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Delhi AQI: दिल्ली की जहरीली हवा से बचाव के लिए विशेषज्ञों ने दी इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने की सलाह

Delhi Air Pollution: जहरीली हवा से बचने के लिए विशेषज्ञों ने इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने की दी सलाह
Delhi Air Pollution: जहरीली हवा से बचने के लिए विशेषज्ञों ने इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने की दी सलाह (File Photo)
दिल्ली में सर्दी की शुरुआत के साथ वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। कई इलाकों में AQI 450 को पार कर गया। विशेषज्ञों के अनुसार वाहनों से 40 फीसदी प्रदूषण होता है। रोजाना 1800 नई गाड़ियां जुड़ने से PM2.5 उत्सर्जन लगातार बढ़ रहा है। एक्सपर्ट्स ने इलेक्ट्रिक वाहन, ऑटो एलपीजी और स्वच्छ ईंधन अपनाने की सलाह दी है। निवेशक भी इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर में रुचि दिखा रहे हैं। नीति निर्माताओं, उद्योग और नागरिकों को मिलकर टिकाऊ परिवहन की ओर बढ़ने की जरूरत है।
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दिल्ली में सर्दी की शुरुआत के साथ ही एक बार फिर से वायु प्रदूषण ने खतरनाक स्तर छू लिया है। राजधानी के कई इलाकों में AQI यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक का स्तर 450 को पार कर गया है, जो सुरक्षित सीमा से बहुत अधिक है। यह स्थिति न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि लाखों लोगों की सेहत के लिए भी गंभीर चुनौती बन गई है। इस समस्या से निपटने के लिए विशेषज्ञों ने इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने और स्वच्छ ईंधन की ओर बदलाव की जरूरत पर जोर दिया है।

वाहनों से होता है 40 फीसदी प्रदूषण

दिल्ली में वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण वाहनों से निकलने वाला धुआं है। अध्ययनों के अनुसार राजधानी में कुल वायु प्रदूषण का 40 फीसदी हिस्सा सिर्फ वाहनों से होता है। रोजाना लगभग 1800 नई गाड़ियां दिल्ली की सड़कों पर जुड़ती हैं, जिससे PM2.5 का उत्सर्जन लगातार बढ़ता जा रहा है। यातायात दिल्ली के कुल PM2.5 भार के लगभग आधे हिस्से के लिए जिम्मेदार है। विभिन्न उपायों के बावजूद निजी गाड़ियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, जो प्रदूषण की समस्या को और गंभीर बना रहा है।

इलेक्ट्रिक वाहन हैं समाधान

स्टेटिक के सीईओ और संस्थापक अक्षित बंसल ने इस गंभीर समस्या पर अपनी राय साझा करते हुए कहा कि दिल्ली जैसे बड़े शहरों में वायु प्रदूषण एक बड़ी चुनौती बन गया है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर स्विच करना उत्सर्जन को रोकने का एक शक्तिशाली और प्रभावी उपाय है। हालांकि इसके लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें पेट्रोल और डीजल वाहनों की तरह सस्ती होनी चाहिए। उपभोक्ताओं को इस बदलाव के लिए प्रोत्साहित करने के लिए किफायती दामों पर इलेक्ट्रिक गाड़ियां उपलब्ध कराना जरूरी है।

अक्षित बंसल ने आगे कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए उपभोक्ता का व्यवहार बहुत महत्वपूर्ण है। इससे एक स्थायी यातायात व्यवस्था बनती है जो जनता के स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों को लाभ पहुंचाती है। उन्होंने सरकार और उद्योग से मिलकर मजबूत चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग सिस्टम के निर्माण के लिए साझेदारी करने की अपील की। सही प्रोत्साहन, तकनीकी नवाचार और उपभोक्ता जागरूकता के साथ भारत एक स्वच्छ और हरित परिवहन भविष्य की ओर तेजी से बढ़ सकता है।

ऑटो एलपीजी भी है बेहतर विकल्प

इंडियन ऑटो एलपीजी संगठन के जनरल डायरेक्टर सुयश गुप्ता ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ऑटो एलपीजी को एक प्रभावी समाधान बताया। उन्होंने कहा कि दिल्ली खासकर सर्दियों के महीनों में स्मॉग की वजह से गंभीर वायु प्रदूषण का सामना करती है। इससे निपटने के लिए एक सुनियोजित रणनीति की जरूरत है जो स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा दे, सख्त उत्सर्जन नियम लागू करे और लोगों को टिकाऊ विकल्प अपनाने के लिए प्रोत्साहित करे।

सुयश गुप्ता के अनुसार ऑटो एलपीजी शहरी यातायात के लिए सबसे व्यावहारिक, सस्ता और तैयार समाधान है। यह गाड़ी मालिकों के लिए रनिंग कॉस्ट कम करते हुए नुकसानदायक उत्सर्जन को काफी कम करता है। इसलिए यह दिल्ली की प्रदूषण रणनीति में केंद्र में होना चाहिए। मौजूदा पेट्रोल और डीजल गाड़ियों को एलपीजी में बदलना एक व्यावहारिक तरीका है जो मालिकों के निवेश को बचाते हुए जीवनपर्यंत उत्सर्जन को कम करता है।

वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय है एलपीजी

ऑटो एलपीजी पहले से ही दुनिया भर में लोकप्रिय है और 70 देशों में लगभग 3 करोड़ गाड़ियों में इसका इस्तेमाल होता है। भारत ने पहले ही सैकड़ों शहरों में लगभग 1500 ऑटो एलपीजी डिस्पेंसिंग स्टेशनों के साथ एक मजबूत आधार बना लिया है। इससे तेजी से इसे बढ़ाना संभव और किफायती हो गया है। ऑटो एलपीजी को बढ़ावा देने से शहरों में उत्सर्जन कम होगा, दिल्ली के लोगों पर स्वास्थ्य का बोझ घटेगा और वायु की गुणवत्ता में सुधार होगा।

निवेशक भी दिखा रहे रुचि

बिजडेटअप के मैनेजिंग डायरेक्टर जीत चंदन ने कहा कि हर साल की तरह दिल्ली एक बार फिर खराब वायु गुणवत्ता से जूझ रही है। ऐसे में स्वच्छ यातायात के बारे में बातचीत नीति और निवेश दोनों पर चर्चा का केंद्र बन रही है। वेंचर कैपिटलिस्ट आज इलेक्ट्रिक वाहनों को सिर्फ एक स्थिरता का ट्रेंड नहीं मानते, बल्कि वे इसे बड़े क्लाइमेट-टेक मूवमेंट के एक हाई-ग्रोथ घटक के तौर पर देखते हैं जो पर्यावरण और वित्तीय दोनों तरह से फायदा दे सकता है।

शहरी वायु प्रदूषण और उत्सर्जन में परिवहन क्षेत्र की भूमिका ने इलेक्ट्रिक वाहनों को भारत की डीकार्बोनाइजेशन यात्रा में एक अहम जरिया बना दिया है। इसे नीतिगत प्रोत्साहन और बढ़ती उपभोक्ता जागरूकता का समर्थन मिला है। वेंचर इकोसिस्टम में उन्नत बैटरी नवाचार और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर फ्लीट इलेक्ट्रिफिकेशन और स्मार्ट मोबिलिटी सॉफ्टवेयर तक पूरे इलेक्ट्रिक वाहन वैल्यू चेन के निर्माण की ओर एक स्पष्ट बदलाव देखा जा रहा है।

सामूहिक प्रयास की जरूरत

जीत चंदन ने बताया कि बिजडेटअप के पोर्टफोलियो का लगभग 60 फीसदी हिस्सा इस इकोसिस्टम पर आधारित है। यह विश्वास दर्शाता है कि टिकाऊ विकास का भविष्य भारत के अपने नवाचार परिदृश्य से उभरने वाली स्केलेबल और जलवायु-लचीली प्रौद्योगिकी में निहित है।

दिल्ली लगातार खराब हवा की समस्या से जूझ रही है। ऐसे में नीति निर्माताओं, उद्योग जगत और नागरिकों के लिए मिलकर काम करना बहुत जरूरी हो गया है। स्वच्छ ईंधन, टिकाऊ गतिशीलता और जिम्मेदार निर्माण की तरफ तेजी से बदलाव लाना राजधानी के लिए एक स्वस्थ और हरित भविष्य सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक होगा। सभी को मिलकर इस दिशा में काम करना होगा ताकि आने वाली पीढ़ियां स्वच्छ हवा में सांस ले सकें।

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Asfi Shadab

Writer, thinker, and activist exploring the intersections of sports, politics, and finance.