मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान की समयसीमा में परिवर्तन
राज्य निर्वाचन आयोग का निर्णय
उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों को गति देने के उद्देश्य से मतदाता सूची के वृहद पुनरीक्षण अभियान के कार्यक्रम में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने पूर्व निर्धारित समयसीमा में संशोधन करते हुए अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन की तिथि को 15 जनवरी से बढ़ाकर अब छह फरवरी कर दिया है। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक नागरिकों को अपनी जानकारी संशोधित करने या अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वाने का अवसर प्रदान करना है।
पुनरीक्षित समयसारिणी का विस्तृत विवरण
सुलतानपुर जिले में जारी आधिकारिक जानकारी के अनुसार मतदाता सूची से जुड़े क्रमिक कार्यों में नई तिथियाँ तय की गई हैं। कंप्यूटरीकृत मतदाता सूची तैयार करने की अंतिम तिथि अब दस दिसंबर होगी। इसके पश्चात मतदान केंद्रों और मतदेय स्थलों का क्रमांकन तथा विभिन्न वार्डों की मैपिंग की प्रक्रिया 22 दिसंबर तक पूरी की जाएगी।
निर्धारित कार्यक्रम के तहत 23 दिसंबर को प्रारंभिक मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। नागरिकों को इस सूची का निरीक्षण करने के लिए 30 दिसंबर तक का समय प्रदान किया गया है। इसी अवधि में दावे और आपत्तियाँ स्वीकार की जाएंगी। इसके अतिरिक्त, एक जनवरी 2026 को 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले युवाओं को भी मतदाता बनाने हेतु आवेदन स्वीकार किए जाएंगे, जिससे युवा वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
दावे और आपत्तियों के निस्तारण की प्रक्रिया
31 दिसंबर से छह जनवरी तक प्राप्त दावों एवं आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। सात जनवरी से मतदाता सूची की हस्तलिखित पांडुलिपि तैयार कर सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के कार्यालय में जमा करने की प्रक्रिया शुरू होगी, जो 12 जनवरी तक जारी रहेगी। इसके उपरांत 13 से 29 जनवरी के बीच नए मतदाताओं की पूरक सूची तैयार की जाएगी। इस सूची को मूल मतदाता सूची के साथ समाहित किया जाएगा ताकि निर्वाचन नामावली पूर्ण एवं अद्यतन स्वरूप में उपलब्ध हो सके।
मतदान केंद्रों और वार्डों की अंतिम तैयारी
30 जनवरी से पांच फरवरी तक मतदान केंद्रों और मतदेय स्थलों का सत्यापन, मतदाताओं की क्रम संख्या निर्धारण, वार्डों की मैपिंग और अंतिम मतदाता सूची की प्रतिलिपि डाउनलोड करने का कार्य संचालित होगा। पूरे संशोधन और सत्यापन की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद छह फरवरी को अंतिम निर्वाचक नामावली प्रकाशित कर दी जाएगी, जिससे आमजन अपनी मतदान पात्रता की पुष्टि कर सकेंगे।
प्रशासनिक अधिकारियों का बयान
उप जिला निर्वाचन अधिकारी एवं अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) गौरव शुक्ल ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पूर्व मतदाता सूची को व्यापक रूप से अद्यतन किया जाना आवश्यक था। इसी को ध्यान में रखते हुए पुनरीक्षण अभियान के कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। उनका कहना है कि नागरिकों को अब पर्याप्त समय प्राप्त होगा जिससे वे अपनी जानकारी सही कर सकें और त्रुटिरहित मतदाता सूची तैयार की जा सके।
नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण अवसर
पुनरीक्षित कार्यक्रम से नागरिकों को यह सुविधा प्राप्त हुई है कि वे अपने नाम, पते या आयु सम्बन्धी किसी भी त्रुटि को समय रहते ठीक करा सकें। विशेषकर युवाओं के लिए यह अवसर महत्वपूर्ण है, जो पहली बार मतदान के लिए पात्र हो रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाता जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं ताकि किसी भी पात्र नागरिक का नाम सूची से छूट न जाए। पंचायत स्तर पर अधिकारी घर-घर संपर्क कर नागरिकों को आवेदन प्रक्रिया के प्रति जागरूक कर रहे हैं।
पंचायत चुनाव की तैयारी का चरण
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव उत्तर प्रदेश में लोकतांत्रिक व्यवस्था की बुनियाद माने जाते हैं। ऐसे में मतदान प्रक्रिया और मतदाता सूची की शुद्धता अत्यंत आवश्यक है। आयोग द्वारा समयसीमा बढ़ाने का निर्णय प्रशासनिक रूप से आवश्यक माना जा रहा है, जिससे निर्वाचन प्रक्रिया निष्पक्ष और सटीक बनाई जा सके।
इस बार विशेष रूप से मतदेय स्थलों की मैपिंग और सूची के डिजिटलीकरण पर जोर दिया जा रहा है, जिससे आगामी चुनावों में तकनीकी व्यवस्था बेहतर तरीके से लागू की जा सके।
अंतिम मतदाता सूची का छह फरवरी को प्रकाशन निश्चित रूप से प्रदेश के करोड़ों मतदाताओं के लिए महत्वपूर्ण घटना होगी। इस नई समयसारिणी के माध्यम से राज्य निर्वाचन आयोग ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची से छूटने न पाए। पंचायत चुनावों की दिशा में यह एक अहम कदम है, जो लोकतांत्रिक भागीदारी और प्रशासनिक पारदर्शिता दोनों को सुदृढ़ करने में सहायक सिद्ध होगा।