Modi Xi Meeting: टैरिफ वॉर से मुकाबले को तैयार भारत और चीन, मोदी-शी चिनफिंग ने लिया संकल्प

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग.
सितम्बर 1, 2025

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Modi Xi Meeting: अमेरिका के ‘टैरिफ वॉर’ का मुकाबला करने का संकेत देते हुए भारत और चीन ने रविवार को वैश्विक व्यापार को स्थिर करने के लिए व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ाने का संकल्प लिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चुनौतियों से निपटने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ करने और सीमा मुद्दे के ‘उचित’ समाधान की दिशा में काम करने पर सहमति जताई।

एससीओ समिट से इतर मिले मोदी और शी चिनफिंग

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से इतर अपनी बातचीत में मोदी और शी (Modi Xi Meeting) ने आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक रणनीतिक तालमेल का प्रदर्शित किया, वह भी ऐसे समय में जब भारत दो दशकों से अधिक समय में अमेरिका के साथ अपने संबंधों में संभवतः सबसे खराब दौर से गुजर रहा है।

Modi Xi Meeting: भारत-अमेरिका के संबंधों में चल रहा तनाव

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ (शुल्क) नीति और उनके प्रशासन द्वारा भारत की लगातार आलोचना करने के कारण दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। मोदी ने बैठक  (Modi Xi Meeting)में कहा कि भारत और चीन दोनों ही ‘रणनीतिक स्वायत्तता’ के पक्षधर हैं. उनके संबंधों को किसी ‘तीसरे देश के नजरिये से’ नहीं देखा जाना चाहिए।

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भारत-चीन व्यापार घाटा कम करेंगे, आतंकवाद से मिलकर लड़ेंगे

अमेरिका के साथ भारत के संबंधों में आई गिरावट के मद्देनजर यह टिप्पणी काफी अहम मानी जा रही है। दोनों नेताओं के बीच वार्ता में भारत-चीन व्यापार घाटे को कम करने, आतंकवाद जैसी चुनौतियों से मिलकर निपटने और बहुपक्षीय मंचों पर निष्पक्ष व्यापार सुनिश्चित करने सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई।

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तियानजिन में मिले भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग.

वैश्विक व्यापार को स्थिर करने में भारत-चीन की भूमिका अहम

विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं (Modi Xi Meeting) ने वैश्विक व्यापार को स्थिर करने में दोनों अर्थव्यवस्थाओं की भूमिका को स्वीकार किया और द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों का विस्तार करने तथा व्यापार घाटे को कम करने के लिए राजनीतिक और रणनीतिक दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता को रेखांकित किया। 7 साल के बाद चीन की यात्रा पर आए प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक (Modi-Xi Meeting) के दौरान भारत-चीन संबंधों के लगातार विकास के लिए सीमावर्ती इलाकों में शांति और सौहार्द के महत्व को रेखांकित किया।

मोदी बोले- हमारा सहयोग भारत-चीन के 2.8 अब लोगों के हितों से जुड़ा

उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली ‘आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता’ के आधार पर बीजिंग के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। मोदी ने टेलीविजन पर प्रसारित अपने वक्तव्य में कहा, ‘हमारा सहयोग दोनों देशों के 2.8 अरब लोगों के हितों से जुड़ा है। इससे समस्त मानवता के कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त होगा।’

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4 साल की तल्खी के बाद सामान्य हो रहे हैं भारत-चीन के रिश्ते

भारत द्वारा जारी वक्तव्य में कहा गया है कि मोदी और शी ने आर्थिक और व्यापारिक संबंधों पर गहन चर्चा (Modi Xi Meeting) करते हुए विश्व व्यापार को स्थिर करने में दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं की भूमिका को स्वीकार किया। पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के कारण 4 साल से अधिक समय तक संबंधों में रही तल्खी के बाद, भारत और चीन ने पिछले साल अक्टूबर में रूसी शहर कजान में मोदी और शी के बीच हुई बैठक के बाद संबंधों को दुरुस्त करने की शुरुआत की थी। यह बैठक गतिरोध समाप्त होने के बाद हुई थी।

सीमा पर शांति भारत-चीन संबंधों के लिए बीमा पॉलिसी की तरह – मिसरी

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि सीमा पर शांति बनाए रखना भारत-चीन संबंधों के लिए एक बीमा पॉलिसी की तरह है और प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति शी को इस स्थिति से अवगत करा दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री (Modi Xi Meeting) ने सीमापार आतंकवाद की चुनौती का भी जिक्र किया और इस खतरे से निपटने के लिए एक-दूसरे को सहयोग देने पर जोर दिया, क्योंकि भारत और चीन दोनों ही इससे प्रभावित हुए हैं।

भारत और चीन दोनों चाहते हैं रणनीतिक स्वायत्तता – पीएम मोदी

बयान में कहा गया है, ‘प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और चीन, दोनों ही रणनीतिक स्वायत्तता चाहते हैं तथा उनके संबंधों को किसी तीसरे देश के नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए।’ इसमें कहा गया, ‘दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों तथा चुनौतियों, जैसे आतंकवाद और बहुपक्षीय मंचों पर निष्पक्ष व्यापार, पर साझा आधार विस्तृत करने की जरूरत बताई।’

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प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर शी चिनफिंग के साथ बातचीत को बताया लाभकारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट में, शी के साथ अपनी वार्ता को ‘लाभकारी’ बताया। उन्होंने लिखा, ‘हमने कजान (रूस) में अपनी पिछली बैठक के बाद भारत-चीन संबंधों को मिली सकारात्मक गति की समीक्षा की। हमने माना कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखना जरूरी है। हमने एक-दूसरे का सम्मान, हितों और संवेदनशीलता पर आधारित सहयोग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।’

 

Modi-Xi Meeting: चीन के राष्ट्रपति ने अमेरिकी नीतियों की वजह से उथल-पुथल की बात की

भारत और चीन ने जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़पों के बाद दोनों देशों के रिश्तों में बढ़ी तल्खी को दूर करने के लिए हाल के महीने में कई कदम उठाए हैं। अपने संबोधन में शी ने व्यापार और शुल्क पर अमेरिकी नीतियों के कारण उत्पन्न उथल-पुथल का उल्लेख किया।

चीन के राष्ट्रपति बोले- हमें बहुध्रुवीय विश्व को बढ़ावा देना चाहिए

चीन के राष्ट्रपति ने ‘दोनों अस्थिर और अव्यस्थित’ वैश्विक स्थितियों के बारे में बात की और कहा कि ‘ग्लोबल साउथ’ के महत्वपूर्ण सदस्यों के रूप में भारत और चीन को प्रमुख अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर सहयोग को मजबूत करना चाहिए, अंतरराष्ट्रीय निष्पक्षता और न्याय की रक्षा करनी चाहिए, बहुपक्षवाद को कायम रखना चाहिए और एक बहुध्रुवीय विश्व को बढ़ावा देना चाहिए।

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मोदी बोले- भारत-चीन प्रतिद्वंद्वी नहीं, विकास के साझेदार

मोदी ने बैठक (Modi Xi Meeting) में कहा कि पिछले वर्ष अक्टूबर में रूसी शहर कजान में उनकी और शी की मुलाकात के बाद से सीमा पर शांति और स्थिरता का माहौल कायम है। विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘दोनों नेताओं ने अक्टूबर में कजान में हुई अपनी बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक गति और निरंतर प्रगति का स्वागत किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश विकास के साझेदार हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं, और उनके मतभेद विवादों में नहीं बदलने चाहिए।’

भारत और चीन के नेतृत्व ने कहा- दोनों देशों का विकास जरूरी

इसमें कहा गया, ‘भारत और चीन तथा उनके 2.8 अरब लोगों के बीच आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता के आधार पर स्थिर संबंध और सहयोग दोनों देशों की वृद्धि और विकास के साथ-साथ 21वीं सदी की जरूरतों के अनुरूप बहुध्रुवीय विश्व और बहुध्रुवीय एशिया के लिए आवश्यक है।’

सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं सौहार्द पर दोनों पक्षों ने संतोष व्यक्त किया

विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने पिछले वर्ष सैनिकों की सफल वापसी तथा उसके बाद से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं सौहार्द बनाए रखने पर संतोष व्यक्त किया। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, ‘उन्होंने इस महीने की शुरुआत में दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों द्वारा की गई वार्ता में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों को मान्यता दी तथा उनके प्रयासों को आगे भी समर्थन देने पर सहमति व्यक्त की।’

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पीएम ने कैलाश मानसरोवर यात्रा और पर्यटक वीजा का मामला उठाया

मोदी और शी ने बैठक में (Modi Xi Meeting) कैलाश मानसरोवर यात्रा और पर्यटक वीजा की बहाली के आधार पर सीधी उड़ानों और वीजा सुविधा के माध्यम से लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। मोदी ने एससीओ की चीन की अध्यक्षता और तियानजिन में शिखर सम्मेलन के लिए भी समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने राष्ट्रपति शी को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए भी आमंत्रित किया, जिसकी मेजबानी भारत 2026 में करेगा।

चीन के राष्ट्रपति ने ब्रिक्स सम्मेलन में आमंत्रण के लिए पीएम को दिया धन्यवाद

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, राष्ट्रपति शी ने निमंत्रण के लिए मोदी को धन्यवाद दिया और भारत की ब्रिक्स अध्यक्षता के लिए चीन के समर्थन की पेशकश की। मंत्रालय ने बताया कि मोदी ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति के सदस्य कै क्वी के साथ भी बैठक की।

भारत और चीन के प्रधानमंत्रियों के बीच भी हुई द्विपक्षीय बातचीत

मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री ने क्वी के साथ बैठक में द्विपक्षीय संबंधों को लेकर अपना रुख साझा किया और दोनों नेताओं (मोदी और शी) के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए उनका समर्थन मांगा। उसने कहा, ‘बैठक में क्वी ने द्विपक्षीय आदान-प्रदान बढ़ाने और दोनों नेताओं के बीच बनी सहमति के अनुरूप संबंधों को और बेहतर बनाने की चीनी पक्ष की इच्छा दोहराई।’

Navin Rai

Author & Editor at Rashtra Bharat. Passionate about storytelling, news, and culture. Studied Arts at Calcutta University. Proudly from Kolkata, blending heritage with modern perspectives in journalism.