मुंबई में जर्जर एस-आर-ए इमारतों के पुनर्विकास पर सरकार का नया कदम
मुंबई में झोपड़पट्टी पुनर्विकास योजना के अंतर्गत बनी कई एस-आर-ए इमारतें अब बहुत पुरानी और कमजोर हो चुकी हैं। इन इमारतों की हालत इतनी खराब हो गई है कि उनमें रहना लोगों के लिए खतरे से खाली नहीं है। विधान परिषद के सभागृह में इस विषय को सदस्य सचिन अहीर ने उठाया। उन्होंने पूछा कि इन इमारतों के पुनर्विकास को लेकर सरकार की क्या योजना है।
इस प्रश्न का उत्तर राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ओर से मंत्री शंभूराजे देसाई ने दिया। उन्होंने बताया कि सरकार ने 23 जुलाई 2025 को जारी की गई नई गृहनिर्माण नीति में विशेष प्रावधान जोड़े हैं, जिनका उद्देश्य जर्जर एस-आर-ए इमारतों का तेज पुनर्विकास करना है।
नई नीति में क्या शामिल है
सरकार द्वारा जारी की गई नई नीति में यह तय किया गया है कि उन सभी एस-आर-ए इमारतों की सूची तैयार की जाए जो अब रहने योग्य नहीं बची हैं। इन इमारतों के पुनर्विकास को नई योजना में प्राथमिकता दी जाएगी।
नीति के अनुसार, DCPR-2034 में कई बदलाव किए जाएंगे। यह बदलाव उन नियमों से जुड़े होंगे जो पुनर्विकास कार्य में बाधा बनते हैं। इसके लिए सरकार ने एस-आर-ए प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि वह उचित प्रस्ताव बनाकर दो महीनों के भीतर सरकार को भेजे।

प्रस्ताव भेजने की प्रक्रिया
मंत्री देसाई ने बताया कि एस-आर-ए प्राधिकरण को पहले पुराने भवनों की हालत की जांच करनी होगी। इसके बाद हर इमारत की रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। मुकम्मल रिपोर्ट और प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद सरकार नया प्रारूप तैयार करेगी। इस प्रारूप के आधार पर आगे का पुनर्विकास कार्य किया जाएगा।
सरकार का मानना है कि जब तक एस-आर-ए प्राधिकरण से उचित प्रस्ताव नहीं आता, तब तक बदलाव लागू करना संभव नहीं है। इसलिए दो महीनों में यह प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
नई योजना से मिलने वाले फायदे
नई पुनर्विकास नीति का उद्देश्य केवल इमारतों को नया बनाना नहीं है, बल्कि लोगों की सुरक्षा और सुविधा को सुनिश्चित करना भी है। नई योजना के अनुसार बनने वाली इमारतों में निम्न सुविधाएं दी जाएंगी:
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मजबूत निर्माण
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सुरक्षित ढांचा
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आग से सुरक्षा की व्यवस्था
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साफ पानी की सुविधा
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बेहतर सीवेज लाइन
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लिफ्ट और आम जगहों में साफ-सफाई
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आसपास बेहतर वातावरण
सरकार का कहना है कि इन सुविधाओं से लोगों के जीवन में बड़ा सुधार होगा और उन्हें एक सुरक्षित घर मिलेगा।
नागरिकों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता
मंत्री देसाई ने कहा कि कई एस-आर-ए इमारतों में बड़े खतरे हैं। कई जगह दीवारों में बड़ी दरारें हैं। कुछ इमारतों में बारिश के समय पानी भर जाता है। कई इमारतों की सीढ़ियां टूटने लगी हैं। ऐसी स्थिति में दुर्घटना का खतरा हमेशा बना रहता है।
इसी वजह से सरकार ने विशेष पुनर्विकास योजना तैयार की है। यह योजना लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाई गई है। सरकार का लक्ष्य है कि किसी भी नागरिक को कमजोर इमारतों में रहने के लिए मजबूर न होना पड़े।
मुंबई में पुनर्विकास की गति बढ़ेगी
नई नीति लागू होने के बाद उम्मीद है कि मुंबई में पुनर्विकास की गति बढ़ेगी। कई एस-आर-ए प्रोजेक्ट वर्षों से अधूरे पड़े हैं। इन प्रोजेक्टों को भी नई नीति के तहत आगे बढ़ाया जाएगा। सरकार चाहती है कि काम बिना रुकावट के पूरा हो और लोगों को जल्द नया घर मिले।
नई नीति के कारण प्रशासनिक प्रक्रिया भी तेज होगी। इससे हर चरण में लगने वाला समय कम होगा और पुनर्विकास जल्द पूरा होगा।
एस-आर-ए प्राधिकरण की भूमिका
नई नीति में एस-आर-ए प्राधिकरण को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। उसे इमारतों का निरीक्षण, रिपोर्ट तैयार करना, पुनर्विकास की योजना बनाना और नागरिकों की शिकायतें सुनना जैसे कामों को समय पर पूरा करना होगा। प्राधिकरण को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि निर्माण कार्य सही तरीके से पूरा हो और किसी भी तरह की लापरवाही न हो।
सरकार की ओर से स्पष्ट संदेश
मंत्री शंभूराजे देसाई ने स्पष्ट कहा कि सरकार का लक्ष्य लोगों को सुरक्षित, टिकाऊ और अच्छी सुविधाओं वाले घर देना है। उन्होंने कहा कि वर्षों से लंबित पुनर्विकास कार्य को अब तेज गति से आगे बढ़ाया जाएगा। उनका कहना है कि नई नीति से मुंबई के हजारों परिवारों को राहत मिलेगी।
मुंबई की एस-आर-ए इमारतों की स्थिति को देखते हुए सरकार ने जो कदम उठाए हैं, वे नागरिकों के लिए बड़ी राहत साबित होंगे। नई नीति से उन सभी परिवारों को सुरक्षित घर मिलने का रास्ता खुलेगा जो आज जर्जर इमारतों में रहने को मजबूर हैं। आने वाले दिनों में नीति के लागू होने के बाद पुनर्विकास का काम तेज होने की उम्मीद है।