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बिधान नगर में राम मंदिर निर्माण की घोषणा, मार्च में शुरू होगा काम

BidhanNagar Ram Mandir: बिधान नगर में राम मंदिर बनाने की तैयारी, मार्च से शुरू होगा निर्माण
BidhanNagar Ram Mandir: बिधान नगर में राम मंदिर बनाने की तैयारी, मार्च से शुरू होगा निर्माण (File Photo)
पश्चिम बंगाल के बिधान नगर में राम मंदिर निर्माण की घोषणा की गई है। बीजेपी के पूर्व मंडल अध्यक्ष संजय पोयरा ने बताया कि चार बीघा जमीन पर मंदिर बनेगा और 26 मार्च को रामनवमी पर शिलान्यास होगा। मंदिर के साथ स्कूल, अस्पताल और वृद्धाश्रम भी बनाए जाएंगे। सॉल्ट लेक के करुणामयी और सिटी सेंटर में बैनर लगाकर यह घोषणा की गई।
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पश्चिम बंगाल के बिधान नगर इलाके में राम मंदिर बनाने की घोषणा ने हलचल मचा दी है। गुरुवार दोपहर को सॉल्ट लेक के करुणामयी, सिटी सेंटर समेत कई जगहों पर राम मंदिर निर्माण के बैनर लगाए गए। इन बैनर में दावा किया गया है कि आगामी मार्च महीने से मंदिर निर्माण का काम शुरू हो जाएगा। इस मंदिर निर्माण के आह्वायक के रूप में बिधान नगर बीजेपी के पूर्व मंडल अध्यक्ष संजय पोयरा ने खुद को पेश किया है।

मंदिर निर्माण की योजना

संजय पोयरा का दावा है कि बिधान नगर में करीब चार बीघा जमीन पर राम मंदिर का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आगामी 26 मार्च को रामनवमी के पावन अवसर पर इस मंदिर का शिलान्यास होगा। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब पश्चिम बंगाल में धार्मिक मुद्दों को लेकर राजनीतिक गर्माहट बढ़ती जा रही है।

पोयरा के अनुसार यह सिर्फ एक मंदिर नहीं होगा, बल्कि एक पूर्ण धार्मिक और सामाजिक परिसर के रूप में विकसित किया जाएगा। मंदिर के साथ-साथ यहां स्कूल, अस्पताल और वृद्धाश्रम भी बनाए जाने की योजना है। इससे यह स्पष्ट होता है कि आयोजक इसे केवल धार्मिक स्थल तक सीमित नहीं रखना चाहते, बल्कि समाज सेवा का केंद्र भी बनाना चाहते हैं।

बैनर लगाकर की गई घोषणा

गुरुवार को सॉल्ट लेक इलाके में कई प्रमुख स्थानों पर बड़े-बड़े बैनर लगाए गए। करुणामयी और सिटी सेंटर जैसे व्यस्त इलाकों में इन बैनर को देखकर लोगों में उत्सुकता बढ़ गई है। बैनर पर साफ तौर पर लिखा गया है कि बिधान नगर में राम मंदिर का निर्माण होगा। इस तरह के सार्वजनिक प्रचार से यह मुद्दा स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।

यह घोषणा राजनीतिक तौर पर भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि पश्चिम बंगाल में बीजेपी लगातार अपनी उपस्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है। राम मंदिर जैसे धार्मिक मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करना बीजेपी की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

संजय पोयरा कौन हैं

संजय पोयरा बिधान नगर बीजेपी के पूर्व मंडल अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने इस मंदिर निर्माण परियोजना की जिम्मेदारी खुद संभाली है और खुद को इसका आह्वायक बताया है। पोयरा का कहना है कि यह उनका व्यक्तिगत सपना नहीं बल्कि इलाके के हिंदू समुदाय की लंबे समय से चली आ रही मांग है।

उनका दावा है कि इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन की व्यवस्था हो चुकी है और सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। हालांकि अभी तक इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि जमीन कहां है और किसके नाम पर है।

मंदिर के साथ सामाजिक सुविधाएं

राम मंदिर परिसर में केवल पूजा-अर्चना की जगह नहीं होगी। पोयरा ने स्पष्ट किया है कि यहां एक स्कूल भी बनाया जाएगा जहां गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। साथ ही एक अस्पताल की स्थापना की जाएगी जो जरूरतमंद लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराएगा।

इसके अलावा एक वृद्धाश्रम भी बनाया जाएगा जहां बेसहारा बुजुर्गों को आश्रय और देखभाल मिलेगी। इस तरह की योजनाओं से यह परियोजना केवल धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक कल्याण से भी जुड़ जाती है। अगर यह सब सच में लागू होता है तो इससे इलाके में एक बड़ा बदलाव आ सकता है।

स्थानीय प्रतिक्रिया

बिधान नगर और सॉल्ट लेक इलाके में रहने वाले लोगों की इस घोषणा पर मिली-जुली प्रतिक्रिया है। कुछ लोग इसे सकारात्मक मानते हैं और मानते हैं कि इससे धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। वहीं कुछ लोग इसे राजनीतिक चाल मानते हुए सतर्क हैं।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर यह मंदिर और सुविधाएं सच में बनती हैं तो इलाके के विकास में मदद मिलेगी। लेकिन कई लोगों को यह भी डर है कि कहीं यह सिर्फ चुनावी वादा तो नहीं है जो समय के साथ भुला दिया जाएगा।

राजनीतिक संदर्भ

पश्चिम बंगाल में धार्मिक मुद्दों पर राजनीति हमेशा से गर्म रही है। बीजेपी राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए हिंदू धर्म से जुड़े मुद्दों को उठाती रही है। राम मंदिर निर्माण की यह घोषणा भी उसी दिशा में एक कदम माना जा रहा है।

हालांकि सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह मुद्दा आने वाले समय में राजनीतिक बहस का केंद्र बन सकता है।

चुनौतियां और सवाल

हालांकि यह घोषणा बड़े पैमाने पर की गई है, लेकिन कई सवाल अभी भी अनुत्तरित हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि चार बीघा जमीन कहां है और किसके पास है। क्या सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं? निर्माण के लिए धन की व्यवस्था कहां से होगी?

इसके अलावा स्थानीय प्रशासन और नगर निगम की इजाजत मिली है या नहीं, यह भी स्पष्ट नहीं है। बिना सरकारी मंजूरी के इतनी बड़ी परियोजना शुरू करना संभव नहीं है। इसलिए आगामी दिनों में इन सवालों के जवाब मिलना जरूरी है।

आगे क्या होगा

संजय पोयरा ने दावा किया है कि 26 मार्च यानी रामनवमी के दिन शिलान्यास होगा। अब देखना यह है कि क्या वास्तव में वह तारीख पर यह कार्यक्रम होता है या नहीं। अगर ऐसा होता है तो यह पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बड़ी घटना होगी।

फिलहाल इलाके में इस घोषणा को लेकर चर्चा जारी है। लोग इंतजार कर रहे हैं कि आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और क्या यह सपना हकीकत में बदलता है या सिर्फ एक घोषणा बनकर रह जाता है।

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Asfi Shadab

एक लेखक, चिंतक और जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता, जो खेल, राजनीति और वित्त की जटिलता को समझते हुए उनके बीच के रिश्तों पर निरंतर शोध और विश्लेषण करते हैं। जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को सरल, तर्कपूर्ण और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध।