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चांदी ने रचा नया इतिहास, 1.88 लाख प्रति किलो का आंकड़ा पार, जानिए आज का भाव

चांदी ने रचा नया इतिहास
चांदी ने रचा नया इतिहास
MCX पर चांदी के दाम पहली बार 1.88 लाख रुपए प्रति किलो पार कर गए, जबकि दिल्ली में निवेशकों की सतर्कता से भाव 4,500 रुपए गिर गए। वैश्विक सप्लाई कमी, डॉलर की कमजोरी और बढ़ती औद्योगिक मांग से विशेषज्ञ 2026 तक चांदी के 2.40 लाख प्रति किलो तक पहुंचने की संभावना जता रहे हैं।
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Silver Price Today: चांदी ने एक बार फिर इतिहास रच दिया। MCX पर पहली बार इसकी कीमत 1.88 लाख रुपए प्रति किलोग्राम के पार चली गई। घरेलू वायदा बाजार MCX पर मंगलवार यानी 9 दिसंबर रात 9 से 10 बजे के आसपास चांदी की कीमतों में जोरदार उछाल दिखा और देखते ही देखते चांदी ऑल टाइम हाई पर चली गई। चांदी ने एक झटके में सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए।

मार्च 2026 एक्सपायरी वाली चांदी का लास्ट ट्रेडिंग प्राइस 1,88,300 प्रति किलोग्राम (Silver Price Today) दर्ज हुआ, जो पिछले क्लोज से 6558 यानी 3.61% की तेज बढ़त है। कारोबार के दौरान चांदी 1,88,500 रुपए (Silver Rate Today) के हाई लेवल तक पहुंच गई। पिछले दिन चांदी 1,81,742 रुपए पर क्लोज हुई थी।

दिल्ली में 4500 रुपए तक सस्ती हुई चांदी

इधर, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चांदी 4,500 रुपए लुढ़ककर 1,80,500 रुपए प्रति किलोग्राम (Silver Rate Today) पर बंद हुई। ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के मुताबिक, यह गिरावट निवेशकों के सतर्क रुख और फेड की बैठक से जुड़ी अनिश्चितता का सीधा असर है। बाजार जानकारों का कहना है कि फेडरल रिजर्व की पॉलिसी से पहले ट्रेडर्स किसी बड़े ट्रेंड पर दांव लगाने से बच रहे थे। अंतरराष्ट्रीय बाजार में बॉन्ड यील्ड बढ़ने और डॉलर में संभावित उतार-चढ़ाव ने भी सोने पर दबाव बढ़ाया है।

2.40 लाख रुपए के पार जाएगी चांदी

विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक बाजार में चांदी की बढ़ती मांग, डॉलर की कमजोरी और ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से यह रैली और तेज हो रही है। इंडस्ट्रियल डिमांड भी लगातार बढ़ रही है, जिससे कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में कमोडिटी रिसर्च हेड नवीन दमाणी के मुताबिक, सिल्वर की तेजी लंबी चलेगी, क्योंकि वैश्विक सप्लाई डेफिसिट लगातार बढ़ रहा है।

उनका अनुमान है कि चांदी 2026 की पहली तिमाही में 2 लाख और अगले साल के अंत तक 2.4 लाख प्रति किलोग्राम (Silver Target Price 2026) तक जा सकती है। डॉलर कीमतों में भी चांदी 75 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचने की संभावना जताई गई है।

आखिर क्यों भाग रहे चांदी के दाम?

चांदी की कीमतों को बढ़ाने वाला सबसे बड़ा कारक यह है कि वैश्विक मांग 2020 से लगातार सप्लाई से ज्यादा है। वॉशिंगटन स्थित सिल्वर इंस्टीट्यूट के अनुसार, चांदी का ज्यादातर उत्पादन सोना, लेड या जिंक खनन के दौरान बायप्रोडक्ट के रूप में होता है। यानी जब तक इन धातुओं का उत्पादन नहीं बढ़ेगा, चांदी की सप्लाई सीमित ही रहेगी।

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Dipali Kumari

दीपाली कुमारी पिछले तीन वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में कार्यरत हैं। उन्होंने रांची के गोस्सनर कॉलेज से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है। सामाजिक सरोकारों, जन-जागरूकता और जमीनी मुद्दों पर लिखने में उनकी विशेष रुचि है। आम लोगों की आवाज़ को मुख्यधारा तक पहुँचाना और समाज से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्नों को धारदार लेखन के माध्यम से सामने लाना उनका प्रमुख लक्ष्य है।