Gold Rate Today: भारत में सोना केवल एक धातु नहीं, बल्कि परंपरा, सुरक्षा और भरोसे का प्रतीक माना जाता है। बदलते आर्थिक हालात और बढ़ती महंगाई के बीच जब बाजार में अनिश्चितता बढ़ती है, तब निवेशकों की नजर सबसे पहले सोने पर ही जाती है। आज भी कुछ ऐसा ही माहौल देखने को मिल रहा है। देश में सोने की कीमतों ने एक बार फिर मजबूती दिखाई है, जिससे निवेशकों के साथ-साथ आम खरीदारों का ध्यान इस ओर खिंच गया है।
आज भारत में 24 कैरेट सोने का भाव ₹13,391 प्रति ग्राम दर्ज किया गया है, जबकि 22 कैरेट सोना ₹12,275 प्रति ग्राम पर पहुंच गया है। वहीं, 18 कैरेट सोने की कीमत ₹10,043 प्रति ग्राम बताई जा रही है। ये आंकड़े न केवल बाजार की चाल को दर्शाते हैं, बल्कि यह भी संकेत देते हैं कि आने वाले समय में सोने की भूमिका और मजबूत हो सकती है।
सोने की कीमतें और निवेशकों का भरोसा
सोने को लंबे समय से महंगाई के खिलाफ सबसे सुरक्षित ढाल माना जाता रहा है। जब महंगाई बढ़ती है या शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव तेज होता है, तब निवेशक सोने की ओर रुख करते हैं। यही वजह है कि मौजूदा आर्थिक हालात में भी सोने की मांग में कमी नहीं दिख रही है।
निवेशकों के लिए सोना एक ऐसा विकल्प है, जो समय के साथ अपनी कीमत बनाए रखता है। बैंक ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव और बाजार की अनिश्चितता के बीच सोना स्थिरता का भरोसा देता है।
24, 22 और 18 कैरेट सोने में क्या है अंतर
अक्सर खरीदारों के मन में यह सवाल रहता है कि अलग-अलग कैरेट के सोने में क्या फर्क होता है। 24 कैरेट सोना सबसे शुद्ध माना जाता है और इसमें लगभग 99.9 प्रतिशत शुद्धता होती है। इसी कारण इसका इस्तेमाल ज्यादातर निवेश और सिक्कों में किया जाता है।
22 कैरेट सोना आभूषण बनाने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है, क्योंकि इसमें थोड़ी मिश्र धातु मिलाई जाती है, जिससे गहने मजबूत बनते हैं। वहीं, 18 कैरेट सोना डिजाइनर ज्वेलरी में लोकप्रिय है और इसकी कीमत अपेक्षाकृत कम होती है।
महंगाई और वैश्विक हालात का असर
सोने की कीमतें केवल घरेलू मांग पर निर्भर नहीं करतीं। अंतरराष्ट्रीय बाजार, डॉलर की स्थिति और वैश्विक आर्थिक तनाव भी इसकी कीमतों को प्रभावित करते हैं। जब वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता बढ़ती है, तो सोने की मांग बढ़ जाती है और कीमतों में तेजी आती है।
भारत जैसे देश में, जहां सोने का सांस्कृतिक महत्व भी है, वहां शादी-विवाह और त्योहारों के मौसम में मांग और बढ़ जाती है। इससे कीमतों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
आम खरीदार के लिए क्या मायने
सोने की बढ़ती कीमतें आम खरीदारों के लिए दोहरी स्थिति बनाती हैं। एक ओर जिनके पास पहले से सोना है, उनके निवेश की कीमत बढ़ती है। दूसरी ओर, नए खरीदारों के लिए गहने खरीदना महंगा हो जाता है।
फिर भी, भारतीय परिवारों में सोना खरीदना केवल खर्च नहीं, बल्कि भविष्य की सुरक्षा माना जाता है। यही वजह है कि कीमतें बढ़ने के बावजूद खरीदारी पूरी तरह रुकती नहीं है।
डिजिटल गोल्ड और नए निवेश विकल्प
पिछले कुछ वर्षों में सोने में निवेश के तरीके भी बदले हैं। अब लोग केवल भौतिक सोना ही नहीं, बल्कि डिजिटल गोल्ड, गोल्ड ईटीएफ और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जैसे विकल्पों की ओर भी देख रहे हैं।
इन विकल्पों से न केवल स्टोरेज की चिंता कम होती है, बल्कि पारदर्शिता और सुरक्षा भी बढ़ती है। युवा निवेशकों के बीच यह रुझान तेजी से बढ़ रहा है।
आगे क्या रह सकता है रुझान
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता बनी रहती है और महंगाई का दबाव जारी रहता है, तो सोने की कीमतों में मजबूती बनी रह सकती है। हालांकि, अल्पकालिक उतार-चढ़ाव से इनकार नहीं किया जा सकता।
निवेशकों के लिए जरूरी है कि वे जल्दबाजी में फैसला न लें और अपने निवेश को संतुलित रखें। सोना पोर्टफोलियो का अहम हिस्सा हो सकता है, लेकिन अकेला सहारा नहीं।
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