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नागपुर नगर निगम चुनाव में पीआरपी को सम्मानजनक प्रतिनिधित्व की मांग

Nagpur Local Body Election: नगर निगम चुनाव में पीआरपी को सम्मानजनक प्रतिनिधित्व की मांग
Nagpur Local Body Election: नगर निगम चुनाव में पीआरपी को सम्मानजनक प्रतिनिधित्व की मांग (File Photo)
पीपल्स रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष जयदीप कवाड़े ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से नागपुर नगर निगम चुनाव में पार्टी को सम्मानजनक प्रतिनिधित्व देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि नागपुर में रिपब्लिकन-आंबेडकरवादी मतदाताओं का निर्णायक प्रभाव है। मित्र दलों को उचित प्रतिनिधित्व न मिलने पर महायुति को राजनीतिक नुकसान हो सकता है। यह लोकतांत्रिक अधिकार और सम्मान का प्रश्न है।
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महाराष्ट्र की राजनीति में गठबंधन की राजनीति का अपना महत्व है। महायुति के तहत आने वाले सभी चुनावों में साथ मिलकर चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई जा रही है। इसी क्रम में नागपुर नगर निगम के आगामी चुनाव को लेकर पीपल्स रिपब्लिकन पार्टी ने अपनी मांग रखी है। पार्टी के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष जयदीप कवाड़े ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर नागपुर नगर निगम चुनाव में पार्टी को सम्मानजनक प्रतिनिधित्व देने की मांग की है।

जयदीप कवाड़े की सशक्त मांग

महाराष्ट्र लघुउद्योग विकास महामंडल के उपाध्यक्ष और राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त जयदीपभाई जोगेंद्र कवाड़े ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात में स्पष्ट शब्दों में कहा कि पीआरपी को नगर निगम चुनाव में उचित सीटें आवंटित की जाएं। उन्होंने कहा कि यह केवल राजनीतिक आवश्यकता नहीं है बल्कि यह नागपुर के आंबेडकरवादी और रिपब्लिकन मतदाताओं के सम्मान का सवाल है। पार्टी ने हमेशा महायुति का साथ दिया है और अब समय आ गया है कि उन्हें भी उचित स्थान मिले।

नागपुर में आंबेडकर आंदोलन का मजबूत आधार

नागपुर शहर भारतीय राजनीति और सामाजिक आंदोलन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह शहर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर आंदोलन का प्रमुख केंद्र रहा है। यहां रिपब्लिकन और आंबेडकरवादी मतदाताओं की संख्या काफी बड़ी है और उनका राजनीतिक प्रभाव निर्णायक रहा है। ऐसे में नगर निगम चुनाव में इन मतदाताओं की भावनाओं का सम्मान करना जरूरी है।

जयदीप कवाड़े ने इस बात पर जोर दिया कि नागपुर में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की संख्या बड़ी है। शहर के कई वार्डों में आरक्षित सीटें हैं। इन क्षेत्रों में पीआरपी का पारंपरिक और मजबूत आधार है। इसलिए चुनाव में पार्टी को उचित स्थान मिलना चाहिए।

महायुति में साथ निभाने का इतिहास

पीआरपी ने अब तक महाराष्ट्र में हुए हर चुनाव में महायुति का साथ दिया है। पार्टी ने ईमानदारी से गठबंधन की मर्यादा का निर्वाह किया है। लेकिन सीटों के बंटवारे में अपेक्षित सम्मान नहीं मिल पाना पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए निराशाजनक रहा है। जयदीप कवाड़े ने इस बात को खेदजनक बताते हुए कहा कि मित्र दलों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से महायुति को राजनीतिक नुकसान हो सकता है।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का नेतृत्व

वर्तमान में महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष अजित पवार के नेतृत्व में महायुति सरकार चल रही है। तीनों नेताओं ने मिलकर राज्य में विकास के कई काम किए हैं। नगर निगम चुनाव भी इसी गठबंधन के तहत लड़ने की योजना है। ऐसे में सभी घटक दलों को साथ लेकर चलना जरूरी है।

नागपुर नगर निगम चुनाव का स्वरूप

आगामी नागपुर नगर निगम चुनाव में 38 प्रभागों से कुल 151 नगरसेवक चुने जाने हैं। यह एक बड़ा चुनाव है और इसका राजनीतिक महत्व भी अधिक है। नागपुर महाराष्ट्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और यहां के नगर निगम चुनाव परिणाम राज्य की राजनीति पर असर डालते हैं। शहर में विभिन्न समुदायों के मतदाता रहते हैं और उन सभी का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना लोकतंत्र की मांग है।

उत्तर, दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम नागपुर में पीआरपी का प्रभाव

जयदीप कवाड़े ने बताया कि नागपुर के उत्तरी, दक्षिणी और दक्षिण-पश्चिमी इलाकों में पीआरपी का मजबूत प्रभाव है। इन क्षेत्रों में पार्टी के कार्यकर्ता लंबे समय से सामाजिक और राजनीतिक काम कर रहे हैं। स्थानीय मतदाताओं में पार्टी की स्वीकार्यता है। इसलिए इन क्षेत्रों में पीआरपी को टिकट देना न केवल न्यायसंगत है बल्कि चुनावी रणनीति की दृष्टि से भी सही है।

आरक्षित सीटों का महत्व

नागपुर नगर निगम में कई सीटें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। इन सीटों पर पीआरपी की पकड़ पारंपरिक रूप से मजबूत रही है। पार्टी के उम्मीदवारों को इन क्षेत्रों में जनता का भरपूर समर्थन मिलता रहा है। इसलिए सीट बंटवारे में इन तथ्यों को ध्यान में रखना जरूरी है।

लोकतांत्रिक अधिकार और सम्मान का सवाल

जयदीप कवाड़े ने इस मुद्दे को केवल राजनीतिक समन्वय तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने कहा कि यह नागपुर के रिपब्लिकन और आंबेडकरवादी मतदाताओं के सम्मान और लोकतांत्रिक अधिकार का प्रश्न है। जब गठबंधन में सभी साझेदार बराबरी से काम करते हैं तो सभी को उचित स्थान मिलना भी जरूरी है। यह लोकतंत्र का मूल सिद्धांत है।

महायुति को राजनीतिक नुकसान की आशंका

पीआरपी नेता ने चेतावनी दी कि अगर मित्र दलों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलता है तो महायुति को राजनीतिक नुकसान हो सकता है। नगर निगम चुनाव में जीत के लिए सभी घटक दलों का सहयोग जरूरी है। किसी भी साझेदार की उपेक्षा से मतदाताओं में नाराजगी फैल सकती है जो चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकती है।

राजनीतिक समीकरण और रणनीति

नागपुर की राजनीति में विभिन्न समुदायों का संतुलन बनाना जरूरी है। महायुति को चुनाव जीतने के लिए हर वर्ग के मतदाताओं का समर्थन चाहिए। पीआरपी जैसे दल जो विशेष समुदायों में मजबूत आधार रखते हैं, उन्हें सम्मानजनक स्थान देना राजनीतिक समझदारी है। यह न केवल गठबंधन को मजबूत करेगा बल्कि चुनाव में जीत की संभावना भी बढ़ाएगा।

आगे की राह

अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पीआरपी की इस मांग पर क्या निर्णय लेते हैं। नगर निगम चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है और सीट बंटवारे को लेकर जल्द ही फैसला होना है। महायुति के सभी घटक दलों के बीच समन्वय बनाए रखना और सभी को संतुष्ट करना मुख्यमंत्री के लिए चुनौती होगी। पीआरपी की मांग उचित है और इस पर सकारात्मक विचार होना चाहिए ताकि गठबंधन मजबूत बना रहे और चुनाव में सफलता मिल सके।

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Asfi Shadab

एक लेखक, चिंतक और जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता, जो खेल, राजनीति और वित्त की जटिलता को समझते हुए उनके बीच के रिश्तों पर निरंतर शोध और विश्लेषण करते हैं। जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को सरल, तर्कपूर्ण और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध।