भारतीय राजनीति में विचारधाराओं का महत्व हमेशा से केंद्रीय रहा है। खासकर जब बात भारतीय जनता पार्टी (BJP) की आती है, तो Deendayal Upadhyay Ideology इसका बुनियादी स्तंभ मानी जाती है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने “अंत्योदय” का सिद्धांत दिया था, जिसके अनुसार समाज के सबसे अंतिम व्यक्ति तक विकास और सुविधाएं पहुँचनी चाहिए।
बिहार में आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंती कार्यक्रम में BJP प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने इसी विचारधारा पर जोर दिया और कांग्रेस पार्टी पर तीखा वार किया। जायसवाल ने कहा—“पंडित दीनदयाल पार्टी के संस्थापक सदस्य और वैचारिक आधार के प्रणेता थे। उन्होंने समाज के अंतिम पायदान को मुख्यधारा से जोड़ने का मंत्र दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उसी मार्ग पर काम कर रहे हैं और समाज के अंतिम वर्ग तक विकास की रोशनी पहुंचा रहे हैं।”
कांग्रेस पर हमला और चुनावी बिहार का माहौल
दिलीप जायसवाल ने कांग्रेस और राहुल गांधी को चुनावी अवसरवादी बताते हुए कहा—“दशकों तक राहुल गांधी को बिहार की याद नहीं आई। लेकिन जैसे ही चुनाव पास आए, कांग्रेस अचानक वर्किंग कमेटी की बैठकें और दौरों में सक्रिय हो गई।”
उन्होंने तंज कसा—“70–80 साल तक गरीब, दलित और पिछड़े समाज की याद कांग्रेस को नहीं आई। अब जब चुनाव करीब हैं, तो दिखावा किया जा रहा है। लेकिन बिहार की जनता इन नाटकों को भली-भांति समझती है।”
जायसवाल का यह बयान सीधे तौर पर चुनावी बिहार में कांग्रेस को चुनौती देता है। BJP इस तरह कांग्रेस को अवसरवादी बताकर अपनी विचारधारा पर आधारित राजनीति का संदेश देना चाहती है।
Modi Government और Deendayal Upadhyay Ideology
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कई प्रमुख योजनाओं को दिलीप जायसवाल ने दीनदयाल उपाध्याय की सोच से जोड़ा। उन्होंने Ujjwala Yojana, Pradhan Mantri Awas Yojana और Ayushman Bharat जैसी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि ये सभी समाज के अंतिम वर्ग तक विकास पहुँचाने के उदाहरण हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि Deendayal Upadhyay Ideology का जिक्र कर BJP अपनी “pro-poor politics” को और मज़बूत करना चाहती है। साथ ही यह संदेश भी देना चाहती है कि उसकी राजनीति केवल उद्योगपतियों तक सीमित नहीं बल्कि गरीब और पिछड़े समाज के लिए है।
वेब स्टोरी:
चुनावी रणनीति और जनता का विश्वास
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इस बयान का राजनीतिक महत्व और भी बढ़ जाता है। कांग्रेस अपनी खोई जमीन वापस पाने की कोशिश में है और राहुल गांधी की सक्रियता इसी का हिस्सा है। दूसरी ओर BJP, दीनदयाल उपाध्याय की विचारधारा को केंद्र में रखकर जनता तक सीधा संदेश पहुँचा रही है।
बिहार की जनता हमेशा से सामाजिक न्याय और विकास के मुद्दों को प्राथमिकता देती रही है। ऐसे में Deendayal Upadhyay Ideology को आधार बनाकर BJP का संदेश चुनावी राजनीति को नई दिशा दे सकता है।
विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस तरह के बयान BJP कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने के साथ-साथ जनता में भी यह धारणा मजबूत करते हैं कि पार्टी विचारधारा और विकास की राजनीति कर रही है। वहीं कांग्रेस पर “सिर्फ चुनावी वक्त याद आने” का आरोप जनता की सोच को प्रभावित कर सकता है।