सोना-चांदी के बाजार में फिर लौटी रौनक
मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय रुझानों और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दिसंबर बैठक में ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीदों के चलते सोना और चांदी की कीमतों में तेजी देखने को मिली। अमेरिकी सरकार के शटडाउन संकट के समाधान की खबर ने भी निवेशकों के मनोबल को मजबूत किया।
घरेलू बाजार में बढ़े दाम
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर दिसंबर डिलीवरी वाले सोने के वायदा भाव में लगातार चौथे दिन तेजी दर्ज की गई। यह 725 रुपये यानी 0.58 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1,24,695 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। वहीं फरवरी 2026 अनुबंध में भी 736 रुपये या 0.59 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे इसका भाव 1,26,101 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया।
चांदी के दामों में भी तेजी बनी रही। दिसंबर अनुबंध 639 रुपये या 0.42 प्रतिशत चढ़कर 1,54,330 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंचा। मार्च 2026 अनुबंध भी 632 रुपये या 0.4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1,56,880 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गया।
विशेषज्ञों की राय
मेहता इक्विटीज़ के कमोडिटी वाइस-प्रेसिडेंट राहुल कलंत्री ने कहा, “सप्ताह की शुरुआत में सोना-चांदी ने मजबूत शुरुआत की है। अमेरिकी शटडाउन संकट के समाधान और दिसंबर फेड मीटिंग में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों ने इस तेजी को समर्थन दिया है। डॉलर इंडेक्स में कमजोरी और सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग ने भी कीमतों को सहारा दिया।”
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऊंचाई पर सोना
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉमेक्स पर दिसंबर डिलीवरी वाला सोना वायदा 18.75 डॉलर यानी 0.45 प्रतिशत की बढ़त के साथ 4,140.75 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। वहीं, चांदी वायदा 0.08 प्रतिशत चढ़कर 50.35 डॉलर प्रति औंस पर रहा।
रिलायंस सिक्योरिटीज़ के वरिष्ठ विश्लेषक जिगर त्रिवेदी के अनुसार, “अमेरिका में आर्थिक अनिश्चितता बढ़ने के कारण निवेशक अब फेड की जल्द दर कटौती की ओर देख रहे हैं। इसी कारण सोने की कीमतें तीन सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं।”
अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुस्ती के संकेत
अमेरिकी फेड गवर्नर स्टीफन मीरन ने हाल ही में संकेत दिए हैं कि बढ़ती बेरोजगारी और सुस्त मुद्रास्फीति से निपटने के लिए दिसंबर में 50 बेसिस पॉइंट की दर कटौती संभव है। वहीं, पिछले सप्ताह जारी रोजगार आंकड़ों में अक्टूबर में सरकारी और रिटेल क्षेत्र में नौकरियों की कमी दर्ज की गई। उपभोक्ता भावनाएं भी नवंबर की शुरुआत में साढ़े तीन साल के निचले स्तर पर आ गईं।
बाजार पर प्रभाव और आगे की दिशा
हालांकि अमेरिकी सीनेट ने 40 दिन के शटडाउन के बाद सरकार को दोबारा खोलने का प्रस्ताव पारित किया, जिससे सोने की कीमतों पर आंशिक रूप से अंकुश लग सकता है। इसके बावजूद निवेशकों का झुकाव सुरक्षित निवेश की ओर बना हुआ है।
जेपी मॉर्गन के अनुसार, “सोने की कीमतें लंबे समय तक मजबूत रह सकती हैं। केंद्रीय बैंकों की लगातार खरीद और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के चलते 2026 तक सोना 5,000 डॉलर प्रति औंस के स्तर तक जा सकता है।”
भारतीय निवेशकों के लिए संकेत
भारतीय बाजार में त्योहारों के मौसम और शादी के सीजन से पहले यह तेजी निवेशकों और ज्वैलर्स दोनों के लिए शुभ संकेत मानी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर डॉलर कमजोर बना रहा और फेड वास्तव में दिसंबर में कटौती करता है, तो सोने की कीमतों में और मजबूती देखने को मिल सकती है।
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