पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बिराटी इलाके में रात के समय एक भयानक आग लगने की घटना सामने आई है। उत्तर दमदम नगर निगम के अंतर्गत आने वाले बिराटी क्षेत्र का प्रसिद्ध यदुबाबू बाजार लगभग पूरी तरह से जलकर राख हो गया। इस भीषण आग में कुल 189 दुकानों में से सिर्फ गिनती की दो-चार दुकानें बची हैं, बाकी सभी दुकानें पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं। यह हादसा स्थानीय व्यापारियों के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ है।
रात साढ़े एक बजे अचानक लगी आग
जानकारी के अनुसार, रात करीब साढ़े एक बजे अचानक इस बाजार में आग लगनी शुरू हुई। चूंकि यह रात का समय था, इसलिए बाजार में कोई नहीं था। आसपास के रहने वाले लोगों ने जब आग की लपटें देखीं, तो तुरंत दमकल विभाग को सूचना दी। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि देखते ही देखते पूरा बाजार आग की चपेट में आ गया। लकड़ी और टिन से बनी दुकानों ने आग को और तेजी से फैलने में मदद की।
दमकल की पांच गाड़ियों ने किया काम
आग की सूचना मिलते ही दमकल विभाग की पांच गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। रात भर दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पाने की कोशिश की। लेकिन आग इतनी भयानक थी कि सुबह छह बजे तक जाकर ही पूरी तरह से नियंत्रण में आ सकी। करीब साढ़े चार घंटे तक चली इस जद्दोजहद में दमकलकर्मियों ने लगातार पानी की बौछारें डालकर आग को बुझाने की कोशिश की। आग पर काबू पाने के बाद जो नजारा सामने आया, वह बेहद दिल दहला देने वाला था।
लाखों रुपये का नुकसान
इस आग से व्यापारियों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। बाजार में मछली-मांस की दुकानें, सब्जी की दुकानें और कई किराना की दुकानें थीं। सभी दुकानों में रखा सामान पूरी तरह से जलकर राख हो गया। दुकानदारों का कहना है कि उनकी पूरी जिंदगी की कमाई इस आग में स्वाहा हो गई है। कई दुकानदारों ने तो अभी हाल ही में अपनी दुकानों में नया सामान मंगवाया था, जो सब खत्म हो गया।
साल 2001 में भी लगी थी आग
दिलचस्प बात यह है कि यह पहली बार नहीं है जब इस बाजार में आग लगी है। साल 2001 में भी इसी बाजार में भीषण आग लगी थी। उस समय भी पूरा बाजार जलकर राख हो गया था। उसके बाद व्यापारियों ने मिलकर पूरे बाजार को नए सिरे से बनाया था। करीब 23 साल बाद फिर से यह बाजार आग की चपेट में आ गया है। पुराने व्यापारी बताते हैं कि उस समय भी उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा था और अब फिर से वही स्थिति बन गई है।
रेल लाइन के पास स्थित है बाजार
यह बाजार रेलवे लाइन के बिल्कुल पास में स्थित है। यह एक पुराना बाजार है, जो कई दशकों से स्थानीय लोगों की जरूरतों को पूरा करता आ रहा है। बाजार की ज्यादातर दुकानें अस्थायी ढांचे की थीं, जो लकड़ी और टिन से बनी हुई थीं। इसी वजह से आग बहुत तेजी से फैल गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर दुकानें पक्के ढांचे की होतीं, तो शायद नुकसान इतना ज्यादा नहीं होता।
व्यापारियों की मांग
आग से प्रभावित व्यापारियों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि उन्हें मुआवजा दिया जाए ताकि वे फिर से अपना कारोबार शुरू कर सकें। कई व्यापारियों ने तो कर्ज लेकर अपनी दुकानें चलाई थीं, अब उन पर कर्ज का बोझ भी है और कारोबार भी खत्म हो गया है। व्यापारियों ने यह भी मांग की है कि बाजार को फिर से बनाने में सरकार की तरफ से मदद दी जाए।
आग लगने के कारणों की जांच
फिलहाल आग लगने के सही कारणों का पता नहीं चल पाया है। दमकल विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। कुछ लोगों का अनुमान है कि किसी दुकान में शॉर्ट सर्किट से आग लगी होगी, जो धीरे-धीरे पूरे बाजार में फैल गई। हालांकि, यह सिर्फ अनुमान है। जांच के बाद ही सही कारण का पता चल सकेगा।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोग इस घटना से बेहद दुखी हैं। यह बाजार उनकी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करता था। यहां से वे सब्जी, मछली, मांस और अन्य जरूरी सामान खरीदते थे। अब जब बाजार ही नहीं रहा, तो लोगों को दूसरी जगहों पर जाना पड़ेगा। कई लोगों ने व्यापारियों से संवेदना जताई है और उम्मीद जताई है कि जल्द ही बाजार फिर से बन जाएगा।
प्रशासन का रुख
उत्तर दमदम नगर निगम के अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया है। उन्होंने व्यापारियों को भरोसा दिलाया है कि उनकी मदद की जाएगी। अधिकारियों ने कहा है कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। स्थानीय विधायक भी घटनास्थल पर पहुंचे और व्यापारियों से मुलाकात की। उन्होंने सरकार से मदद दिलाने का आश्वासन दिया है।
बिराटी के यदुबाबू बाजार में लगी यह भीषण आग एक बड़ी त्रासदी है। सैकड़ों व्यापारियों की जिंदगी भर की मेहनत एक रात में खत्म हो गई। अब उनके सामने अपने जीवन को फिर से पटरी पर लाने की चुनौती है। उम्मीद की जानी चाहिए कि प्रशासन और सरकार जल्द से जल्द इन व्यापारियों की मदद करेगी और यह बाजार फिर से अपनी पुरानी रौनक हासिल कर सकेगा। साथ ही, आग लगने के कारणों की सही जांच होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।