Diesel Rate Today: भारत में ईंधन की कीमतें हमेशा से आम आदमी की जेब, उद्योगों की लागत और देश की अर्थव्यवस्था से सीधे जुड़ी रही हैं। पेट्रोल और डीजल के दामों में जरा-सी हलचल भी बाजार से लेकर रसोई तक असर डालती है। ऐसे में जब देशभर में महंगाई को लेकर चर्चाएं तेज हैं, डीजल की कीमतों का लगातार एक साल तक स्थिर रहना अपने आप में एक बड़ी खबर बनकर उभरा है।
मुंबई में आज डीजल की कीमत ₹90.03 प्रति लीटर दर्ज की गई है। खास बात यह है कि यह दर न केवल बीते दिन के मुकाबले अपरिवर्तित है, बल्कि पिछले पूरे 12 महीनों से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। 18 दिसंबर 2024 के बाद से डीजल के दाम जस के तस बने हुए हैं। यह स्थिति सवाल भी खड़े करती है और कुछ हद तक राहत भी देती है।
डीजल की स्थिर कीमतें: राहत या छुपी हुई चुनौती
डीजल की कीमतों का स्थिर रहना पहली नजर में आम लोगों के लिए सुकून भरी खबर लगती है। परिवहन से लेकर खेती और उद्योग तक, डीजल एक ऐसा ईंधन है जो रोजमर्रा की जिंदगी की रीढ़ माना जाता है। जब इसके दाम नहीं बढ़ते, तो माल भाड़ा, सब्जियों की कीमत और रोजमर्रा की वस्तुओं पर सीधा असर नहीं पड़ता।
भारत में राज्यवार डीजल की कीमतें
| राज्य | मूल्य (₹ प्रति लीटर) | मूल्य में बदलाव (₹) |
|---|---|---|
| अंडमान और निकोबार | 78.05 | 0.00 |
| आंध्र प्रदेश | 97.47 | 0.00 |
| अरुणाचल प्रदेश | 80.49 | +0.28 |
| असम | 89.56 | -0.49 |
| बिहार | 91.81 | +0.04 |
| चंडीगढ़ | 82.45 | 0.00 |
| छत्तीसगढ़ | 93.39 | 0.00 |
| दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव | 87.87 | 0.00 |
| दिल्ली | 87.67 | 0.00 |
| गोवा | 89.03 | +0.69 |
| गुजरात | 90.61 | +0.01 |
| हरियाणा | 88.48 | +0.12 |
| हिमाचल प्रदेश | 87.36 | -0.05 |
| जम्मू और कश्मीर | 83.45 | +0.13 |
| झारखंड | 92.62 | -0.58 |
| कर्नाटक | 90.99 | 0.00 |
| केरल | 96.18 | -0.03 |
| लद्दाख | 87.72 | +0.15 |
| लक्षद्वीप | 95.71 | 0.00 |
| मध्य प्रदेश | 91.89 | +0.07 |
| महाराष्ट्र | 90.03 | 0.00 |
| मणिपुर | 85.21 | -0.05 |
| मेघालय | 87.81 | +0.29 |
| मिजोरम | 88.04 | 0.00 |
| नागालैंड | 88.85 | 0.00 |
| ओडिशा | 92.51 | -0.13 |
| पुडुचेरी | 86.47 | -0.13 |
| पंजाब | 88.09 | 0.00 |
| राजस्थान | 90.21 | 0.00 |
| सिक्किम | 90.45 | 0.00 |
| तमिलनाडु | 92.61 | +0.22 |
| तेलंगाना | 95.70 | 0.00 |
| त्रिपुरा | 86.62 | -0.12 |
| उत्तर प्रदेश | 87.81 | -0.17 |
| उत्तराखंड | 88.17 | -0.51 |
| पश्चिम बंगाल | 92.02 | 0.00 |
मुंबई से देशभर तक एक जैसा रुख
मुंबई में ₹90.03 प्रति लीटर की कीमत देश के कई बड़े शहरों के औसत के आसपास है। अलग-अलग राज्यों में टैक्स की वजह से दरों में अंतर जरूर है, लेकिन बीते एक साल में कहीं भी डीजल के दामों में बड़ा उछाल या गिरावट नहीं देखी गई।
राज्य सरकारों द्वारा लगाए जाने वाले वैट और केंद्र के उत्पाद शुल्क को मिलाकर डीजल की कीमत तय होती है। इसके बावजूद इतने लंबे समय तक कीमतों का स्थिर रहना दुर्लभ माना जाता है।
परिवहन और व्यापार पर असर
डीजल की कीमतें स्थिर रहने से ट्रांसपोर्ट सेक्टर को बड़ी राहत मिली है। ट्रक चालकों, बस ऑपरेटरों और लॉजिस्टिक कंपनियों के लिए ईंधन लागत एक बड़ी चिंता होती है। एक साल तक दाम न बढ़ने से किराया बढ़ाने का दबाव कम रहा, जिसका फायदा अंततः उपभोक्ताओं को मिला।
व्यापारियों का कहना है कि अगर डीजल महंगा होता, तो जरूरी सामानों की कीमतें तेजी से बढ़ सकती थीं। इस लिहाज से स्थिर डीजल ने महंगाई को काबू में रखने में भूमिका निभाई है।
किसानों के लिए कितनी राहत
खेती-किसानी में डीजल का उपयोग सिंचाई पंप, ट्रैक्टर और अन्य कृषि उपकरणों में बड़े पैमाने पर होता है। बीते कुछ वर्षों में किसान पहले ही लागत बढ़ने से जूझ रहे हैं।
डीजल की कीमतों का स्थिर रहना किसानों के लिए एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि इससे उनकी उत्पादन लागत नहीं बढ़ी। हालांकि खाद, बीज और अन्य कृषि इनपुट्स की कीमतों में इजाफा इस राहत को पूरी तरह महसूस नहीं होने देता।
अंतरराष्ट्रीय बाजार और रुपये की भूमिका
डीजल की कीमतें केवल घरेलू कारणों से तय नहीं होतीं। अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के दाम और डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति भी इसमें अहम भूमिका निभाती है।
पिछले एक साल में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव जरूर देखा गया, लेकिन सरकार ने घरेलू बाजार में इसका असर सीमित रखा। रुपये की स्थिति भी अपेक्षाकृत स्थिर रही, जिससे ईंधन की कीमतों पर दबाव नहीं बढ़ा।
सरकारी नीति और चुनावी गणित
ईंधन की कीमतों को लेकर सरकार की भूमिका हमेशा चर्चा में रहती है। माना जाता है कि डीजल और पेट्रोल के दामों को स्थिर रखना सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से भी अहम होता है।
एक साल तक दाम न बढ़ाना यह संकेत देता है कि सरकार महंगाई को नियंत्रण में रखने का संदेश देना चाहती है। हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि लंबे समय तक कीमतें स्थिर रखना राजस्व पर असर डाल सकता है।
आम आदमी की नजर से डीजल
एक आम उपभोक्ता के तौर पर देखा जाए तो डीजल की कीमतों में स्थिरता मन को सुकून देती है। हर सुबह ईंधन के बढ़ते दामों की खबर न पढ़ना अपने आप में राहत है।
हालांकि लोग यह भी सवाल कर रहे हैं कि क्या यह स्थिरता आगे भी बनी रहेगी या किसी एक झटके में कीमतें बढ़ाई जाएंगी।