नादिया जिले के बिपदास पाल चौधरी प्रौद्योगिकी संस्थान में एक ऐतिहासिक पल देखने को मिला जब पहली बार संस्थान में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इस भव्य समारोह में कुल 127 छात्रों को उनके डिप्लोमा प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। यह राज्य में किसी भी इंजीनियरिंग डिप्लोमा कॉलेज में आयोजित होने वाला पहला दीक्षांत समारोह था, जो शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त इस डिप्लोमा इंजीनियरिंग कॉलेज में सिविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल और कंप्यूटर साइंस एंड टेक्नोलॉजी शाखाओं के तीसरे वर्ष के सभी छात्रों ने एक साथ इस ऐतिहासिक अवसर पर अपने प्रमाणपत्र प्राप्त किए। यह आयोजन न केवल छात्रों के लिए बल्कि पूरे संस्थान और नादिया जिले के लिए गर्व का क्षण था।
समारोह में उपस्थित गणमान्य अतिथि
इस विशेष अवसर पर कई महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। नादिया जिले के जिलाधिकारी अनीश दासगुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में समारोह में शामिल हुए। उनके साथ जिला न्यायाधीश शुभंकर सेन, अतिरिक्त निदेशालय की डॉ. संघमित्रा प्रधान, और बिपदास पाल चौधरी प्रौद्योगिकी संस्थान के प्राचार्य प्रणय कुमार साहा भी उपस्थित थे।
इसके अलावा संस्थान के शिक्षक, कर्मचारी और शैक्षणिक संस्थान के अन्य सदस्यों ने भी इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। सभी अतिथियों ने छात्रों को उनकी सफलता के लिए बधाई दी और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
छात्रों को मिला प्रमाणपत्र
समारोह में कुल 127 छात्रों ने भाग लिया और अपने परिश्रम और मेहनत का फल प्राप्त किया। चार अलग-अलग शाखाओं से जुड़े इन छात्रों ने तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद अपना डिप्लोमा पूरा किया। सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस एंड टेक्नोलॉजी की शाखाओं में पढ़ने वाले इन छात्रों ने अपनी योग्यता साबित की है।
प्रत्येक छात्र को व्यक्तिगत रूप से मंच पर बुलाकर उनके प्रमाणपत्र सौंपे गए। यह पल छात्रों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए बेहद खास और भावुक था। कई छात्रों की आंखों में खुशी के आंसू देखे गए।
समाज सेवा की शपथ
दीक्षांत समारोह के दौरान एक विशेष शपथ ग्रहण समारोह भी आयोजित किया गया। इस शपथ समारोह में सभी छात्रों ने समाज की बेहतरी के लिए काम करने का संकल्प लिया। छात्रों ने यह प्रतिज्ञा की कि वे अपनी शिक्षा और कौशल का उपयोग समाज के विकास और उन्नति के लिए करेंगे।
यह शपथ इस बात को दर्शाता है कि शिक्षा केवल व्यक्तिगत विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य समाज की सेवा करना भी है। संस्थान के प्राचार्य ने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग देश और समाज के विकास में करें।
तकनीकी शिक्षा का महत्व
इस दीक्षांत समारोह ने तकनीकी शिक्षा के महत्व को एक बार फिर रेखांकित किया। आज के युग में इंजीनियरिंग और तकनीकी शिक्षा युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खोलती है। डिप्लोमा कोर्स उन छात्रों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जो जल्दी नौकरी पाना चाहते हैं या अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं।
बिपदास पाल चौधरी प्रौद्योगिकी संस्थान ने राज्य में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संस्थान की यह पहल अन्य शैक्षणिक संस्थानों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
जिलाधिकारी का बयान
कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी अनीश दासगुप्ता ने छात्रों को संबोधित करते हुए उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने कौशल को निरंतर विकसित करते रहें और नई तकनीकों को सीखते रहें।
इसके अलावा, जिलाधिकारी ने चुनाव आयोग द्वारा कल प्रकाशित होने वाली मतदाता सूची के मसौदे के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयार है और चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मतदाता सूची में सभी पात्र मतदाताओं के नाम शामिल हों और कोई भी व्यक्ति अपने मतदान के अधिकार से वंचित न रहे।
संस्थान का इतिहास और विकास
बिपदास पाल चौधरी प्रौद्योगिकी संस्थान नादिया जिले के प्रमुख तकनीकी शिक्षण संस्थानों में से एक है। राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त यह संस्थान कई वर्षों से गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा प्रदान कर रहा है। संस्थान में आधुनिक प्रयोगशालाएं, अनुभवी शिक्षक और उच्च स्तरीय शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध है।
संस्थान का उद्देश्य छात्रों को केवल सैद्धांतिक ज्ञान ही नहीं बल्कि व्यावहारिक कौशल भी प्रदान करना है। यही कारण है कि यहां के छात्रों को उद्योग जगत में अच्छे अवसर मिलते हैं।
भविष्य की योजनाएं
संस्थान के प्राचार्य प्रणय कुमार साहा ने बताया कि यह केवल शुरुआत है। आने वाले वर्षों में संस्थान में और अधिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे और छात्रों को बेहतर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए उद्योग जगत के साथ सहयोग बढ़ाया जाएगा।
संस्थान का लक्ष्य है कि प्रत्येक छात्र को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार मिले। इसके लिए नियमित रूप से प्लेसमेंट कैंप और कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
बिपदास पाल चौधरी प्रौद्योगिकी संस्थान का यह पहला दीक्षांत समारोह एक यादगार आयोजन रहा। 127 छात्रों के लिए यह दिन जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा। समाज की सेवा करने की शपथ लेकर ये छात्र अब अपने करियर की नई शुरुआत करेंगे। संस्थान और जिला प्रशासन के सहयोग से आयोजित यह कार्यक्रम तकनीकी शिक्षा के महत्व को दर्शाता है और अन्य संस्थानों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा। शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे आयोजन युवाओं को प्रोत्साहित करते हैं और उन्हें बेहतर भविष्य की ओर ले जाते हैं।