East Tech 2025 Symposium Ranchi: राजधानी रांची के खेलगांव स्टेडियम में शुक्रवार को बहुप्रतीक्षित रक्षा प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी ‘ईस्ट टेक 2025’ का भव्य शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, सांसद संजय सेठ, माननीय रक्षा राज्यमंत्री और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, ईस्टर्न कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी और ईस्टर्न एयर कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल सुरत सिंह मुख्य रूप से मौजूद थे।

कार्यक्रम में सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ केंद्रीय अर्धसैनिक बलों, राज्य प्रशासन और देशभर से आए रक्षा उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने शिरकत की। उपस्थित लोगों ने कहा कि इस प्रदर्शनी का उद्देश्य स्वदेशी तकनीकों को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ठोस कदम बढ़ाना है।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम
‘ईस्ट टेक 2025’ का आयोजन ईस्टर्न कमांड और सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (SIDM) के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। प्रदर्शनी का मकसद भारतीय सेना की परिचालनिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीकों को एक साझा मंच पर प्रस्तुत करना है।
🚨 #EastTech2025 kicks off in Ranchi
🔹 Inaugurated by Hon’ble Governor, CM Jharkhand, Raksha Rajya Mantri & CDS Gen Anil Chauhan
🔹 200+ exhibitors showcase cutting-edge indigenous defence tech—AI, drones, robotics, mobility & more
🔹 Driving #AatmanirbharBharat & next-gen… pic.twitter.com/68cc8usUcA— Wg Cdr Debartho Dhar PRO (Def) Prayagraj (@PROdefprayagraj) September 19, 2025
राज्यपाल संतोष गंगवार ने उद्घाटन भाषण में कहा, “भारत अब रक्षा तकनीक में आयातक नहीं, बल्कि निर्यातक बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह प्रदर्शनी हमारी ताकत और हमारी क्षमताओं को दुनिया के सामने रखने का मंच है।”

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड को इस आयोजन की मेजबानी करने पर गर्व है। “यहां के युवाओं के लिए यह प्रदर्शनी प्रेरणास्रोत साबित होगी और उन्हें रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार की ओर अग्रसर करेगी,” उन्होंने कहा।
प्रदर्शनी में दिखे नये आयाम
इस प्रदर्शनी में संचार प्रणाली, टैक्टिकल मोबिलिटी समाधान, प्रोटेक्शन और सर्वाइवेबिलिटी उपकरण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सिस्टम, ड्रोन व एंटी-ड्रोन तकनीक, रोबोटिक्स और एडवांस फायरपावर प्लेटफॉर्म का प्रदर्शन किया जा रहा है।

ईस्टर्न कमांड के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी ने कहा, “यह आयोजन न केवल हमारी सेनाओं के लिए नई तकनीकों की पहचान करेगा, बल्कि देश की रक्षा उत्पादन क्षमता को भी नई ऊंचाई पर ले जाएगा। ‘रक्षा आत्मनिर्भरता’ अब केवल नारा नहीं, बल्कि हमारी ठोस कार्ययोजना है।”
East Tech 2025: देशभर से जुटी 200 से अधिक कंपनियां
‘ईस्ट टेक 2025’ में भारी उत्साह देखने को मिला है। देशभर से डीआरडीओ, डीपीएसयू, एमएसएमई, निजी रक्षा कंपनियां और स्टार्ट-अप्स शामिल हुए हैं। करीब 200 से अधिक प्रदर्शक अपने स्टॉल पर नवीनतम उपकरण और तकनीक का प्रदर्शन कर रहे हैं।

डीआरडीओ के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि यहां प्रदर्शित कई तकनीकें फील्ड डिप्लॉयमेंट के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इससे भारतीय सेना को भविष्य की लड़ाइयों में निर्णायक बढ़त मिलेगी।
आत्मनिर्भरता की दिशा में नया आयाम
रक्षा राज्यमंत्री और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा कि यह आयोजन ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना को और मजबूती देगा। “हमारा लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में सेना की ज़रूरत का अधिकांश हिस्सा स्वदेशी उद्योग से पूरा हो। यही हमारी सामरिक ताकत और आत्मनिर्भरता की पहचान होगी,” उन्होंने कहा।

सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (SIDM) के अध्यक्ष आरएस भाटिया ने कहा कि इस तरह की प्रदर्शनी रक्षा उद्योग और सशस्त्र बलों के बीच सहयोग को नई ऊंचाई पर ले जाती है। “यहां से निकली तकनीकें आने वाले समय में देश की सुरक्षा व्यवस्था की रीढ़ बनेंगी,” उन्होंने जोड़ा।
आने वाले दिनों में और गतिविधियां
‘ईस्ट टेक 2025’ (East Tech 2025) का पहला दिन पूरी तरह से तकनीकी प्रदर्शन और चर्चाओं को समर्पित रहा। आने वाले दिनों में रक्षा विशेषज्ञों और उद्योग प्रतिनिधियों के बीच तकनीकी सत्र, वर्कशॉप और डेमो आयोजित किए जाएंगे।
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प्रदर्शनी में कॉमर्शियल ऑफ-द-शेल्फ (COTS) और अत्याधुनिक समाधानों को भी प्रदर्शित किया जा रहा है, जिससे रक्षा खरीद और रखरखाव प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा तैयारियों में मील का पत्थर
‘ईस्ट टेक 2025’ (East Tech 2025) को विशेषज्ञ भारत के रक्षा क्षेत्र में तकनीकी परिवर्तन और आत्मनिर्भरता का प्रतीक मान रहे हैं। पूर्वी कमांड की यह पहल भारतीय सेना को भविष्य की चुनौतियों के लिए और अधिक सक्षम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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जनरल अनिल चौहान ने समापन भाषण में कहा, “यह आयोजन केवल प्रदर्शनी नहीं है, बल्कि यह भारत की सामूहिक संकल्प शक्ति का प्रतीक है। आने वाले वर्षों में हमारी सेना पूरी तरह आत्मनिर्भर और आधुनिक तकनीक से लैस होगी।”