योंकि लगातार बदलते राजनीतिक समीकरणों में संगठनात्मक मजबूती ही उन्हें भविष्य की राजनीति में टिकाए रख सकती है।
VIDEO | Patna: After Bihar’s Cabinet meeting, state minister and BJP leader Prem Kumar says, “The oath-taking ceremony of the newly formed government will take place on 20th November at Gandhi Maidan. The current government will be dissolved on the 19th. PM Modi and lakhs of… pic.twitter.com/wXfeYBOc4N
— Press Trust of India (@PTI_News) November 17, 2025
नई सरकार के शपथ समारोह की तैयारियों में तेजी
20 तारीख को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं। यह समारोह सिर्फ सत्ता हस्तांतरण का नहीं बल्कि एनडीए की नयी राजनीतिक शक्ति का सार्वजनिक प्रदर्शन भी माना जा रहा है। भाजपा और जेडीयू नेताओं ने इस समारोह को ऐतिहासिक बताते हुए कहा है कि यह हर बिहारी के लिए गौरव का क्षण होगा।
विजय सिन्हा ने भी कहा कि नई सरकार के शपथ ग्रहण से बिहार में विकास की नई शुरुआत होगी। उन्होंने दावा किया कि आने वाले पांच साल राज्य के लिए निर्णायक साबित होंगे।
राजनीति में उठापटक और जनता की उम्मीदें
बिहार की जनता इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम को उत्सुकता से देख रही है। राज्य में बार-बार होने वाले राजनीतिक बदलाव लोगों के मन में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की प्रतिक्रियाएँ पैदा कर रहे हैं। जहां एक वर्ग नई सरकार से रोजगार, शिक्षा और कानून-व्यवस्था की दिशा में परिवर्तन की उम्मीद कर रहा है, वहीं दूसरा वर्ग मानता है कि राजनीतिक अस्थिरता विकास के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा रही है।
फिर भी यह सच है कि बिहार की राजनीति में इस समय एक नई कहानी लिखी जा रही है। आने वाला समय बताएगा कि यह राजनीतिक परिवर्तन राज्य के लिए कितना लाभकारी सिद्ध होगा।