लाल किले की पार्किंग में तीन घंटे तक विस्फोटक जोड़ता रहा उमर: जांच में नए खुलासे

Delhi Blast
Delhi Blast: लाल किले की पार्किंग में उमर के तीन घंटे का रहस्य, जांच में नए सुराग (File Photo: IANS)
दिल्ली विस्फोट मामले की जांच में पता चला कि आरोपी उमर ने लाल किले की पार्किंग में तीन घंटे तक विस्फोटक तैयार किया। लाल किला बंद होने के कारण योजना बदली गई और नेटाजी सुभाष मार्ग पर धमाका हुआ। जांच में मॉड्यूल के घबराहट में कार्रवाई करने तथा टेलीग्राम नेटवर्क से संपर्क के संकेत मिले।
नवम्बर 19, 2025

दिल्ली विस्फोट मामले में महत्वपूर्ण खुलासा

लाल किले की पार्किंग में तीन घंटे तक सक्रिय रहा आरोपी

दिल्ली में 10 नवंबर को हुए भीषण विस्फोट ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इस घटनाक्रम ने राष्ट्रीय राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था, खुफिया सूचनाओं की विश्वसनीयता और आतंकी नेटवर्क की जटिलता को लेकर कई गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। अब जांच एजेंसियों द्वारा जुटाई गई नई सूचनाओं से पता चलता है कि विस्फोट में आरोपी डॉ. उमर मोहम्मद ने लाल किले के समीप स्थित सार्वजनिक पार्किंग स्थल में तीन घंटे तक विस्फोटक उपकरण को तैयार किया था। यह जानकारी सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों से प्राप्त हुई है, जिनके अनुसार उमर की गतिविधियाँ इस पूरे समय अत्यंत संदिग्ध थीं।

तीन घंटे की रहस्यमयी हलचल

जांच रिकॉर्ड से पता चलता है कि हरियाणा पंजीकृत ह्यूंदई i20 कार, जिसे उमर चला रहा था, 3:19 बजे लाल किला पार्किंग में प्रवेश करती है और 6:22 बजे बाहर निकलती है। इन तीन घंटों के दौरान उमर वाहन से बाहर नहीं निकला। इसी अवधि में उसने कथित तौर पर विस्फोटक संयोजन को अंतिम रूप दिया।
सूत्रों के अनुसार मोबाइल नेटवर्क की गतिविधि इस क्षेत्र में उस दिन असामान्य रूप से अधिक दर्ज की गई, जिससे संकेत मिलता है कि उमर अपने कथित संपर्कों से लगातार बातचीत में था।

असफल योजना और खाली पड़ा परिसर

प्रारंभिक योजना के अनुसार, विस्फोट लाल किले के मुख्य परिसर या उससे सटे पार्किंग क्षेत्र में अधिक भीड़भाड़ वाले समय में किए जाने की आशंका जताई जा रही है। किंतु जांच में यह सामने आया कि आरोपी समूह ने यह अनुमान नहीं लगाया था कि सोमवार को लाल किला पर्यटकों के लिए बंद रहता है। पार्किंग लगभग खाली थी, जिससे अधिक नुकसान पहुँचाने की संभावित योजना विफल होती दिखाई दी।
खाली वातावरण और सुरक्षा कर्मियों की नियमित आवाजाही देखकर योजना को बदलने का निर्णय लिया गया। इसी के बाद उमर वाहन को पार्किंग से बाहर निकालकर भीड़भाड़ वाले नेटाजी सुभाष मार्ग की ओर ले गया।

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Delhi Blast: लाल किले की पार्किंग में उमर के तीन घंटे का रहस्य, जांच में नए सुराग (File Photo: IANS)

स्थान परिवर्तन और विनाशकारी परिणाम

नेटाजी सुभाष मार्ग, जहाँ एक ओर लाल किला स्थित है और दूसरी ओर चांदनी चौक का व्यस्त इलाका, भीड़ के लिहाज से अत्यंत संवेदनशील माना जाता है। पार्किंग छोड़ने के थोड़े समय बाद ही उमर ने वाहन में लगे विस्फोटक को सक्रिय किया। विस्फोट ने 13 लोगों की जान ले ली और लगभग 20 लोग घायल हो गए।
बम की तीव्रता से उत्पन्न यह विनाशकारी दृश्य राजधानी के हृदय क्षेत्र में दहशत फैलाने के लिए पर्याप्त था। सुरक्षा एजेंसियाँ अब इस बात की पड़ताल कर रही हैं कि क्या यह विस्फोट योजना का मुख्य हिस्सा था या फिर अचानक परिस्थितियों में किए गए बदलाव के कारण लिया गया विकट निर्णय।

उमर के तीन घंटे: इंतजार, योजना या संपर्क?

जांच अधिकारी यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि उमर ने इतनी देर तक लाल किले जैसे अति-संवेदनशील क्षेत्र में जोखिम क्यों उठाया। क्या वह किसी स्थानीय संपर्क की प्रतीक्षा कर रहा था? क्या किसी ‘स्लीपर सेल’ के सदस्य से मिलने का निर्देश उसे दिया गया था? या क्या यही तीन घंटे विस्फोटक उपकरण तैयार करने में आवश्यक समय थे?
इन सभी प्रश्नों का उत्तर अभी जांच के दायरे में है, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि इन तीन घंटों में उमर की डिजिटल गतिविधियाँ उसके नेटवर्क की संरचना समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

मॉड्यूल में घबराहट की आशंका

सूत्रों का यह भी कहना है कि आतंक मॉड्यूल के कुछ अन्य सदस्यों की हालिया गिरफ्तारी ने नेटवर्क में भय का वातावरण उत्पन्न किया था। संभावना जताई जा रही है कि इसी दबाव और संभवतः पकड़े जाने के डर से उमर ने विस्फोट को समय से पहले अंजाम देने का निर्णय किया।
यह पहलू भी जांच के दायरे में है कि कहीं मॉड्यूल के भीतर किसी ने जल्द कार्रवाई करने का दबाव तो नहीं बनाया था।

टेलीग्राम चैनल और संभावित स्लीपर सेल की जांच

जांच अधिकारी अब इस मॉड्यूल से जुड़े अन्य सदस्यों की गतिविधियों का विश्लेषण कर रहे हैं, विशेषकर उस टेलीग्राम समूह की, जिसका उपयोग कथित रूप से संचार के लिए किया जाता था। यह भी देखा जा रहा है कि क्या दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय अन्य स्लीपर सेल मौजूद हैं और क्या इस विस्फोट का संबंध किसी बड़े आतंकी नेटवर्क से है।
जम्मू-कश्मीर और हरियाणा से इस मॉड्यूल के संभावित संबंधों की भी गहन जांच की जा रही है। विस्फोटक सामग्री कहां से लाई गई, किसने इसे संरचित करने का प्रशिक्षण दिया और इस हमले का व्यापक उद्देश्य क्या था—इन सभी बिंदुओं पर सुरक्षा एजेंसियाँ तेजी से कार्य कर रही हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र पर बढ़े सवाल

दिल्ली जैसे सघन सुरक्षा वाले क्षेत्र में, विशेषकर लाल किला परिसर के समीप, इस प्रकार के गंभीर आतंकी कृत्य का घटित होना कई चिंताएं उत्पन्न करता है। यह घटना न केवल राजधानी में सुरक्षा तंत्र की कमजोरियों की ओर संकेत करती है, बल्कि इस बात को भी स्पष्ट करती है कि आतंकी संगठन अब भी नए तरीकों और डिजिटल माध्यमों का उपयोग कर योजनाओं को अंजाम देने में सक्षम हैं।
अधिकारियों का कहना है कि इस घटना के हर पहलू की सटीक पड़ताल की जा रही है और किसी भी संदिग्ध संपर्क की जांच से समझौता नहीं किया जाएगा।

यह समाचार IANS एजेंसी के इनपुट के आधार पर प्रकाशित किया गया है।

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Asfi Shadab

Writer, thinker, and activist exploring the intersections of sports, politics, and finance.