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ग्रामायण उद्यम एक्सपो 2025 नागपुर में शुरू, स्थानीय उद्यमियों को मिलेगा सशक्त मंच

Gramayan Udyam Expo 2025: नागपुर में 7वें ग्रामायण उद्यम एक्सपो का भव्य उद्घाटन, जानें पूरी जानकारी
Gramayan Udyam Expo 2025: नागपुर में 7वें ग्रामायण उद्यम एक्सपो का भव्य उद्घाटन, जानें पूरी जानकारी
नागपुर में 26 दिसंबर को 7वें ग्रामायण उद्यम एक्सपो 2025 का उद्घाटन हुआ। धरमपेठ स्थित कुसुमताई वानखेड़े सभागृह में 30 दिसंबर तक चलने वाले इस एक्सपो में विदर्भ के ग्रामीण उद्यमी, कुटीर उद्योग और हस्तशिल्पकार अपने उत्पाद प्रदर्शित कर रहे हैं। प्रतिदिन सुबह 11 से रात 9 बजे तक खुले इस मेले में कार्यशालाएं और प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी।
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नागपुर शहर में ग्रामीण और स्थानीय उद्यमियों के लिए एक बड़ा अवसर लेकर आया है 7वां ग्रामायण उद्यम एक्सपो 2025। इस प्रदर्शनी का भव्य उद्घाटन 26 दिसंबर 2025 को शाम 5 बजे धरमपेठ स्थित कुसुमताई वानखेड़े सभागृह में हुआ। ग्रामायण प्रतिष्ठान नागपुर द्वारा आयोजित इस एक्सपो में विदर्भ क्षेत्र के छोटे उत्पादकों, कुटीर उद्योगों, हस्तशिल्पकारों और महिला उद्यमियों को अपने उत्पाद सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने का मौका मिल रहा है।

उद्घाटन समारोह की खास बातें

एक्सपो के उद्घाटन के लिए मुख्य अतिथि के रूप में नागपुर की पूर्व महापौर श्रीमती कुंदाताई विजयकर उपस्थित थीं। उन्होंने दीप प्रज्वलित करके इस आयोजन की शुरुआत की। उद्घाटन कार्यक्रम में लेफ्टिनेंट कर्नल योगेश भावसार और श्री सुरेश राठी भी विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय उद्यमी, व्यापारी और आम नागरिक मौजूद रहे।

उद्घाटन के समय पूरे सभागृह में उत्साह का माहौल था। विभिन्न स्टालों को देखने के लिए लोग उत्सुक नजर आए। ग्रामीण क्षेत्रों से आए उद्यमियों के चेहरे पर खुशी साफ दिख रही थी क्योंकि उन्हें अपने उत्पादों को शहरी बाजार में पेश करने का सुनहरा अवसर मिला था।

Gramayan Udyam Expo 2025: नागपुर में 7वें ग्रामायण उद्यम एक्सपो का भव्य उद्घाटन, जानें पूरी जानकारी
Gramayan Udyam Expo 2025: नागपुर में 7वें ग्रामायण उद्यम एक्सपो का भव्य उद्घाटन, जानें पूरी जानकारी

एक्सपो का मुख्य उद्देश्य

यह प्रदर्शनी “उद्यमी बनें – आत्मनिर्भरता की ओर” और “स्वदेशी – लोकल से वोकल” की अवधारणा पर आधारित है। इसका मकसद ग्रामीण इलाकों में बनने वाले उत्पादों को बड़े बाजार से जोड़ना है। जब स्थानीय उत्पादों को सही मंच मिलता है तो उद्यमी आत्मनिर्भर बनते हैं और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था भी मजबूत होती है।

इस एक्सपो में B2B यानी व्यापार से व्यापार और B2C यानी व्यापार से ग्राहक दोनों तरह की सुविधा उपलब्ध है। इससे उद्यमियों को न केवल आम ग्राहक मिल रहे हैं बल्कि बड़े व्यापारी भी उनसे जुड़ रहे हैं। यह व्यवस्था उद्यमियों के लिए दोहरा लाभ लेकर आई है।

किन उद्यमियों को मिल रहा मौका

इस प्रदर्शनी में विदर्भ क्षेत्र के विभिन्न प्रकार के उद्यमियों को स्थान दिया गया है। लघु उत्पादक जो घर या छोटे स्तर पर उत्पादन करते हैं, उन्हें यहां अपने उत्पाद प्रदर्शित करने का मौका मिला है। कुटीर उद्योग जैसे मिट्टी के बर्तन, हस्तनिर्मित कागज, जैविक उत्पाद आदि बनाने वाले कारीगर भी यहां मौजूद हैं।

हस्तशिल्पकारों की तो यह प्रदर्शनी विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। वे अपनी कला और हुनर से बनाए गए उत्पाद सीधे खरीददारों को दिखा रहे हैं। महिला उद्यमियों की भागीदारी भी इस एक्सपो की खासियत है। वे अचार, पापड़, मसाले, हस्तनिर्मित गहने, कपड़े और अन्य उत्पाद लेकर आई हैं।

किसान उत्पादक समूह भी इस मेले का हिस्सा हैं। वे अपनी खेती से जुड़े उत्पाद जैसे जैविक अनाज, दालें, मसाले और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ बेच रहे हैं। इसके अलावा विभिन्न सामाजिक संस्थाएं भी अपने सदस्यों द्वारा बनाए गए उत्पाद प्रदर्शित कर रही हैं।

मुख्य अतिथियों के विचार

पूर्व महापौर श्रीमती कुंदाताई विजयकर ने अपने संबोधन में कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले उद्यमी समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि सीमित साधनों में भी जो लोग अपना व्यवसाय खड़ा करते हैं, वे असली हीरो हैं। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे इस एक्सपो में जरूर आएं और स्थानीय उत्पाद खरीदकर इन उद्यमियों को प्रोत्साहन दें।

लेफ्टिनेंट कर्नल योगेश भावसार ने कौशल विकास और उद्यमशीलता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को नौकरी की तलाश में भटकने की बजाय अपना व्यवसाय शुरू करना चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि छोटे स्तर से शुरू किया गया व्यवसाय भी समय के साथ बड़ा बन सकता है।

श्री सुरेश राठी ने ग्रामीण उद्यमियों को विपणन और कानूनी मार्गदर्शन देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि कई बार अच्छे उत्पाद होने के बाद भी उद्यमियों को सही मार्गदर्शन नहीं मिलता। ग्रामायण प्रतिष्ठान इस दिशा में काम कर रहा है और आगे भी करता रहेगा।

पांच दिवसीय कार्यक्रम की योजना

यह एक्सपो 26 दिसंबर से शुरू होकर 30 दिसंबर 2025 तक चलेगा। पूरे पांच दिन सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक यह प्रदर्शनी खुली रहेगी। आयोजकों ने बताया कि प्रवेश पूरी तरह निशुल्क है ताकि अधिक से अधिक लोग आकर स्थानीय उत्पादों को देख और खरीद सकें।

इन पांच दिनों में केवल खरीदारी ही नहीं होगी बल्कि कई विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। विशेषज्ञों द्वारा कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी जिनमें उद्यमियों को व्यवसाय बढ़ाने के गुर सिखाए जाएंगे। डिजिटल मार्केटिंग, वित्तीय प्रबंधन, उत्पाद की पैकेजिंग जैसे विषयों पर जानकारी दी जाएगी।

एक्सपो के दौरान सफल उद्यमियों का सम्मान भी किया जाएगा। जिन लोगों ने छोटे स्तर से शुरुआत करके अपने व्यवसाय को बड़ा बनाया है, उन्हें मंच पर बुलाकर सम्मानित किया जाएगा। यह अन्य उद्यमियों के लिए प्रेरणा का काम करेगा।

विद्यार्थियों के लिए विशेष प्रतियोगिता

युवाओं में उद्यमशीलता की भावना जगाने के लिए एक्सपो में विद्यार्थियों के लिए बिजनेस आइडिया प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। इसमें कॉलेज के छात्र अपने नए और रचनात्मक व्यवसायिक विचार प्रस्तुत करेंगे। बेहतरीन विचारों को पुरस्कृत किया जाएगा। इससे युवाओं को उद्यमी बनने की प्रेरणा मिलेगी।

ग्रामायण प्रतिष्ठान का योगदान

ग्रामायण प्रतिष्ठान नागपुर पिछले कई सालों से ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने का काम कर रहा है। यह सातवां एक्सपो है जो संस्था आयोजित कर रही है। हर साल इसमें भागीदारी बढ़ती जा रही है। पहले जहां कुछ दर्जन स्टाल होते थे, अब सैकड़ों उद्यमी इस मंच का हिस्सा बन रहे हैं।

संस्था केवल एक्सपो तक सीमित नहीं है। साल भर विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण उद्यमियों को प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और बाजार से जोड़ने का काम करती है। कई उद्यमियों की सफलता की कहानियां इस संस्था के प्रयासों का नतीजा हैं।

नागरिकों से अपील

आयोजकों ने नागपुर के नागरिकों से अपील की है कि वे बड़ी संख्या में इस एक्सपो में आएं। स्थानीय उत्पाद खरीदकर न केवल उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। जब हम स्थानीय खरीदारी करते हैं तो पैसा क्षेत्र में ही रहता है और रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं।

विशेष रूप से परिवारों से अनुरोध है कि वे बच्चों को लेकर आएं ताकि नई पीढ़ी को भी स्थानीय उत्पादों और ग्रामीण उद्यमिता के बारे में जानकारी मिले। यह शैक्षिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण अनुभव होगा।

स्थानीय उत्पादों का महत्व

आज के समय में जब बड़ी कंपनियों के उत्पाद हर जगह उपलब्ध हैं, स्थानीय उत्पादों का महत्व और भी बढ़ जाता है। ये उत्पाद न केवल गुणवत्ता में अच्छे होते हैं बल्कि पर्यावरण के लिए भी बेहतर होते हैं। कम दूरी की यात्रा के कारण कार्बन फुटप्रिंट कम होता है।

स्थानीय उत्पाद खरीदने से हम सीधे उस व्यक्ति की मदद करते हैं जिसने अपने हाथों से वह चीज बनाई है। यह एक तरह से सामाजिक जिम्मेदारी भी है। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए यह बेहद जरूरी है।

भविष्य की संभावनाएं

इस एक्सपो से कई उद्यमियों के जीवन में बदलाव आने की उम्मीद है। जो लोग अब तक छोटे स्तर पर काम कर रहे थे, उन्हें बड़े ऑर्डर मिल सकते हैं। नए ग्राहक और व्यापारी उनसे जुड़ सकते हैं। कई उद्यमियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।

ग्रामायण प्रतिष्ठान ने संकेत दिया है कि आने वाले समय में इस तरह के और भी आयोजन किए जाएंगे। विभिन्न जिलों में छोटे स्तर के एक्सपो आयोजित करने की योजना है ताकि अधिक से अधिक उद्यमियों को मौका मिल सके।

यह एक्सपो केवल एक प्रदर्शनी नहीं है बल्कि आत्मनिर्भरता और स्वदेशी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जब हम स्थानीय को मजबूत करते हैं तो पूरा क्षेत्र विकास की ओर बढ़ता है।

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Asfi Shadab

एक लेखक, चिंतक और जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता, जो खेल, राजनीति और वित्त की जटिलता को समझते हुए उनके बीच के रिश्तों पर निरंतर शोध और विश्लेषण करते हैं। जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को सरल, तर्कपूर्ण और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध।