Begusarai Hospital Bhoomipujan Clash: अस्पताल भूमिपूजन पर सियासत, गिरिराज सिंह बनाम सूर्यकांत पासवान
बेगूसराय/बखरी। बिहार की राजनीति में चुनावी हलचल लगातार तेज़ हो रही है। इसी बीच Begusarai Hospital Bhoomipujan Clash ने सियासत को और गरमा दिया है। बखरी में प्रस्तावित अनुमंडल अस्पताल का भूमिपूजन विकास की पहल से ज़्यादा राजनीतिक टकराव का मंच बन गया।

भूमिपूजन से टकराव तक
शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह तथा CPI विधायक सूर्यकांत पासवान संयुक्त रूप से भूमिपूजन में शामिल हुए। शुरुआत में माहौल औपचारिक और सामान्य रहा, लेकिन जैसे ही मंच से औपचारिकता पूरी हुई, दोनों नेताओं के समर्थक नारेबाज़ी में भिड़ गए। मामूली नोकझोंक कुछ ही पलों में हाथापाई में बदल गई। हालात बिगड़ते देख पुलिस को बीच-बचाव करना पड़ा।
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विधायक का आरोप – श्रेय हड़पने की कोशिश
CPI विधायक सूर्यकांत पासवान ने भूमिपूजन के बाद तीखा बयान दिया। उनका कहना था कि यह योजना राज्य सरकार की है और शिलान्यास राज्य सरकार के मंत्री को करना चाहिए था। उन्होंने आरोप लगाया –
“सांसद गिरिराज सिंह इस योजना को हाईजैक करने की कोशिश कर रहे हैं। हम दलित विधायक हैं इसलिए हमें नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। यहां हिंदू-मुस्लिम की राजनीति की जा रही है।”

पासवान का बयान साफ़ इशारा करता है कि आने वाले चुनाव में वर्गीय और सामाजिक असमानता भी बड़ा मुद्दा बनेगा।
Begusarai Hospital Bhoomipujan Clash
अस्पताल के भूमिपूजन पर सियासत गरमाई!
सांसद गिरिराज सिंह बनाम विधायक सूर्यकांत पासवान, समर्थकों में भिड़ंत #BiharPolitics #Begusarai #GirirajSingh pic.twitter.com/f3wxEydh8f— Rashtra Bharat (@RBharatdigital) October 4, 2025
भाजपा का पलटवार – CPI विकास विरोधी
भाजपा प्रवक्ता सिधेश आर्य ने पासवान के आरोपों का पलटवार करते हुए कहा –
“Communist Party के DNA में ही विकास का विरोध है। गिरिराज सिंह के प्रयास से ही अस्पताल निर्माण की राह खुली है। CPI कार्यकर्ताओं ने हमारे कार्यकर्ताओं पर हमला किया, कई लोग घायल हुए। जनता इनकी मानसिकता को समझ रही है।”
भाजपा का यह बयान स्पष्ट करता है कि पार्टी विकास परियोजनाओं को राजनीतिक हथियार के रूप में पेश करने की रणनीति पर काम कर रही है।

जनता की राय – अस्पताल राजनीति का शिकार न बने
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से इस क्षेत्र में अस्पताल की मांग उठ रही थी। 22 करोड़ 19 लाख की लागत से बनने वाला यह अस्पताल इलाके के लिए बड़ी राहत होगा। ग्रामीणों का मत है कि स्वास्थ्य सुविधा जैसे मुद्दे को राजनीति से ऊपर रखा जाना चाहिए।
“हम लोग अस्पताल का इंतज़ार कर रहे हैं। नेताओं की सियासत से परियोजना प्रभावित हुई तो सबसे ज्यादा नुकसान जनता का होगा।” – एक ग्रामीण ने कहा।
चुनावी संग्राम का ट्रेलर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना आने वाले विधानसभा चुनाव का ट्रेलर है। भाजपा इसे अपनी उपलब्धि बताकर जनता को लुभाना चाहती है, जबकि CPI इसे श्रेय हड़पने की सियासत बताकर विरोधी धार बनाने की कोशिश कर रही है।
वेब स्टोरी:
बखरी अस्पताल के भूमिपूजन पर हुआ यह Begusarai Hospital Bhoomipujan Clash दर्शाता है कि बिहार में हर विकास योजना अब चुनावी गणित और जातीय राजनीति का हिस्सा बनने वाली है।
विकास की परियोजना जनता के लिए राहत और सुविधा का साधन होनी चाहिए। लेकिन बेगूसराय की इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि राजनीतिक दल अपनी जमीन मज़बूत करने के लिए किस हद तक जाते हैं। सवाल यही है कि क्या अस्पताल का निर्माण समय पर होगा या यह भी चुनावी जंग का शिकार बन जाएगा?