हिंगोली नगर परिषद चुनाव में तनाव का माहौल
महाराष्ट्र के हिंगोली शहर में इस बार नगर परिषद चुनाव बेहद तनाव भरे माहौल में पूरा हुआ। यह चुनाव पहले से ही काफी चर्चा में था क्योंकि शिवसेना शिंदे गुट के विधायक संतोष बांगर ने अपनी भाभी को चुनाव मैदान में उतारा था। इसके बाद से पिछले एक महीने से शहर में लगातार तनाव बना हुआ था। लोगों के बीच आपसी मतभेद बढ़ गए थे और माहौल काफी गरमाया हुआ था।
मतदान से एक दिन पहले भी हुआ विवाद
मतदान से ठीक एक दिन पहले भी शहर के अलग अलग इलाकों में विवाद की खबरें सामने आई थीं। कई जगहों पर लोगों के बीच बहस और तनाव देखने को मिला। इससे साफ था कि मतदान के दिन भी हालात सामान्य नहीं रहने वाले थे। प्रशासन ने इसी को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे।
मंगलवार को मतदान के दौरान तनाव
मंगलवार को जब मतदान शुरू हुआ तो माहौल काफी तनावपूर्ण था। शहर के 78 मतदान केंद्रों पर वोटिंग हुई। हर जगह पुलिस की कड़ी नजर थी और सुरक्षा के मजबूत बंदोबस्त किए गए थे। लेकिन इसके बावजूद कई जगहों पर छोटे मोटे विवाद और बहस होती रही। लोगों के बीच तनाव साफ दिखाई दे रहा था।
विधायक संतोष बांगर का मतदान केंद्र पर हंगामा
मतदान शुरू होते ही विधायक संतोष बांगर एक मतदान केंद्र पर पहुंचे और वहां हंगामा किया। इससे स्थिति और भी गर्म हो गई। उनके हंगामे की खबर जल्दी ही पूरे शहर में फैल गई और लोगों में बेचैनी बढ़ गई। विधायक के इस व्यवहार की काफी आलोचना भी हुई।
प्रभाग क्रमांक 6 में भी बढ़ा तनाव
प्रभाग क्रमांक 6 में भी स्थिति काबू में नहीं थी। यहां पूर्व नगरसेवक के साथ किसी बात को लेकर विवाद हो गया। इससे इस इलाके में भी तनाव काफी बढ़ गया। प्रशासन को यहां भी स्थिति संभालने में मशक्कत करनी पड़ी।
चुनाव आयोग की सख्ती और तकनीकी इंतजाम
चुनाव आयोग ने इस बार काफी सख्ती बरती। प्रभाग क्रमांक 7 से लेकर 17 तक के दस मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरों के जरिए लाइव वेबकास्टिंग और वीडियो रिकॉर्डिंग की व्यवस्था की गई। इसका मकसद था कि कोई भी गड़बड़ी या बूथ कैप्चरिंग जैसी घटना न हो। इस इंतजाम से लोगों में थोड़ी राहत मिली और उन्होंने बेखौफ होकर वोट डाले।
ईवीएम में आई तकनीकी खराबी
रिसाला बाजार के गणेशवाड़ी इलाके में स्थित जिला परिषद विद्यालय में मॉक पोलिंग के दौरान एक ईवीएम मशीन में तकनीकी खराबी आ गई। जब अधिकारियों को इसकी जानकारी मिली तो तुरंत उस मशीन को बदल दिया गया। इसके बाद ही मतदान शुरू किया गया। इससे कोई खास दिक्कत नहीं हुई और वोटिंग समय पर पूरी हो गई।
मतगणना को लेकर हाईकोर्ट का फैसला
हिंगोली और कलमनुरी नगर परिषद के लिए 2 दिसंबर को मतदान हो गया था। पहले मतगणना 3 दिसंबर को होनी थी। लेकिन कुछ दूसरी नगर परिषदों में मतदान 20 दिसंबर को होना है। इसी वजह से कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की और 3 दिसंबर की मतगणना पर रोक लगाने की मांग की।
औरंगाबाद हाईकोर्ट का आदेश
इस मामले की सुनवाई औरंगाबाद हाईकोर्ट में हुई। कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने कहा कि सभी नगर परिषदों की मतगणना एक साथ 21 दिसंबर को होगी। इस आदेश के बाद अब हिंगोली नगर परिषद की मतगणना भी 21 दिसंबर को ही होगी।
लोगों में मिली जुली प्रतिक्रिया
इस चुनाव को लेकर शहर के लोगों में मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ लोगों का कहना था कि इतने तनाव के बावजूद मतदान शांतिपूर्ण तरीके से पूरा हो गया यह अच्छी बात है। वहीं कुछ लोगों ने विधायक के हंगामे और जगह जगह हुए विवादों पर नाराजगी जताई। उनका कहना था कि चुनाव का माहौल ऐसा नहीं होना चाहिए।
प्रशासन की भूमिका
इस पूरे चुनाव में प्रशासन की भूमिका काफी अहम रही। पुलिस और चुनाव अधिकारियों ने मिलकर स्थिति को संभालने की पूरी कोशिश की। जहां भी विवाद की खबर मिली वहां तुरंत सुरक्षा बल पहुंचे और मामले को शांत कराया। सीसीटीवी निगरानी की वजह से भी कोई बड़ी अनहोनी नहीं हुई।
आगे की राह
अब सभी की नजरें 21 दिसंबर की मतगणना पर टिकी हैं। इस दिन पता चलेगा कि हिंगोली नगर परिषद की कमान किसके हाथों में जाती है। विधायक संतोष बांगर की भाभी की जीत होती है या फिर विरोधियों को मौका मिलता है यह देखना दिलचस्प होगा। फिलहाल शहर में थोड़ी शांति है लेकिन मतगणना के दिन फिर से माहौल गरमाने की आशंका है।
इस चुनाव ने यह साबित कर दिया कि स्थानीय निकाय चुनाव भी कितने महत्वपूर्ण हो गए हैं। छोटे शहरों में भी अब राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता बढ़ गई है और हर चुनाव में जीत के लिए जोरदार मुकाबला होता है।