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असम में 300 रुपए में मिलेगा गैस सिलेंडर, लाखों परिवारों को राहत

Assam LPG Subsidy: असम में 300 रुपए में मिलेगा गैस सिलेंडर, जानें किसे मिलेगा फायदा
Assam LPG Subsidy: असम में 300 रुपए में मिलेगा गैस सिलेंडर, जानें किसे मिलेगा फायदा (File Photo)
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ओरुनोदोई और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए प्रति सिलेंडर 250 रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी की घोषणा की है। इससे गैस सिलेंडर की कीमत घटकर 300 रुपए तक आ जाएगी। यह योजना लाखों गरीब परिवारों को राहत देगी और महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार लाएगी। सब्सिडी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए सीधे लाभार्थियों के खाते में भेजी जाएगी। योजना को जल्द लागू करने के लिए विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित किया जा रहा है।
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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को राज्य के लाखों परिवारों के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी है। उन्होंने एलान किया कि जल्द ही असम में रसोई गैस सिलेंडर सिर्फ 300 रुपए में मिलेगा। यह योजना खासकर गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए बड़ी राहत लेकर आने वाली है। बढ़ती महंगाई के इस दौर में जब घरेलू खर्च लगातार बढ़ रहे हैं, तब यह फैसला आम लोगों के लिए संजीवनी साबित हो सकता है।

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि 300 रुपए में खाना पकाने की गैस अब सपना नहीं बल्कि हकीकत बनने जा रही है। राज्य सरकार ओरुनोदोई योजना और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को प्रति सिलेंडर 250 रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी देगी। इससे राज्य के करोड़ों लोगों की जिंदगी आसान हो जाएगी।

योजना का मुख्य उद्देश्य

असम सरकार की यह पहल मुख्य रूप से कम आय वाले परिवारों पर आर्थिक बोझ कम करने के लिए शुरू की जा रही है। रसोई गैस हर घर की बुनियादी जरूरत है और इसकी कीमतों में लगातार होने वाली बढ़ोतरी से गरीब परिवारों को काफी परेशानी होती है। कई बार तो लोग महंगाई की वजह से गैस सिलेंडर खरीदने में असमर्थ हो जाते हैं और उन्हें पुराने तरीकों से खाना बनाना पड़ता है।

इस योजना के जरिए सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि हर घर में स्वच्छ ईंधन की उपलब्धता हो। महिलाओं को धुएं से होने वाली सेहत की समस्याओं से बचाना भी इस योजना का एक अहम मकसद है। पारंपरिक चूल्हे से निकलने वाला धुआं कई बीमारियों की जड़ बनता है, जिससे महिलाओं और बच्चों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है।

किन परिवारों को मिलेगा फायदा

यह योजना मुख्य रूप से दो श्रेणियों के लाभार्थियों के लिए है। पहली श्रेणी में ओरुनोदोई योजना के तहत पंजीकृत परिवार आते हैं। ओरुनोदोई असम सरकार की एक महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजना है जो जरूरतमंद परिवारों को हर महीने आर्थिक सहायता देती है। इस योजना में पहले से ही लाखों परिवार लाभान्वित हो रहे हैं।

दूसरी श्रेणी में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थी शामिल हैं। यह केंद्र सरकार की योजना है जो गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देती है। असम में इस योजना के तहत लाखों महिलाओं को पहले ही लाभ मिल चुका है। अब उन्हें हर सिलेंडर पर 250 रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी मिलेगी।

इन दोनों योजनाओं के लाभार्थियों को राज्य सरकार की तरफ से सीधे उनके खाते में सब्सिडी की राशि भेजी जाएगी। यह व्यवस्था पारदर्शी होगी और बिचौलियों की कोई भूमिका नहीं होगी।

सब्सिडी कैसे मिलेगी

सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह सब्सिडी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यानी डीबीटी के जरिए दी जाएगी। जब भी कोई लाभार्थी गैस सिलेंडर खरीदेगा, तो उसे बाजार मूल्य चुकाना होगा। लेकिन कुछ ही दिनों में 250 रुपए की सब्सिडी उसके बैंक खाते में आ जाएगी। यह प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल होगी जिससे धांधली की संभावना नहीं रहेगी।

केंद्र सरकार पहले से ही उज्ज्वला योजना के तहत सब्सिडी दे रही है। असम सरकार की यह अतिरिक्त सब्सिडी उसके ऊपर से मिलेगी। इस तरह दोहरे लाभ से गैस सिलेंडर की कीमत काफी कम हो जाएगी। अगर वर्तमान में एक सिलेंडर 1000 रुपए का है तो केंद्र और राज्य की मिली-जुली सब्सिडी से यह 600-700 रुपए तक आ सकता है।

योजना से जुड़ी तैयारियां

हालांकि मुख्यमंत्री ने योजना की घोषणा कर दी है लेकिन अभी इसे लागू करने की तारीख नहीं बताई गई है। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इसके क्रियान्वयन के लिए विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित किया जा रहा है। खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग, समाज कल्याण विभाग और गैस एजेंसियों के बीच मिलकर काम करना होगा।

सभी एलपीजी वितरकों को इस नई सब्सिडी व्यवस्था के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे लाभार्थियों की सही पहचान कर सकें और उनका डेटा सही तरीके से अपडेट कर सकें। सरकार चाहती है कि इस योजना में किसी तरह की गड़बड़ी न हो और सिर्फ असली जरूरतमंदों को ही लाभ मिले।

ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों को फायदा

यह योजना ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों के गरीब परिवारों के लिए वरदान साबित होगी। गांवों में आज भी कई परिवार हैं जो लकड़ी और गोबर के उपले से खाना बनाते हैं। महंगाई के कारण वे गैस सिलेंडर नहीं खरीद पाते। इस योजना से उन्हें भी स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा।

शहरों में भी मजदूर वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग के लिए गैस का खर्च काफी बोझिल होता है। खासकर जिन परिवारों में कमाने वाला एक ही व्यक्ति है, उनके लिए हर महीने गैस भरवाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे परिवारों को यह सब्सिडी बड़ी राहत देगी।

महिलाओं को विशेष लाभ

इस योजना का सबसे बड़ा फायदा महिलाओं को मिलने वाला है। ओरुनोदोई और उज्ज्वला दोनों योजनाओं में महिलाएं ही मुख्य लाभार्थी हैं। खाना बनाने की जिम्मेदारी ज्यादातर घरों में महिलाओं पर ही होती है। सस्ता गैस सिलेंडर मिलने से उनका समय और स्वास्थ्य दोनों बचेंगे।

पारंपरिक चूल्हे पर खाना बनाते समय महिलाओं को घंटों धुएं में रहना पड़ता है। इससे उन्हें सांस की बीमारियां, आंखों में जलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। स्वच्छ ईंधन के इस्तेमाल से इन समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।

पर्यावरण को भी होगा फायदा

इस योजना का एक और सकारात्मक पहलू पर्यावरण संरक्षण है। जब लोग लकड़ी और गोबर के उपले का इस्तेमाल बंद करेंगे तो पेड़ों की कटाई कम होगी। साथ ही घरों के अंदर वायु प्रदूषण भी घटेगा। एलपीजी एक स्वच्छ ईंधन है जो पर्यावरण के लिए कम हानिकारक है।

सरकार की यह पहल स्वच्छ भारत मिशन और सतत विकास के लक्ष्यों के अनुरूप है। जब हर घर में स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल होगा तो समग्र वायु गुणवत्ता में सुधार होगा।

अन्य राज्यों के लिए मिसाल

असम की यह पहल देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक अच्छी मिसाल बन सकती है। केंद्र सरकार की सब्सिडी के ऊपर राज्य सरकार अगर अतिरिक्त सब्सिडी दे तो गरीब परिवारों को वास्तविक राहत मिल सकती है। यह एक ऐसा मॉडल है जिसे दूसरे राज्य भी अपना सकते हैं।

महंगाई के इस दौर में जब हर चीज की कीमत बढ़ रही है, ऐसे में बुनियादी जरूरतों पर सब्सिडी देना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। असम सरकार ने इस दिशा में एक सराहनीय कदम उठाया है।

राजनीतिक प्रभाव

चुनावी राजनीति के लिहाज से भी यह फैसला महत्वपूर्ण है। ऐसी योजनाएं आम जनता तक सरकार की पहुंच बनाती हैं। जब लोगों को प्रत्यक्ष लाभ मिलता है तो वे सरकार के प्रति आभार महसूस करते हैं। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस योजना को घोषित करके यह दिखाया है कि उनकी सरकार जनहित के मुद्दों पर गंभीर है।

ओरुनोदोई योजना पहले से ही असम में काफी लोकप्रिय है। इसमें एलपीजी सब्सिडी जुड़ने से इसकी उपयोगिता और बढ़ जाएगी। विपक्ष के लिए इस योजना की आलोचना करना मुश्किल होगा क्योंकि यह सीधे तौर पर गरीब परिवारों की मदद करती है।

आने वाली चुनौतियां

हालांकि यह योजना बहुत अच्छी है लेकिन इसे लागू करने में कुछ चुनौतियां भी हो सकती हैं। सबसे बड़ी चुनौती यह सुनिश्चित करना है कि सब्सिडी सही लोगों तक पहुंचे। कई बार फर्जी लाभार्थियों के नाम भी लिस्ट में आ जाते हैं। सरकार को इसकी नियमित जांच करनी होगी।

दूसरी चुनौती वित्तीय है। लाखों परिवारों को हर महीने 250 रुपए की सब्सिडी देना राज्य के खजाने पर बोझ डाल सकता है। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि इस योजना के लिए पर्याप्त बजट आवंटन हो।

तीसरी चुनौती तकनीकी है। डीबीटी सिस्टम को सुचारू रूप से चलाने के लिए मजबूत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होती है। सभी लाभार्थियों के बैंक खाते आधार से लिंक होने चाहिए। कई ग्रामीण इलाकों में अभी भी इंटरनेट की समस्या है।

असम सरकार की यह योजना निश्चित रूप से एक सकारात्मक कदम है। महंगाई से परेशान आम लोगों को इससे काफी राहत मिलेगी। खासकर महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य पर इसका सीधा अच्छा प्रभाव पड़ेगा। अगर यह योजना सफलतापूर्वक लागू हो जाती है तो यह जनकल्याण का एक बेहतरीन उदाहरण बनेगी।

अब देखना यह है कि सरकार इसे कितनी जल्दी और कितनी कुशलता से लागू करती है। जनता को इसका इंतजार है और उम्मीद है कि जल्द ही यह योजना जमीन पर उतरेगी।


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Asfi Shadab

एक लेखक, चिंतक और जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता, जो खेल, राजनीति और वित्त की जटिलता को समझते हुए उनके बीच के रिश्तों पर निरंतर शोध और विश्लेषण करते हैं। जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को सरल, तर्कपूर्ण और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध।