Dhanteras 2025 पर सोने की चमक पहले से अधिक तेज
धनतेरस का पर्व भारतीय संस्कृति में सौभाग्य, समृद्धि और लक्ष्मी पूजन से जुड़ा हुआ है। इस दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है और यही कारण है कि हर वर्ष इस अवसर पर बाजारों में सोने की मांग चरम पर रहती है। वर्ष 2025 में भी यही परंपरा जारी रही, लेकिन इस बार खास बात यह रही कि सोने के दामों ने अब तक का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
सोने की कीमतों में भारी बढ़ोतरी
धनतेरस के शुभ अवसर पर शनिवार को 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,32,953 प्रति 10 ग्राम पहुंच गई, जो कि पिछले दिन की तुलना में ₹3,350 अधिक थी। वहीं 22 कैरेट सोना ₹1,21,883 प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया, जिसमें ₹3,070 की बढ़ोतरी हुई।
देश के प्रमुख महानगरों में सोने के भाव इस प्रकार रहे:
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दिल्ली: 24 कैरेट सोना ₹1,32,953 और 22 कैरेट सोना ₹1,21,883 प्रति 10 ग्राम।
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मुंबई: 24 कैरेट सोना ₹1,32,807 और 22 कैरेट सोना ₹1,21,737 प्रति 10 ग्राम।
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कोलकाता: 24 कैरेट सोना ₹1,32,805 और 22 कैरेट सोना ₹1,21,735 प्रति 10 ग्राम।
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चेन्नई: 24 कैरेट सोना ₹1,33,121 और 22 कैरेट सोना ₹1,22,031 प्रति 10 ग्राम।
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बेंगलुरु: 24 कैरेट सोना ₹1,32,795 और 22 कैरेट सोना ₹1,21,725 प्रति 10 ग्राम।
त्योहार के उत्साह के बीच निवेश की होड़
त्योहारों के इस मौसम में लोगों ने सोने की ऊंची कीमतों को दरकिनार करते हुए जमकर खरीदारी की। धनतेरस को धन और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है, और इस दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है। लोग मानते हैं कि सोना खरीदने से घर और व्यवसाय में समृद्धि आती है।
देशभर में ज्वेलरी शोरूम्स पर सुबह से ही लंबी कतारें देखने को मिलीं। खासतौर पर महिला ग्राहकों में भारी उत्साह देखा गया, जिन्होंने छोटे-बड़े गहनों के साथ-साथ गोल्ड कॉइन्स और बार्स की भी खरीदारी की।
बुलियन की कमी की आशंका
टाइटन कंपनी के ज्वेलरी डिवीजन के सीईओ अजय चावला ने बताया कि इस बार ग्राहकों की भीड़ इतनी अधिक रही कि कुछ जगहों पर गोल्ड कॉइन्स की कमी देखने को मिली। उन्होंने कहा कि देश में बुलियन की सप्लाई सीमित है, और मांग अत्यधिक बढ़ जाने के कारण कुछ स्टोर्स पर स्टॉक खत्म होने की आशंका बनी हुई है।
चावला ने बताया कि “ग्राहक यह महसूस कर रहे हैं कि सोने की कीमतें अब स्थायी रूप से ऊंचे स्तर पर पहुंच चुकी हैं, इसलिए वे इसे निवेश के रूप में भी खरीद रहे हैं।”
क्यों बढ़ रही है सोने की कीमत
सोने की कीमतों में उछाल के पीछे कई कारण हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की कमजोरी, केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीद, और भू-राजनीतिक अस्थिरता के कारण निवेशक सोने की ओर झुक रहे हैं। भारत में बढ़ती मांग और सीमित आपूर्ति ने घरेलू बाजार में प्रीमियम को और ऊंचा कर दिया है।
इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर सोने के फ्यूचर्स में भी तेजी दर्ज की गई है, जिससे घरेलू बाजार में भावों पर सीधा असर पड़ा है।
24 कैरेट और 22 कैरेट में क्या अंतर है
24 कैरेट सोना 99.99 प्रतिशत शुद्ध होता है और यह अत्यधिक मुलायम होने के कारण आभूषण बनाने में कम इस्तेमाल किया जाता है। वहीं 22 कैरेट सोने में दो भाग अन्य धातुएं जैसे तांबा और जिंक मिलाए जाते हैं, जिससे यह अधिक मजबूत होता है और गहनों के निर्माण के लिए उपयुक्त बनता है।
भारत में सोने की परंपरा
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोना उपभोक्ता देश है। यहाँ सोने को केवल आभूषण के रूप में नहीं, बल्कि निवेश और सामाजिक सुरक्षा के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है। हर पर्व-त्योहार पर सोना खरीदने की परंपरा हमारे सांस्कृतिक ताने-बाने का अभिन्न हिस्सा है।
इस धनतेरस, ऊंचे दामों के बावजूद देशभर में सोने की बिक्री में भारी उछाल दर्ज किया गया, जिससे यह स्पष्ट है कि भारतीय उपभोक्ताओं के लिए सोना केवल एक धातु नहीं, बल्कि विश्वास और समृद्धि का प्रतीक है।
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