नई दिल्ली। बुधवार 19 नवंबर को कीमती धातुओं के बाजार में निवेशकों के लिए राहत की खबर आई है। पिछले कारोबारी सत्र में जबरदस्त गिरावट देखने के बाद आज सोने और चांदी की कीमतों में फिर से तेजी देखी जा रही है। सुबह 10.30 बजे तक एमसीएक्स में सोने में 178 रुपये प्रति 10 ग्राम की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जबकि चांदी में 449 रुपये प्रति किलो की तेजी देखने को मिली। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि कल की गिरावट के बाद आज की तेजी एक तरह से रिकवरी मानी जा सकती है।
एमसीएक्स में सोने का प्रदर्शन
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में बुधवार की सुबह 10.30 बजे के करीब 10 ग्राम सोने की कीमत 122,818 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रही थी। इसमें पिछले बंद भाव की तुलना में 178 रुपये प्रति 10 ग्राम की तेजी दर्ज की गई। दिन भर के कारोबार में अब तक सोने ने 122,546 रुपये प्रति 10 ग्राम का निचला स्तर और 122,970 रुपये प्रति 10 ग्राम का उच्चतम स्तर छुआ।
गौरतलब है कि मंगलवार को सोने का दाम 122,640 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। इससे पहले सोमवार को सोने में जबरदस्त गिरावट देखी गई थी, जिसके बाद आज की रिकवरी निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत मानी जा रही है।
सोने में तेजी के कारण
बाजार विश्लेषकों के अनुसार, सोने में आज की तेजी कई कारणों से है। पहला, कल की जबरदस्त गिरावट के बाद निवेशकों ने सस्ते भाव पर खरीदारी शुरू कर दी। दूसरा, अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने में कुछ रिकवरी देखी गई, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा। तीसरा, डॉलर में कमजोरी आने से भी सोने को समर्थन मिला।
चांदी में भी आई जबरदस्त तेजी
एमसीएक्स में चांदी का प्रदर्शन सोने से भी बेहतर रहा। सुबह 10.30 बजे के करीब चांदी का भाव 155,093 रुपये प्रति किलो के स्तर पर था, जिसमें पिछले बंद भाव की तुलना में 449 रुपये प्रति किलो की तेजी दर्ज की गई। दिन भर के कारोबार में अब तक चांदी ने 154,484 रुपये प्रति किलो का निचला स्तर और 155,568 रुपये प्रति किलो का उच्चतम स्तर बनाया।
चांदी में सोने की तुलना में अधिक अस्थिरता देखने को मिलती है क्योंकि यह औद्योगिक उपयोग और निवेश दोनों के लिए इस्तेमाल होती है। इसकी मांग में उतार-चढ़ाव सोने की तुलना में अधिक होता है, जिससे कीमतों में भी तेज उछाल या गिरावट देखने को मिलती है।
चांदी में तेजी की वजहें
विशेषज्ञों का मानना है कि औद्योगिक मांग में सुधार के संकेत मिलने से चांदी में तेजी आई है। इसके अलावा, सोने के साथ चांदी में भी निवेशकों ने सस्ते भाव पर खरीदारी की, जिससे इसकी कीमतों को समर्थन मिला। इलेक्ट्रॉनिक्स और सोलर पैनल उद्योग में चांदी की बढ़ती मांग भी इसकी कीमतों को सहारा देती है।
देश के प्रमुख शहरों में सोने की कीमत
देश के विभिन्न शहरों में सोने की कीमतों में थोड़ा अंतर देखने को मिलता है। यह अंतर स्थानीय कर, परिवहन लागत और स्थानीय मांग-आपूर्ति की स्थिति के कारण होता है। आइए जानते हैं कि देश के प्रमुख शहरों में आज सोने की कीमत क्या है।
| शहर | सोने का भाव | चांदी की कीमत |
| पटना | ₹123,150 | ₹155,610 |
| जयपुर | ₹123,200 | ₹155,680 |
| कानपुर | ₹123,250 | ₹155,740 |
| लखनऊ | ₹123,250 | ₹155,740 |
| भोपाल | ₹123,580 | ₹156,150 |
| इंदौर | ₹123,580 | ₹156,150 |
| चंडीगढ़ | ₹123,450 | ₹155,980 |
| रायपुर | ₹123,400 | ₹155,920 |
पटना में सबसे सस्ता सोना
पटना में 10 ग्राम सोने की कीमत 123,150 रुपये है, जो देश के प्रमुख शहरों में सबसे कम है। बिहार की राजधानी में सोने की मांग अपेक्षाकृत कम होने और स्थानीय कर संरचना के कारण यहां सोना कुछ सस्ता मिलता है। यहां 1 किलो चांदी की कीमत 155,610 रुपये है, जो भी अन्य शहरों की तुलना में कम है।
जयपुर और उत्तर प्रदेश के शहर
गुलाबी नगर जयपुर में 10 ग्राम सोने की कीमत 123,200 रुपये है, जबकि चांदी 155,680 रुपये प्रति किलो पर उपलब्ध है। उत्तर प्रदेश के कानपुर और लखनऊ में सोने की कीमत समान है। दोनों ही शहरों में 10 ग्राम सोना 123,250 रुपये में मिल रहा है, जबकि चांदी की कीमत 155,740 रुपये प्रति किलो है।
मध्य प्रदेश में सबसे महंगा सोना
भोपाल और इंदौर में सोने की कीमत देश के प्रमुख शहरों में सबसे अधिक है। दोनों ही शहरों में 10 ग्राम सोने की कीमत 123,580 रुपये है। यहां चांदी भी सबसे महंगी है, जिसकी कीमत 156,150 रुपये प्रति किलो है। मध्य प्रदेश में स्थानीय कर और उच्च मांग के कारण सोना-चांदी महंगे होते हैं।
अन्य शहरों की स्थिति
चंडीगढ़ में 10 ग्राम सोने की कीमत 123,450 रुपये है और चांदी 155,980 रुपये प्रति किलो पर मिल रही है। वहीं छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सोना 123,400 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 155,920 रुपये प्रति किलो पर कारोबार कर रही है।
शहरों के बीच कीमतों में अंतर क्यों
विभिन्न शहरों में सोने और चांदी की कीमतों में अंतर के कई कारण हैं। स्थानीय कर और शुल्क सबसे बड़ा कारण है। कुछ राज्यों में वैट या अन्य स्थानीय कर अधिक होते हैं, जिससे वहां सोना-चांदी महंगे होते हैं।
दूसरा कारण परिवहन लागत है। जो शहर मुंबई, दिल्ली या अहमदाबाद जैसे प्रमुख व्यापारिक केंद्रों से दूर हैं, वहां परिवहन की लागत अधिक होती है, जो कीमतों में जुड़ जाती है।
तीसरा कारक स्थानीय मांग-आपूर्ति की स्थिति है। जिन शहरों में सोने-चांदी की मांग अधिक होती है और आपूर्ति कम, वहां कीमतें अधिक होती हैं। इसके विपरीत, जहां मांग कम और आपूर्ति पर्याप्त है, वहां कीमतें अपेक्षाकृत कम रहती हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार का प्रभाव
भारतीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतें काफी हद तक अंतरराष्ट्रीय बाजार से प्रभावित होती हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें डॉलर में तय होती हैं, इसलिए रुपये-डॉलर की विनिमय दर का भी सीधा प्रभाव पड़ता है।
जब डॉलर कमजोर होता है, तो सोना महंगा होता है और जब डॉलर मजबूत होता है, तो सोना सस्ता हो जाता है। इसी तरह, अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीतिक तनाव, केंद्रीय बैंकों की नीतियां और वैश्विक आर्थिक स्थिति भी सोने-चांदी की कीमतों को प्रभावित करती हैं।
फेडरल रिजर्व की नीतियां
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीतियां भी सोने की कीमतों पर गहरा असर डालती हैं। जब ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो निवेशक बैंक डिपॉजिट और बॉन्ड जैसे ब्याज देने वाले निवेशों की ओर रुख करते हैं, जिससे सोने की मांग घट जाती है। इसके विपरीत, जब ब्याज दरें घटती हैं, तो सोने में निवेश का आकर्षण बढ़ जाता है।
निवेशकों के लिए क्या है सलाह
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि सोने और चांदी में निवेश करने वालों को दीर्घकालिक नजरिया रखना चाहिए। कीमती धातुओं में अल्पकालिक उतार-चढ़ाव आम बात है, लेकिन लंबी अवधि में ये पोर्टफोलियो को सुरक्षा प्रदान करती हैं।
सही समय पर खरीदारी
जब बाजार में गिरावट हो, तब खरीदारी करना बेहतर रणनीति मानी जाती है। कल की गिरावट के बाद आज जो निवेशकों ने खरीदारी की, वह एक अच्छा उदाहरण है। हालांकि, बाजार की समय सीमा का अनुमान लगाना मुश्किल होता है, इसलिए व्यवस्थित निवेश योजना बनाना बेहतर होता है।
विविधीकरण जरूरी
वित्तीय सलाहकारों का सुझाव है कि निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में सोने और चांदी को शामिल जरूर करना चाहिए, लेकिन पूरा पैसा केवल कीमती धातुओं में नहीं लगाना चाहिए। एक संतुलित पोर्टफोलियो में इक्विटी, डेट और कमोडिटी सभी का उचित मिश्रण होना चाहिए।
भौतिक सोना या ईटीएफ
निवेशकों के पास सोने में निवेश के कई विकल्प हैं। भौतिक सोना खरीदना सबसे पारंपरिक तरीका है, लेकिन इसमें सुरक्षा और भंडारण की चिंता रहती है। सोने के ईटीएफ या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड आधुनिक विकल्प हैं, जो सुविधाजनक और सुरक्षित हैं।
त्योहारी सीजन का प्रभाव
भारत में त्योहारों और शादी के सीजन में सोने की मांग में काफी वृद्धि होती है। हाल ही में दिवाली और धनतेरस बीत चुकी है, जिस दौरान सोने की खरीदारी में बढ़ोतरी देखी गई। अब शादी का सीजन चल रहा है, जो दिसंबर-जनवरी तक चलेगा। इस दौरान सोने की मांग मजबूत रहने की संभावना है।
ग्रामीण मांग का योगदान
भारत में ग्रामीण क्षेत्रों से भी सोने की अच्छी मांग आती है। अच्छी फसल के बाद किसान अपनी बचत का एक हिस्सा सोने में निवेश करते हैं। इस साल खरीफ की फसल अच्छी रही है और रबी की बुवाई भी संतोषजनक है, इसलिए ग्रामीण मांग भी सोने की कीमतों को समर्थन देगी।
आगे क्या हो सकता है
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि निकट अवधि में सोने और चांदी की कीमतों में अस्थिरता जारी रह सकती है। अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों, खासकर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों और डॉलर की चाल पर नजर रखनी होगी।
हालांकि, दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखें तो वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, भू-राजनीतिक तनाव और मुद्रास्फीति की चिंताओं के कारण सोने की मांग मजबूत रहने की उम्मीद है। इसलिए निवेशकों को धैर्य के साथ अपनी रणनीति पर कायम रहना चाहिए।
निष्कर्ष
आज सोने और चांदी में आई तेजी कल की गिरावट के बाद एक राहत भरी खबर है। हालांकि, बाजार में अस्थिरता जारी है और निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है। विभिन्न शहरों में कीमतों में अंतर को ध्यान में रखते हुए खरीदारी करना और दीर्घकालिक नजरिया रखना बेहतर रणनीति होगी। बाजार की नियमित निगरानी और विशेषज्ञों की सलाह लेना भी महत्वपूर्ण है।
Disclaimer:
इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जानकारियों और बाजार की प्रवृत्तियों पर आधारित है। यह किसी भी प्रकार की निवेश सलाह (Investment Advice) नहीं है। सोना–चाँदी या अन्य कीमती धातुओं में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार (Financial Advisor) से परामर्श अवश्य करें। लेख में उल्लिखित दरें समय और स्थान के अनुसार बदल सकती हैं। लेखक या प्रकाशक निवेश में हुए किसी लाभ या हानि के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।