Diesel Price Today: आज भारत में डीज़ल की कीमत ₹90.03 प्रति लीटर दर्ज की गई है। खास बात यह है कि न सिर्फ आज, बल्कि पिछले कई महीनों से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। 13 दिसंबर 2024 के बाद से डीज़ल की कीमतें पूरे देश में स्थिर बनी हुई हैं और बीते 12 महीनों से लगातार यही दर कायम है। ऐसे समय में जब महंगाई और ईंधन की कीमतें आम आदमी के लिए चिंता का विषय बनी रहती हैं, डीज़ल के दामों में यह स्थिरता अपने आप में एक बड़ी राहत मानी जा सकती है।
मुंबई जैसे महानगर में डीज़ल केवल निजी वाहनों का ईंधन नहीं है, बल्कि सार्वजनिक परिवहन, माल ढुलाई, निर्माण कार्य और छोटे व्यवसायों की रीढ़ भी है। इसलिए डीज़ल की कीमत में स्थिरता का असर केवल वाहन चालकों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि पूरी आर्थिक गतिविधियों पर इसका प्रभाव पड़ता है।
डीज़ल की स्थिर कीमतें
डीज़ल की कीमतें जब लंबे समय तक स्थिर रहती हैं, तो इसका सबसे बड़ा लाभ परिवहन क्षेत्र को मिलता है। ट्रक चालक, बस ऑपरेटर और टैक्सी सेवाएं अपनी लागत का बेहतर अनुमान लगा पाते हैं। इससे किराया और माल ढुलाई शुल्क में अचानक बढ़ोतरी की संभावना कम हो जाती है। नतीजतन, रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों पर भी नियंत्रण बना रहता है।
भारत में राज्यवार आज डीज़ल की कीमतें (₹ प्रति लीटर)
| राज्य / केंद्र शासित प्रदेश | डीज़ल मूल्य (₹) | मूल्य परिवर्तन |
|---|---|---|
| अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह | 78.05 | 0.00 |
| आंध्र प्रदेश | 97.57 | +0.10 |
| अरुणाचल प्रदेश | 80.21 | 0.00 |
| असम | 89.46 | -0.22 |
| बिहार | 91.71 | -0.06 |
| चंडीगढ़ | 82.45 | 0.00 |
| छत्तीसगढ़ | 93.39 | 0.00 |
| दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव | 87.94 | +0.07 |
| दिल्ली | 87.67 | 0.00 |
| गोवा | 88.45 | +0.11 |
| गुजरात | 90.72 | +0.09 |
| हरियाणा | 88.40 | 0.00 |
| हिमाचल प्रदेश | 87.36 | 0.00 |
| जम्मू और कश्मीर | 83.45 | +0.12 |
| झारखंड | 92.94 | +0.32 |
| कर्नाटक | 90.99 | 0.00 |
| केरल | 96.48 | 0.00 |
| लद्दाख | 88.38 | -0.60 |
| लक्षद्वीप | 95.71 | 0.00 |
| मध्य प्रदेश | 91.89 | 0.00 |
| महाराष्ट्र | 90.03 | 0.00 |
| मणिपुर | 85.21 | -0.15 |
| मेघालय | 87.61 | -0.20 |
| मिज़ोरम | 88.13 | +0.09 |
| नागालैंड | 88.65 | +0.41 |
| ओडिशा | 92.74 | +0.18 |
| पुडुचेरी | 86.47 | 0.00 |
| पंजाब | 88.03 | -0.06 |
| राजस्थान | 90.82 | +0.61 |
| सिक्किम | 90.45 | 0.00 |
| तमिलनाडु | 92.61 | -0.20 |
| तेलंगाना | 95.70 | 0.00 |
| त्रिपुरा | 86.41 | -0.18 |
| उत्तर प्रदेश | 87.81 | -0.17 |
| उत्तराखंड | 88.03 | -0.31 |
| पश्चिम बंगाल | 92.02 | 0.00 |
दैनिक मूल्य निर्धारण प्रणाली की शुरुआत
भारत में 15 जून 2017 से डीज़ल की कीमतों में दैनिक आधार पर संशोधन की व्यवस्था लागू की गई। इससे पहले डीज़ल की कीमतें हर पखवाड़े यानी 15 दिन में बदली जाती थीं। उस समय कीमतों में एक साथ बड़ा बदलाव देखने को मिलता था, जिससे उपभोक्ताओं पर अचानक आर्थिक बोझ पड़ता था।
दैनिक मूल्य निर्धारण प्रणाली का सबसे बड़ा फायदा यह है कि कीमतों में छोटे-छोटे बदलाव होते हैं। इससे बाजार में पारदर्शिता बढ़ती है और उपभोक्ताओं को यह समझने में मदद मिलती है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार और घरेलू कर संरचना का ईंधन की कीमतों पर क्या असर पड़ रहा है।
बीते एक साल में क्यों नहीं बदली डीज़ल की कीमत
पिछले 12 महीनों से डीज़ल की कीमतें स्थिर रहने के पीछे कई कारण माने जा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में अपेक्षाकृत संतुलन, सरकार की कर नीति और घरेलू बाजार को स्थिर रखने की रणनीति—ये सभी मिलकर इस स्थिरता को बनाए हुए हैं। सरकार की ओर से यह संकेत भी रहा है कि डीज़ल जैसी आवश्यक वस्तु की कीमतों में अचानक बदलाव से आम जनता और उद्योग दोनों प्रभावित होते हैं।
कर संरचना और राज्यों की भूमिका
हालांकि मुंबई में डीज़ल की कीमत स्थिर है, लेकिन भारत में अलग-अलग राज्यों में डीज़ल के दाम भिन्न होते हैं। इसका मुख्य कारण राज्यों द्वारा लगाए जाने वाले कर हैं। केंद्र सरकार के करों के अलावा राज्य सरकारें वैट लगाती हैं, जिससे कीमतों में अंतर दिखाई देता है। इसके बावजूद, बीते एक साल से अधिकांश राज्यों में डीज़ल की दरों में कोई बड़ा बदलाव नहीं देखा गया है।
डीज़ल और आम जनजीवन का रिश्ता
डीज़ल की कीमतें केवल वाहन चालकों को ही प्रभावित नहीं करतीं, बल्कि खेती, उद्योग और निर्माण क्षेत्र पर भी सीधा असर डालती हैं। कृषि कार्यों में डीज़ल का बड़े पैमाने पर उपयोग होता है। यदि कीमतें बढ़ती हैं, तो खाद्य पदार्थों की लागत भी बढ़ जाती है। ऐसे में डीज़ल की स्थिरता किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए फायदेमंद साबित होती है।
आगे क्या हो सकता है असर?
फिलहाल बाजार संकेत यही दे रहे हैं कि निकट भविष्य में डीज़ल की कीमतों में कोई बड़ा बदलाव नहीं हो सकता। हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यदि कच्चे तेल की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव होता है या कर नीति में बदलाव किया जाता है, तो इसका असर डीज़ल के दामों पर पड़ सकता है। आम उपभोक्ताओं के लिए यह समय राहत भरा जरूर है, लेकिन सतर्क रहना भी जरूरी है।