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यवतमाल में ठंड का कहर, पारा गिरकर 8.8 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा

Yavatmal Cold Wave: यवतमाल में कड़ाके की ठंड, तापमान गिरकर 8.8 डिग्री पर पहुंचा
Yavatmal Cold Wave: यवतमाल में कड़ाके की ठंड, तापमान गिरकर 8.8 डिग्री पर पहुंचा (File Photo)
महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। तापमान गिरकर 8.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है जो इस सीजन का सबसे कम तापमान है। किसानों की फसलें प्रभावित हो रही हैं और आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है। स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है और प्रशासन ने राहत उपाय शुरू किए हैं।
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यवतमाल जिले में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार यहां का न्यूनतम तापमान गिरकर 8.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। यह इस सीजन का अब तक का सबसे कम तापमान है। ठंड की इस लहर ने आम जनजीवन को प्रभावित किया है और लोगों को अपनी दिनचर्या में बदलाव करना पड़ रहा है।

महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में स्थित यवतमाल जिला इन दिनों कड़ाके की सर्दी का सामना कर रहा है। सुबह और शाम के समय ठंड का असर सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है। कोहरे की हल्की चादर भी कई इलाकों में दिखाई दे रही है जिससे दृश्यता में कमी आ रही है।

मौसम विभाग की रिपोर्ट

मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि यवतमाल में तापमान में यह गिरावट पिछले कुछ दिनों से लगातार जारी है। रात के समय तापमान 8.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि दिन के समय अधिकतम तापमान 25 से 27 डिग्री के बीच रहा। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उत्तर भारत से आ रही ठंडी हवाओं के कारण इस क्षेत्र में तापमान में यह गिरावट देखी जा रही है।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले कुछ दिनों में तापमान और भी नीचे जा सकता है। खासकर रात और सुबह के समय ठंड का प्रभाव अधिक रहेगा। विभाग ने लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है और कहा है कि गर्म कपड़ों का इस्तेमाल जरूरी है।

किसानों पर असर

ठंड की इस लहर का सबसे ज्यादा असर किसानों पर पड़ रहा है। यवतमाल कृषि प्रधान जिला है और यहां के किसान इस मौसम में रबी की फसलों की देखभाल में लगे हुए हैं। तापमान में अचानक गिरावट से कुछ फसलों को नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं, चना और सब्जियों की फसलें इस ठंड से प्रभावित हो सकती हैं। किसानों को सलाह दी जा रही है कि वे अपनी फसलों की विशेष देखभाल करें और जरूरत पड़ने पर फसलों को पाले से बचाने के उपाय करें। कई किसानों ने अपने खेतों में धुआं करना शुरू कर दिया है ताकि तापमान को नियंत्रित रखा जा सके।

आम जनजीवन पर प्रभाव

यवतमाल शहर और आसपास के ग्रामीण इलाकों में लोगों की दिनचर्या भी ठंड की वजह से प्रभावित हुई है। सुबह जल्दी उठना और बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतनी पड़ रही है।

बाजारों में गर्म कपड़ों की मांग बढ़ गई है। स्वेटर, शॉल, जैकेट और कंबलों की बिक्री में अच्छी बढ़ोतरी देखी जा रही है। दुकानदारों का कहना है कि इस साल की ठंड पिछले कुछ सालों से ज्यादा है इसलिए गर्म कपड़ों की खरीदारी भी अधिक हो रही है।

गरीब और बेघर लोगों के लिए यह मौसम काफी कठिन साबित हो रहा है। प्रशासन और कुछ सामाजिक संगठनों ने जरूरतमंद लोगों को कंबल और गर्म कपड़े बांटने का काम शुरू किया है। कई जगहों पर रात के समय अलाव जलाकर लोग ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं।

स्वास्थ्य पर असर

ठंड बढ़ने के साथ ही स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ रही हैं। सर्दी, खांसी, बुखार और जोड़ों के दर्द से पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। जिले के अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है।

डॉक्टरों का कहना है कि इस मौसम में विशेष सावधानी जरूरी है। गर्म पानी पीना, पौष्टिक भोजन लेना और गर्म कपड़े पहनना जरूरी है। बुजुर्गों और छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है।

परिवहन और यातायात

ठंड और कोहरे के कारण सड़क परिवहन पर भी असर पड़ा है। सुबह के समय कोहरे की वजह से दृश्यता कम हो जाती है जिससे वाहन चालकों को सावधानी से चलना पड़ता है। कई बार दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है।

यातायात विभाग ने वाहन चालकों को सलाह दी है कि वे धीमी गति से गाड़ी चलाएं और हेडलाइट का इस्तेमाल करें। कोहरे के समय लंबी दूरी की यात्रा से बचना चाहिए।

विदर्भ के अन्य इलाके

यवतमाल के अलावा विदर्भ के अन्य जिलों में भी ठंड का असर देखा जा रहा है। नागपुर, अकोला, वाशिम और चंद्रपुर में भी तापमान सामान्य से नीचे चल रहा है। हालांकि यवतमाल में सबसे ज्यादा ठंड दर्ज की गई है।

मौसम विभाग के अनुसार यह स्थिति अगले एक हफ्ते तक जारी रह सकती है। उसके बाद तापमान में थोड़ी राहत मिल सकती है। लेकिन जनवरी और फरवरी में ठंड का दौर जारी रहेगा।

प्रशासन की तैयारी

जिला प्रशासन ने ठंड से निपटने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट किया गया है और जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए राहत शिविर लगाए गए हैं।

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें और गर्म कपड़ों का पूरा इस्तेमाल करें। किसानों को भी अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने की सलाह दी गई है।

यवतमाल में इस साल की ठंड ने सभी को चौंका दिया है। 8.8 डिग्री सेल्सियस का तापमान पिछले कुछ सालों में सबसे कम है। लोगों को उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में स्थिति में सुधार होगा और तापमान में बढ़ोतरी होगी। तब तक सभी को सावधानी बरतते हुए इस ठंड का सामना करना होगा।

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Asfi Shadab

एक लेखक, चिंतक और जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता, जो खेल, राजनीति और वित्त की जटिलता को समझते हुए उनके बीच के रिश्तों पर निरंतर शोध और विश्लेषण करते हैं। जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को सरल, तर्कपूर्ण और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध।