कोलकाता के युवा भारती स्टेडियम में 13 दिसंबर को आयोजित अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर लियोनेल मेसी के कॉन्सर्ट में हुई गड़बड़ी और असफलता को लेकर पश्चिम बंगाल में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। दक्षिण कोलकाता जिला कांग्रेस कमेटी ने इस मामले को लेकर हजरा मोड़ पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और राज्य सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए खेल मंत्री के इस्तीफे की मांग की है।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि आयोजकों की लापरवाही और प्रशासनिक विफलता की वजह से कोलकाता के लोगों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है। हजारों खेल प्रेमियों ने मोटी रकम देकर टिकट खरीदे थे, लेकिन कार्यक्रम की खराब व्यवस्था ने सभी को निराश कर दिया।
विरोध प्रदर्शन का मुख्य आधार
दक्षिण कोलकाता जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रदीप प्रसाद ने कहा कि यह सिर्फ एक कार्यक्रम की असफलता नहीं है, बल्कि यह प्रशासनिक नाकामी का सबूत है। उन्होंने कहा कि जब इतने बड़े अंतरराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, तो राज्य सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह सभी तरह की व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करे।
प्रदेश कांग्रेस नेता आशुतोष चटर्जी ने भी इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया और कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को इस मामले में पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की लापरवाही की वजह से कोलकाता की छवि को नुकसान पहुंचा है।
टिकट वापसी की तत्काल मांग
विरोध प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि जिन हजारों खेल प्रेमियों ने कॉन्सर्ट के लिए टिकट खरीदे थे, उनका पैसा तुरंत वापस किया जाए। कई लोगों ने हजारों रुपये खर्च करके अपने पसंदीदा फुटबॉलर को देखने की उम्मीद में टिकट लिए थे, लेकिन खराब व्यवस्था और आयोजकों की नाकामी ने उनके सपनों को तोड़ दिया।
कांग्रेस का कहना है कि अगर सरकार ने आयोजकों को अनुमति दी थी, तो यह भी सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी थी कि सभी व्यवस्थाएं सही तरीके से हों। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ा।
खेल मंत्री के इस्तीफे की मांग
दक्षिण कोलकाता जिला कांग्रेस कमेटी ने प्रशासनिक विफलता का हवाला देते हुए राज्य के खेल मंत्री से तत्काल इस्तीफा देने की मांग की है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जब खेल विभाग के अंतर्गत इतनी बड़ी गड़बड़ी होती है, तो मंत्री को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
प्रदीप प्रसाद ने कहा कि यह सिर्फ राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह जनता के विश्वास और सम्मान का सवाल है। कोलकाता एक खेल प्रेमी शहर है और यहां के लोगों के साथ इस तरह का व्यवहार बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है।
आयोजकों की लापरवाही
जानकारी के अनुसार, युवा भारती स्टेडियम में आयोजित इस कॉन्सर्ट में कई तरह की कमियां देखने को मिलीं। व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं थीं, भीड़ नियंत्रण में समस्याएं आईं और कई दर्शकों को ठीक से कार्यक्रम देखने का मौका ही नहीं मिला। इसके अलावा, सुरक्षा व्यवस्था में भी खामियां सामने आईं।
कई दर्शकों ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जताई और आयोजकों की कड़ी आलोचना की। लोगों का कहना है कि जब इतने महंगे टिकट बेचे जाते हैं, तो दर्शकों को बेहतर सुविधाएं मिलनी चाहिए।
सरकार की जवाबदेही तय हो
कांग्रेस का आरोप है कि राज्य सरकार ने इस कार्यक्रम को मंजूरी देते समय सभी पहलुओं पर ध्यान नहीं दिया। अगर आयोजकों की क्षमता और तैयारियों की जांच पहले से की गई होती, तो यह स्थिति नहीं बनती।
आशुतोष चटर्जी ने कहा कि सरकार को यह साफ करना चाहिए कि वह इस मामले में क्या कदम उठाने जा रही है। सिर्फ माफी मांगने से काम नहीं चलेगा, बल्कि ठोस कार्रवाई करनी होगी।
जनता का गुस्सा
कोलकाता के लोग इस पूरे प्रकरण से काफी नाराज हैं। खासकर युवाओं में निराशा और गुस्सा देखा जा रहा है, जिन्होंने अपनी मेहनत की कमाई से टिकट खरीदे थे। सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहे हैशटैग और पोस्ट इस बात का सबूत हैं कि लोग इस मामले को हल्के में नहीं ले रहे हैं।
कई लोगों ने कानूनी कार्रवाई करने की भी बात कही है और उपभोक्ता अदालत में जाने की तैयारी कर रहे हैं।
राजनीतिक दांव-पेच
हालांकि यह मामला एक खेल कार्यक्रम से जुड़ा है, लेकिन राजनीतिक दल इसे अपने तरीके से उठा रहे हैं। कांग्रेस ने इसे सरकार की नाकामी बताते हुए जोरदार हमला बोला है। अब देखना होगा कि राज्य सरकार इस मामले में क्या रुख अपनाती है।
विरोध प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए और प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही सही कदम नहीं उठाए गए, तो यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है।
आगे की राह
इस पूरे प्रकरण में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या सरकार इस मामले में सही कदम उठाएगी या फिर यह मामला भी राजनीतिक बयानबाजी में उलझकर रह जाएगा। दर्शकों को उनका पैसा वापस मिलेगा या नहीं, यह भी देखना होगा।
कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह इस मामले को छोड़ने वाली नहीं है और जब तक सही न्याय नहीं मिलता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।|