जरूर पढ़ें

पाकिस्तान में इमरान खान और जनरल मुनीर के बीच सत्ता की लड़ाई, कौन जीतेगा यह संघर्ष

Asim Muneer and Imran Khan Pakistan: पाकिस्तान में सत्ता संघर्ष की पूरी कहानी
Asim Muneer and Imran Khan Pakistan: पाकिस्तान में सत्ता संघर्ष की पूरी कहानी (File Photo)
पाकिस्तान में इमरान खान और जनरल आसिम मुनीर के बीच सत्ता संघर्ष चरम पर है। जेल में बंद इमरान खान को जनता का भरपूर समर्थन मिला हुआ है, जबकि जनरल मुनीर ने संवैधानिक संशोधन के जरिए अपनी सैन्य शक्ति मजबूत कर ली है। पिछले 25 दिनों से इमरान खान सार्वजनिक रूप से नहीं दिखे हैं, जिससे अफवाहें तेज हो गई हैं। नए संशोधन से न्यायपालिका की स्वतंत्रता खत्म हो गई है और जनरल मुनीर को पहला चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज बनाया गया है। यह संघर्ष पाकिस्तान के भविष्य को तय करेगा।
Updated:

पाकिस्तान में इस समय सत्ता को लेकर एक बड़ी लड़ाई चल रही है। एक तरफ पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान हैं जिन्हें जनता का भरपूर समर्थन मिला हुआ है, और दूसरी तरफ सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर हैं जिनके पास सैन्य ताकत है। यह संघर्ष सिर्फ दो व्यक्तियों के बीच नहीं है, बल्कि यह पाकिस्तान के भविष्य को तय करने वाली लड़ाई बन गई है। सवाल यह है कि आखिरकार इस संघर्ष में जीत किसकी होगी।

इमरान खान का सफर: क्रिकेट के मैदान से सियासत तक

मार्च 1992 में जब पाकिस्तान ने पहली बार क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता था, तो उस जीत के नायक इमरान खान थे। कप्तान के रूप में उन्होंने अंतिम गेंद फेंकी और इंग्लैंड की टीम को हराकर पाकिस्तान को पहली बार विश्व विजेता बनाया। उस दिन की तस्वीरें आज भी पाकिस्तानियों की यादों में ताजा हैं जब खिलाड़ियों ने अपने कप्तान को कंधों पर उठा लिया था।

33 साल बाद आज इमरान खान सिर्फ एक क्रिकेटर या पूर्व प्रधानमंत्री नहीं रह गए हैं। वह एक ऐसे नेता बन चुके हैं जिनकी लोकप्रियता किसी भी दूसरे नेता से कहीं ज्यादा है। यही वजह है कि सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को उन्हें नियंत्रण में रखने के लिए कठोर कदम उठाने पड़ रहे हैं।

जनरल मुनीर की बढ़ती ताकत

जनरल आसिम मुनीर ने खुद को ‘फील्ड मार्शल’ कहलवाना शुरू कर दिया है। हाल ही में उन्होंने एक संवैधानिक संशोधन पास करवाया है जिससे उनकी सैन्य शक्ति और भी मजबूत हो गई है। इस संशोधन में धारा 234 को दोबारा लिखा गया है ताकि पाकिस्तान की सेना पर उनका पूरा नियंत्रण बना रहे।

इस बदलाव का मतलब यह है कि अब जनरल मुनीर किसी भी सरकारी हस्तक्षेप से पूरी तरह मुक्त हैं। यह तब हो रहा है जब पाकिस्तान की सरकार हमेशा से सेना के आगे झुकती रही है। यह संशोधन पाकिस्तान में लोकतंत्र के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

इमरान खान की रहस्यमयी अनुपस्थिति

पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर इमरान खान को लेकर कई तरह की अफवाहें फैली हुई थीं। कहा जा रहा था कि रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद इमरान खान की मौत हो गई है। यह अफवाहें तब और तेज हो गईं जब उनकी तीन बहनों – नोरीन नियाजी, अलीमा खान और डॉ उजमा खान ने कहा कि उनके भाई से मिलने की कोशिश करने पर उन पर हमला किया गया।

पिछले 25 दिनों से इमरान खान को किसी ने सार्वजनिक रूप से नहीं देखा है। यह स्थिति न केवल पाकिस्तान बल्कि भारत के लिए भी चिंता का विषय बन गई है। इमरान खान की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तानी अधिकारियों को इन अफवाहों का सार्वजनिक खंडन करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

जेल अधिकारियों ने जल्दी से एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि इमरान खान जिंदा हैं, उनकी तबीयत ठीक है और उन्हें चिकित्सा सुविधाएं मिल रही हैं। लेकिन कोई भी तस्वीर या वीडियो सबूत के तौर पर नहीं दिया गया, जिससे लोगों की चिंता और बढ़ गई।

बुशरा बीबी: एक रहस्यमयी व्यक्तित्व

इमरान खान के साथ जेल में उनकी पत्नी बुशरा बीबी भी बंद हैं। बुशरा बीबी को एक रहस्यमयी महिला माना जाता है जो इमरान खान की आध्यात्मिक गुरु भी हैं। कहा जाता है कि उन्होंने ही इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने की भविष्यवाणी की थी। इमरान खान के समर्थकों के बीच उन्हें संत जैसा दर्जा मिला हुआ है।

लेकिन अब उनका भाग्य भी बदलता नजर आ रहा है। गैर-कानूनी शादी और भ्रष्टाचार के आरोपों में उन्हें भी जेल में डाल दिया गया है। लेकिन इमरान खान की तरह, बुशरा बीबी के आसपास भी रहस्य बना हुआ है और लोगों की सहानुभूति उनके साथ है।

संवैधानिक संशोधन से बढ़ी मुनीर की ताकत

जब एक तरफ इमरान खान जेल की दीवारों के पीछे गायब हैं, तो दूसरी तरफ जनरल मुनीर ने चुपचाप पाकिस्तान के भविष्य पर अपना नियंत्रण मजबूत कर लिया है। उन्होंने खुद को बड़ी-बड़ी उपाधियों से नवाजा है।

जिन्हें आलोचक मजाक में ‘फील्ड मार्शल’ कहते हैं, वह भारत के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में सैन्य हार के बावजूद पाकिस्तान के सबसे ताकतवर व्यक्ति बन गए हैं।

इस हफ्ते पास हुआ संवैधानिक संशोधन जनरल मुनीर को जीवन भर के लिए कानूनी सुरक्षा देता है। यही सुरक्षा सेवा प्रमुखों और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को भी मिली है। यह संशोधन सुप्रीम कोर्ट से जरूरी संवैधानिक अधिकार छीन लेता है, जिससे देश में न्यायिक स्वतंत्रता खत्म हो जाती है।

न्यायपालिका पर पूर्ण नियंत्रण

इस संशोधन का सबसे खतरनाक पहलू यह है कि अब राष्ट्रपति जरदारी अपनी मर्जी से वरिष्ठ न्यायाधीशों को स्थानांतरित या हटा सकते हैं। इससे न्यायपालिका पूरी तरह से कार्यपालिका के नियंत्रण में आ जाती है। यह लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है जहां न्यायपालिका को स्वतंत्र होना चाहिए।

जनरल मुनीर को पाकिस्तान का पहला चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज नियुक्त किया गया है। इससे सेना का देश की सभी शाखाओं पर पूरा नियंत्रण हो गया है। यह पद उन्हें अभूतपूर्व शक्ति देता है जो पहले किसी भी सेना प्रमुख के पास नहीं थी।

आगे क्या होगा

यह सवाल अब बहुत महत्वपूर्ण हो गया है कि इस संघर्ष में अंततः जीत किसकी होगी। क्या जनता की लोकप्रियता जीतेगी या सैन्य ताकत? इमरान खान के पास जनता का समर्थन है, लेकिन जनरल मुनीर के पास बंदूकें हैं।

पाकिस्तान का इतिहास बताता है कि वहां सेना हमेशा से ताकतवर रही है। लेकिन इस बार जनता की आवाज भी बहुत मजबूत है। सोशल मीडिया के जमाने में लोगों को चुप रखना आसान नहीं है।

इमरान खान की अनुपस्थिति से पाकिस्तान में अस्थिरता बढ़ सकती है। अगर उनके साथ कुछ गलत हुआ तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। दूसरी तरफ, जनरल मुनीर की बढ़ती ताकत लोकतंत्र के लिए खतरा है।

यह संघर्ष सिर्फ पाकिस्तान तक सीमित नहीं है। इसका असर पूरे क्षेत्र पर पड़ सकता है। भारत को भी इस स्थिति पर नजर रखनी होगी क्योंकि पाकिस्तान में अस्थिरता का मतलब सीमा पर बढ़ता तनाव हो सकता है। यह देखना बाकी है कि इस सत्ता संघर्ष का अंत कैसे होता है।

Rashtra Bharat
Rashtra Bharat पर पढ़ें ताज़ा खेल, राजनीति, विश्व, मनोरंजन, धर्म और बिज़नेस की अपडेटेड हिंदी खबरें।

Asfi Shadab

Writer, thinker, and activist exploring the intersections of sports, politics, and finance.