पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के कंकुरगाछी इलाके में शनिवार को एक भयानक आग की घटना सामने आई। घोष बागान लेन इलाके में स्थित एक ऑक्सीजन सिलिंडर के गोदाम में अचानक आग लग गई, जिसके बाद सिलिंडर फटने का सिलसिला शुरू हो गया। स्थानीय निवासियों के मुताबिक करीब सौ से अधिक सिलिंडर जोरदार धमाके के साथ फटे। आग इतनी भयानक थी कि देखते ही देखते चार गोदाम इसकी चपेट में आ गए। घटना की सूचना मिलते ही दमकल विभाग की पंद्रह गाड़ियां मौके पर पहुंची और तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
आग लगने की शुरुआत
घटना की शुरुआत कंकुरगाछी इलाके के एक ऑक्सीजन सिलिंडर गोदाम से हुई। शुरुआत में गोदाम के एक हिस्से में आग लगी, लेकिन कुछ ही देर में यह आग भयानक रूप ले गई। गोदाम में रखे ऑक्सीजन सिलिंडर गर्मी की वजह से एक-एक करके फटने लगे। स्थानीय लोगों का कहना है कि करीब सौ से अधिक सिलिंडर जोरदार आवाज के साथ फटे। इन धमाकों की आवाज दूर-दूर तक सुनाई दी और पूरे इलाके में दहशत फैल गई।
आग का फैलाव
ऑक्सीजन सिलिंडर के गोदाम में लगी आग धीरे-धीरे आसपास के अन्य गोदामों में भी फैलने लगी। आग की लपटें पास में स्थित गंजी के गोदाम तक पहुंच गईं। इसके साथ ही प्लास्टिक का सामान रखने वाले गोदाम में भी आग लग गई। प्लास्टिक के जलने से काला धुआं निकलने लगा और पूरा इलाका धुएं से भर गया। कुल मिलाकर चार गोदाम इस आग की चपेट में आए और भारी नुकसान हुआ। आग इतनी तेज थी कि आसपास की दुकानें और मकान भी खतरे में आ गए।
इलाके में फैली दहशत
सिलिंडर के लगातार फटने से इलाके के लोगों में भारी दहशत फैल गई। लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और सुरक्षित जगहों की तरफ भागने लगे। बच्चे और बुजुर्ग डर के मारे घबरा गए। कई लोगों ने अपने घरों से जरूरी सामान निकालना शुरू कर दिया। इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। लोगों को डर था कि कहीं आग उनके घरों तक न पहुंच जाए। हालांकि दमकल विभाग की तेज कार्रवाई से बड़ी दुर्घटना टल गई और किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
दमकल की कार्रवाई
आग की सूचना मिलते ही दमकल विभाग ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। घटनास्थल पर दमकल की पंद्रह गाड़ियां पहुंचाई गईं। दमकल कर्मियों ने कई दिशाओं से आग पर पानी की बौछार शुरू की। लेकिन आग पर काबू पाना आसान नहीं था। ऑक्सीजन सिलिंडर के फटने से आग और तेज हो रही थी। प्लास्टिक के जलने से निकलने वाले धुएं ने काम को और मुश्किल बना दिया। करीब तीन घंटे की लगातार कोशिश के बाद दमकल कर्मी आग को काबू में करने में सफल रहे।
संकरी गलियों की समस्या
घटनास्थल पर दमकल की गाड़ियों को पहुंचने में भी कुछ परेशानी हुई। कंकुरगाछी इलाके में बहुत संकरी गलियां हैं। इसके अलावा स्थानीय लोग अपनी गाड़ियां गलियों में खड़ी कर देते हैं, जिससे रास्ता और भी संकरा हो जाता है। इस वजह से दमकल की बड़ी गाड़ियों को अंदर तक पहुंचने में थोड़ी दिक्कत हुई। फिर भी दमकल कर्मियों ने तेजी से काम किया और आग पर काबू पाया।
विधायिका का दौरा
घटना की जानकारी मिलते ही मानिकतला इलाके की विधायिका सुप्ति पांडे घटनास्थल पर पहुंचीं। उन्होंने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया और प्रशासन को जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने पीड़ितों से बात की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। विधायिका ने दमकल कर्मियों के काम की सराहना की और कहा कि उनकी तेज कार्रवाई से बड़ी दुर्घटना टल गई।
पुलिस की मौजूदगी
घटनास्थल पर मानिकतला थाने की पुलिस भी पहुंची। पुलिस ने इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखी और भीड़ को नियंत्रित किया। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है। पुलिस यह भी देख रही है कि क्या गोदाम में सुरक्षा नियमों का पालन हो रहा था या नहीं। प्रारंभिक जांच में यह भी देखा जा रहा है कि इतनी बड़ी संख्या में ऑक्सीजन सिलिंडर एक ही जगह क्यों रखे गए थे।
सुरक्षा नियमों पर सवाल
इस घटना ने गोदामों में सुरक्षा नियमों के पालन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऑक्सीजन सिलिंडर जैसी खतरनाक चीजों को रखने के लिए खास सुरक्षा नियम बनाए गए हैं। इन्हें आबादी वाले इलाकों से दूर रखना चाहिए। साथ ही आग बुझाने के उपकरण और सुरक्षा व्यवस्था भी होनी चाहिए। स्थानीय लोगों की मांग है कि इस तरह के गोदामों पर सख्त नियंत्रण होना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
नुकसान का आकलन
फिलहाल नुकसान का सही आकलन नहीं हो पाया है। चार गोदाम पूरी तरह से जल गए हैं। अंदर रखा सामान पूरी तरह से नष्ट हो गया है। ऑक्सीजन सिलिंडर, गंजी और प्लास्टिक का भारी नुकसान हुआ है। गोदाम मालिकों को करोड़ों रुपये का नुकसान होने की आशंका है। प्रशासन नुकसान का सही आकलन कर रहा है। हालांकि राहत की बात यह है कि इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
यह घटना एक बार फिर शहरी इलाकों में गोदामों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। जरूरत इस बात की है कि खतरनाक सामान रखने वाले गोदामों के लिए सख्त नियम बनाए जाएं और उनका पालन सुनिश्चित किया जाए।