मुंबई, 22 सितम्बर: Maharashtra Weather Update को लेकर मौसम विभाग (IMD) ने बड़ा अनुमान जारी किया है। बंगाल की खाड़ी पर 24 सितंबर को एक Low Pressure Area बनने की संभावना है, जिसका असर 28 सितंबर तक महाराष्ट्र तक पहुंच सकता है। इस सिस्टम के चलते राज्य के कई हिस्सों में बारिश की गतिविधियां बढ़ने की आशंका जताई गई है।
वेब स्टोरी:
26 से 28 सितंबर तक Heavy Rainfall का अलर्ट
IMD की रिपोर्ट के अनुसार 26 से 28 सितंबर के बीच महाराष्ट्र के विदर्भ, मराठवाड़ा, खानदेश, कोकण और मध्य महाराष्ट्र में Heavy Rainfall हो सकती है। 27 सितंबर को बारिश की तीव्रता और अधिक होगी, जबकि 28 सितंबर को पश्चिम महाराष्ट्र में वर्षा का जोर बने रहने का अनुमान है। कई जगहों पर गरज-चमक और तेज हवाओं के साथ भारी बारिश भी देखने को मिल सकती है।
Maharashtra Weather Update: Monsoon विदाई में होगी देरी
आमतौर पर सितंबर के आखिरी सप्ताह तक मॉनसून विदाई की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार हालात अलग हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए Monsoon Withdrawal 30 सितंबर तक टल सकता है। यानी महाराष्ट्र में मानसून की सक्रियता कुछ और दिनों तक बनी रह सकती है।
किसानों के लिए Advisory
Maharashtra Weather Update: कृषि विभाग ने राज्य के किसानों से अपील की है कि वे इस Weather Alert को गंभीरता से लें। विभाग ने सलाह दी है कि कटाई की हुई फसलों को सुरक्षित जगह पर रखें ताकि बारिश और तेज हवाओं से नुकसान न हो। इसके अलावा, खेती के अगले चरणों की योजना भी मौसम के हिसाब से करें।
22 से 25 सितंबर तक हल्की से मध्यम बारिश
मौसम विभाग ने बताया है कि 22 से 25 सितंबर के बीच राज्य के कई हिस्सों में दोपहर बाद गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इसका असर अधिकतर विदर्भ और मराठवाड़ा के पूर्वी व दक्षिणी इलाकों में रहेगा।
कृषि और ग्रामीण इलाकों पर असर
Maharashtra Weather Update: भारी बारिश का सबसे बड़ा असर ग्रामीण और कृषि-प्रधान इलाकों में देखने को मिलेगा। सोयाबीन, कपास और धान जैसी फसलों की कटाई का समय नजदीक है। ऐसे में अचानक होने वाली बारिश किसानों के लिए चुनौती साबित हो सकती है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश अगर ज्यादा दिनों तक जारी रहती है, तो फसलों की क्वालिटी और उत्पादन पर असर पड़ेगा।
शहरी इलाकों में भी जलभराव की संभावना
मुंबई और कोकण क्षेत्र में 27-28 सितंबर को भारी बारिश के कारण Waterlogging की समस्या देखने को मिल सकती है। बीएमसी और स्थानीय प्रशासन ने पहले से ही ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने की कवायद शुरू कर दी है।
मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी से आने वाला यह लो-प्रेशर सिस्टम सितंबर के अंतिम दिनों तक सक्रिय रह सकता है। इसका असर सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे पड़ोसी राज्यों पर भी होगा।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, सितंबर के आखिरी सप्ताह में महाराष्ट्र में एक बार फिर मानसून की सक्रियता देखने को मिलेगी। किसानों और आम जनता को सावधान रहने की जरूरत है। मौसम विभाग और प्रशासन की चेतावनियों को ध्यान में रखकर ही अपनी गतिविधियों की योजना बनानी चाहिए।