संदेशखाली इलाके में एक बार फिर सुर्खियां बटोर रहा है। शाहजहां शेख कांड के मुख्य गवाह भोला घोष की हाल ही में हुई सड़क दुर्घटना के बाद अब फोरेंसिक जांच शुरू हो गई है। बोयारमारी इलाके में स्थित एक पेट्रोल पंप पर दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी और ट्रक को रखा गया है, जहां फोरेंसिक विशेषज्ञों की पांच सदस्यीय टीम ने नमूने जुटाने का काम शुरू कर दिया है।
यह मामला केवल एक साधारण सड़क दुर्घटना नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई सवाल खड़े हो गए हैं। भोला घोष वही व्यक्ति हैं जिन्होंने संदेशखाली में हुई कथित यौन शोषण और जमीन हड़पने के मामले में शाहजहां शेख के खिलाफ गवाही दी थी। ऐसे में उनके साथ हुई यह दुर्घटना संदेह के घेरे में आ गई है।
दुर्घटना स्थल से गाड़ियों को पेट्रोल पंप पर क्यों लाया गया
बोयारमारी इलाके से करीब 400 मीटर की दूरी पर स्थित एक पेट्रोल पंप पर भोला घोष की दुर्घटनाग्रस्त कार और जिस ट्रक ने टक्कर मारी थी, दोनों को रखा गया है। इस जगह को पुलिस ने पूरी तरह से सुरक्षित कर दिया है। भारी संख्या में पुलिस कर्मचारी तैनात किए गए हैं ताकि कोई भी सबूत के साथ छेड़छाड़ न कर सके।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, दुर्घटना वाली जगह पर गाड़ियों को रखना संभव नहीं था, इसलिए उन्हें सुरक्षित स्थान पर लाया गया। पेट्रोल पंप एक खुली और सुरक्षित जगह है जहां फोरेंसिक जांच आसानी से की जा सकती है।
फोरेंसिक टीम ने शुरू की जांच
फोरेंसिक विशेषज्ञों की पांच सदस्यीय टीम ने दोनों गाड़ियों से नमूने एकत्र करने का काम शुरू कर दिया है। इस टीम में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हैं जो हर छोटे से छोटे सबूत को इकट्ठा कर रहे हैं। टीम के सदस्य गाड़ियों के विभिन्न हिस्सों से नमूने ले रहे हैं, जिनमें टायर के निशान, पेंट के टुकड़े, टूटे हुए शीशे और अन्य सामग्री शामिल हैं।
फोरेंसिक जांच का उद्देश्य यह पता लगाना है कि दुर्घटना वास्तव में कैसे हुई। क्या यह एक सामान्य सड़क दुर्घटना थी या फिर इसके पीछे कोई साजिश थी। टीम यह भी जांच कर रही है कि ट्रक ने कार को किस गति से टक्कर मारी और टक्कर किस कोण से हुई।
भोला घोष कौन हैं और क्यों हैं महत्वपूर्ण
भोला घोष संदेशखाली कांड में एक अहम गवाह हैं। उन्होंने शाहजहां शेख और उनके साथियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। संदेशखाली में महिलाओं के साथ कथित यौन शोषण और स्थानीय लोगों की जमीन जबरन हड़पने के मामले में भोला घोष ने खुलकर बयान दिए थे।
उनकी गवाही इस मामले में बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही थी। कई लोगों का मानना है कि शाहजहां शेख के खिलाफ मजबूत केस बनाने में भोला घोष की भूमिका अहम थी। ऐसे में उनके साथ हुई इस दुर्घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
राजनीतिक घमासान भी शुरू
इस दुर्घटना को लेकर राजनीतिक घमासान भी शुरू हो गया है। विपक्षी दलों ने इसे एक साजिश करार देते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका कहना है कि जो लोग सत्ता में बैठे लोगों के खिलाफ गवाही देते हैं, उनके साथ ऐसी घटनाएं होना संदेह पैदा करता है।
कई राजनीतिक नेताओं ने सोशल मीडिया पर इस मामले को उठाया है। उन्होंने कहा है कि अगर गवाहों को सुरक्षा नहीं मिलेगी तो न्याय प्रक्रिया कैसे चलेगी। हालांकि, सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
पुलिस की सख्त तैनाती
पेट्रोल पंप पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। किसी को भी गाड़ियों के पास जाने की अनुमति नहीं है। केवल फोरेंसिक टीम के सदस्यों को ही जांच करने दी जा रही है। पुलिस ने पूरे इलाके को घेर रखा है ताकि कोई भी सबूत के साथ छेड़छाड़ न कर सके।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सुबह से ही भारी पुलिस बल मौजूद है। आम लोगों को भी इस इलाके से दूर रखा जा रहा है। यह सख्ती इस बात का संकेत है कि अधिकारी इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं।
जांच में क्या-क्या देखा जा रहा है
फोरेंसिक टीम विभिन्न पहलुओं पर ध्यान दे रही है। वे यह जांच कर रहे हैं कि गाड़ियों की गति कितनी थी, ब्रेक लगाए गए थे या नहीं, और टक्कर किस तरह से हुई। टीम दोनों गाड़ियों के मैकेनिकल हिस्सों की भी जांच कर रही है।
इसके अलावा, यह भी देखा जा रहा है कि क्या किसी गाड़ी में कोई खराबी थी या नहीं। ट्रक के ड्राइवर का बयान भी लिया जा रहा है। विशेषज्ञ हर छोटे से छोटे सबूत को इकट्ठा कर रहे हैं ताकि सच्चाई सामने आ सके।
आगे क्या होगा
फोरेंसिक जांच में कुछ दिन लग सकते हैं। टीम द्वारा एकत्र किए गए नमूनों को प्रयोगशाला में भेजा जाएगा जहां विस्तृत विश्लेषण किया जाएगा। इसके बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि दुर्घटना के असली कारण क्या थे।
पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि वे हर संभव तरीके से जांच कर रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया है कि सच्चाई सामने आएगी और न्याय होगा। हालांकि, स्थानीय लोगों और राजनीतिक दलों को अभी भी कई सवालों के जवाब चाहिए।
संदेशखाली कांड पहले से ही चर्चा में है और अब भोला घोष की यह दुर्घटना इस पूरे मामले को एक नया मोड़ दे सकती है। फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही पूरी तस्वीर साफ होगी। तब तक यह मामला चर्चा और बहस का विषय बना रहेगा।