3 दिसंबर बुधवार को कमोडिटी बाजार में चांदी के दामों में जोरदार उछाल देखने को मिला है। मंगलवार को चांदी के भाव में भारी गिरावट के बाद बुधवार की सुबह बाजार खुलते ही चांदी में करीब 3000 रुपये प्रति किलो की तेजी दर्ज की गई। यह उछाल निवेशकों और व्यापारियों के लिए राहत भरा साबित हो रहा है। पिछले कुछ दिनों से चांदी के बाजार में लगातार उतार-चढ़ाव का दौर जारी है, जिससे बाजार में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है।
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि अगर यही रफ्तार जारी रही तो चांदी का भाव जल्द ही 1,80,000 रुपये प्रति किलो के आंकड़े को पार कर सकता है। यह तेजी अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की बढ़ती मांग और कुछ आर्थिक कारकों की वजह से आई है।
आज कितना है चांदी का भाव
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स में सुबह साढ़े दस बजे के आसपास चांदी में 3381 रुपये प्रति किलो की शानदार बढ़त दर्ज की गई। इस समय 1 किलो चांदी का भाव 1,79,967 रुपये प्रति किलो पर कारोबार कर रहा था। दिन के शुरुआती कारोबार में चांदी ने 1,79,354 रुपये प्रति किलो का निचला स्तर छुआ, जबकि 1,80,748 रुपये प्रति किलो का उच्चतम स्तर भी बनाया।
यह उतार-चढ़ाव बताता है कि बाजार में कितनी तेजी से खरीद-फरोख्त हो रही है। निवेशक इस समय बाजार की चाल को बारीकी से देख रहे हैं और मौके के अनुसार अपनी स्थिति बना रहे हैं।
मंगलवार को क्यों गिरे थे दाम
मंगलवार यानी 2 दिसंबर को चांदी के दामों में भारी गिरावट देखी गई थी। एक ही दिन में चांदी के भाव में हजारों रुपये की कमी आई थी, जिससे निवेशकों में हड़कंप मच गया था। यह गिरावट मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की मजबूती और कुछ वैश्विक आर्थिक संकेतों की वजह से आई थी। हालांकि बुधवार की सुबह स्थिति में सुधार होता दिखाई दे रहा है।
दिसंबर महीने की शुरुआत से उतार-चढ़ाव
1 दिसंबर से ही चांदी के बाजार में अस्थिरता का दौर चल रहा है। कभी भाव ऊपर जाते हैं तो कभी नीचे आ जाते हैं। इस तरह के उतार-चढ़ाव आमतौर पर साल के आखिरी महीनों में देखने को मिलते हैं, जब त्योहारी सीजन खत्म हो जाता है और नए साल से पहले बाजार में नई रणनीतियां बनाई जाती हैं।
विभिन्न शहरों में चांदी की कीमतें
देश के अलग-अलग शहरों में चांदी की कीमतों में थोड़ा अंतर देखने को मिलता है। यह अंतर स्थानीय करों, परिवहन खर्च और मांग-आपूर्ति के आधार पर होता है।
पटना में आज चांदी का भाव 1,83,490 रुपये प्रति किलो है। राजधानी जयपुर में यह 1,83,540 रुपये पर है। उत्तर प्रदेश के कानपुर और लखनऊ में चांदी 1,83,620 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में चांदी का भाव 1,83,640 रुपये है, जबकि व्यापारिक शहर इंदौर में यह सबसे महंगी 1,83,790 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई है।
चंडीगढ़ में चांदी 1,83,600 रुपये प्रति किलो मिल रही है। इन सभी शहरों में सबसे सस्ती ��ांदी इस समय रायपुर में मिल रही है, जहां इसका भाव 1,83,380 रुपये प्रति किलो है। यह अंतर लगभग 400 रुपये का है, जो थोक खरीदारों के लिए मायने रखता है।
सोने में भी आई हल्की तेजी
चांदी के साथ-साथ सोने के दामों में भी हल्की बढ़त देखी गई है। 3 दिसंबर बुधवार को एमसीएक्स में सुबह साढ़े दस बजे के करीब 10 ग्राम सोने की कीमत 1,28,026 रुपये दर्ज की गई। इसमें 692 रुपये प्रति 10 ग्राम की बढ़ोतरी हुई है। सोने ने दिन के शुरुआती कारोबार में 1,28,011 रुपये प्रति 10 ग्राम का निचला स्तर और 1,28,120 रुपये प्रति 10 ग्राम का ऊंचा स्तर छुआ।
सोने और चांदी दोनों में एक साथ तेजी आना बाजार में सकारात्मक माहौल का संकेत देता है। आमतौर पर दोनों कीमती धातुओं की कीमतें एक साथ ही चलती हैं, हालांकि चांदी में उतार-चढ़ाव ज्यादा तेज होता है।
निवेशकों के लिए क्या है सलाह
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय चांदी में निवेश करने वालों को सावधानी बरतनी चाहिए। हालांकि आज जोरदार तेजी देखने को मिली है, लेकिन पिछले कुछ दिनों का उतार-चढ़ाव यह बताता है कि बाजार अभी स्थिर नहीं है। जो लोग लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए यह समय अच्छा हो सकता है, लेकिन जो लोग तुरंत मुनाफा कमाना चाहते हैं, उन्हें सतर्क रहना चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय बाजार का असर
भारतीय बाजार में चांदी की कीमतें काफी हद तक अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर करती हैं। वैश्विक स्तर पर चांदी की मांग में बदलाव, डॉलर की मजबूती या कमजोरी, और दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में होने वाले बदलाव सीधे भारतीय बाजार को प्रभावित करते हैं।
हाल के दिनों में अमेरिका में आर्थिक आंकड़ों और फेडरल रिजर्व की नीतियों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। इसका सीधा असर कीमती धातुओं पर पड़ रहा है। जब डॉलर मजबूत होता है, तो सोना-चांदी आमतौर पर कमजोर पड़ते हैं, और जब डॉलर कमजोर होता है, तो इन धातुओं में तेजी आती है।
औद्योगिक मांग भी करती है असर
चांदी केवल आभूषणों और निवेश के लिए ही नहीं, बल्कि कई उद्योगों में भी इस्तेमाल होती है। इलेक्ट्रॉनिक्स, सौर ऊर्जा पैनल, बैटरी और चिकित्सा उपकरणों में चांदी का व्यापक उपयोग होता है। इन क्षेत्रों में मांग बढ़ने या घटने से भी चांदी की कीमतों पर असर पड़ता है।
खासतौर पर सौर ऊर्जा के क्षेत्र में हो रही तेजी ने चांदी की मांग को बढ़ाया है। दुनियाभर में स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ते कदम चांदी के लिए एक मजबूत मांग का आधार तैयार कर रहे हैं।
भविष्य में क्या हो सकता है
अगर मौजूदा तेजी बरकरार रहती है, तो विशेषज्ञों का मानना है कि चांदी जल्द ही 1,80,000 रुपये प्रति किलो के स्तर को पार कर सकती है। कुछ का अनुमान है कि साल के अंत तक चांदी और भी ऊपर जा सकती है। हालांकि, यह अनुमान पूरी तरह से वैश्विक और घरेलू आर्थिक स्थितियों पर निर्भर करते हैं।
निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने निवेश के फैसले विशेषज्ञों की राय लेकर और बाजार की स्थिति को समझकर ही लें। छोटे निवेशकों को खासतौर पर सावधान रहना चाहिए और अपनी जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार ही निवेश करना चाहिए।