महाराष्ट्र के दो प्रमुख शहरों मुंबई और नागपुर के बीच हवाई सेवा में आज अचानक बड़ा व्यवधान देखने को मिला है। देश की प्रमुख विमानन कंपनी इंडिगो की मुंबई से नागपुर और नागपुर से मुंबई जाने वाली सभी उड़ानें सुबह से ही रद्द हो गई हैं। इस अचानक फैसले से सैकड़ों यात्री बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और दोनों शहरों के हवाई अड्डों पर अफरातफरी का माहौल देखा गया।
यात्रियों का कहना है कि उन्हें इस रद्दीकरण की कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी। कई लोग तो हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद ही इस बात से अवगत हुए कि उनकी उड़ान रद्द कर दी गई है। इससे व्यावसायिक यात्रियों और आपातकालीन काम से जाने वाले लोगों को विशेष रूप से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।
उड़ान रद्द होने के कारण
हालांकि इंडिगो की ओर से अभी तक इन उड़ानों के रद्द होने का कोई आधिकारिक कारण सामने नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार तकनीकी खराबी और परिचालन संबंधी समस्याएं इसकी मुख्य वजह हो सकती हैं। विमानन उद्योग से जुड़े जानकारों का कहना है कि कई बार विमान में अचानक आई खराबी या मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण भी उड़ानें रद्द करनी पड़ती हैं।
कुछ रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया है कि कंपनी को पायलट या केबिन क्रू की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है। पिछले कुछ समय से विमानन क्षेत्र में कर्मचारियों की कमी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। हालांकि इंडिगो ने इस बारे में अभी तक कोई स्पष्ट बयान जारी नहीं किया है।
यात्रियों की परेशानियां
मुंबई और नागपुर दोनों हवाई अड्डों पर यात्रियों की लंबी कतारें लग गईं। कई लोग टिकट काउंटर पर घंटों इंतजार करते रहे। यात्रियों का कहना है कि उन्हें ना तो वैकल्पिक उड़ान की व्यवस्था की गई और ना ही रिफंड की कोई तत्काल प्रक्रिया शुरू की गई।
एक यात्री ने बताया कि वह एक जरूरी बैठक के लिए नागपुर जा रहा था, लेकिन उड़ान रद्द होने से उसका पूरा कार्यक्रम बिगड़ गया। एक अन्य यात्री ने कहा कि उसे अपने बीमार रिश्तेदार को देखने के लिए जाना था, लेकिन अब उसे रेलवे या सड़क मार्ग से जाना होगा जिसमें काफी समय लग जाएगा।
कई परिवार जो छुट्टियां मनाने या किसी शादी समारोह में शामिल होने के लिए यात्रा कर रहे थे, वे भी इस स्थिति से बेहद परेशान दिखे। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष रूप से कठिनाई का सामना करना पड़ा क्योंकि उन्हें घंटों हवाई अड्डे पर इंतजार करना पड़ा।
विमानन क्षेत्र में बढ़ती समस्याएं
यह घटना भारतीय विमानन उद्योग में बढ़ती समस्याओं की ओर इशारा करती है। पिछले कुछ महीनों में कई बार विभिन्न एयरलाइंस की उड़ानें तकनीकी खराबी, मौसम या परिचालन संबंधी कारणों से रद्द या विलंबित हुई हैं। यह यात्रियों के विश्वास को प्रभावित करता है और उद्योग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि एयरलाइंस को बेहतर संचार व्यवस्था और यात्री सेवाओं में सुधार की जरूरत है। यदि किसी कारण से उड़ान रद्द करनी भी पड़े तो यात्रियों को समय रहते सूचित किया जाना चाहिए और उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए।
नागरिक उड्डयन नियमों के अनुसार यात्रियों के अधिकार
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के नियमों के अनुसार यदि किसी एयरलाइन द्वारा उड़ान रद्द की जाती है तो यात्रियों को पूर्ण रिफंड या वैकल्पिक उड़ान की सुविधा दी जानी चाहिए। यदि रद्दीकरण की सूचना 2 सप्ताह से कम समय पहले दी जाती है तो यात्री मुआवजे के भी हकदार होते हैं।
यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने टिकट और बोर्डिंग पास की कॉपी सुरक्षित रखें और एयरलाइन से लिखित में रिफंड या मुआवजे की मांग करें। यदि एयरलाइन सहयोग नहीं करती तो वे नागरिक उड्डयन महानिदेशालय या उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
इंडिगो की पिछली घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब इंडिगो की उड़ानें रद्द हुई हैं। पिछले कुछ महीनों में भी कई बार तकनीकी और परिचालन समस्याओं के कारण विभिन्न मार्गों पर उड़ानें प्रभावित हुई हैं। हालांकि कंपनी देश की सबसे बड़ी घरेलू विमानन कंपनी है और सामान्यतः अच्छी सेवाएं प्रदान करती है, लेकिन ऐसी घटनाएं कंपनी की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं।
विमानन विश्लेषकों का कहना है कि तेजी से बढ़ते बाजार में कंपनियां कई बार अपने संसाधनों से अधिक उड़ानें संचालित करने लगती हैं जिससे परिचालन संबंधी समस्याएं पैदा होती हैं। कंपनियों को अपनी क्षमता के अनुसार ही सेवाओं का विस्तार करना चाहिए ताकि यात्रियों को परेशानी ना हो।
आगे की राह
इस घटना के बाद यात्रियों और विशेषज्ञों ने इंडिगो से स्पष्टीकरण और बेहतर सेवाओं की मांग की है। कंपनी को चाहिए कि वह प्रभावित यात्रियों को उचित मुआवजा दे और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।
मुंबई-नागपुर मार्ग महाराष्ट्र के दो सबसे महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ता है और इस पर रोजाना सैकड़ों यात्री आवाजाही करते हैं। व्यावसायिक दृष्टि से भी यह मार्ग बेहद महत्वपूर्ण है। ऐसे में इस तरह की अव्यवस्था स्वीकार्य नहीं है।
उम्मीद की जाती है कि जल्द ही सेवाएं सामान्य हो जाएंगी और यात्रियों को राहत मिलेगी। लेकिन इस घटना से सीख लेते हुए एयरलाइंस को अपनी व्यवस्थाओं में सुधार करना होगा और यात्रियों के अधिकारों का सम्मान करना होगा।