भारत में एलईडी टीवी की कीमतें बढ़ने की आशंका
फ्लैश मेमोरी चिप की कमी से बढ़ी चुनौती | LED TV Price Hike in India
भारतीय बाजार में उपभोक्ता उत्पादों की कीमतें अक्सर वैश्विक सप्लाई चेन पर निर्भर रहती हैं। इस समय फ्लैश मेमोरी चिप्स की उपलब्धता कम हो रही है। सैमसंग, माइक्रॉन और एसके हाइनिक्स जैसी बड़ी कंपनियों ने उत्पादन प्राथमिकताएं बदल दी हैं। वे अब एआई सर्वर और डेटा सेंटर में उपयोग होने वाली उच्च क्षमता वाली मेमोरी को प्राथमिकता दे रही हैं।
नतीजा यह है कि सामान्य उपभोक्ता उत्पादों में लगने वाली नैनड फ्लैश मेमोरी की आपूर्ति सीमित हो गई है। ट्रेंडफोर्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि 2025 की तीसरी तिमाही में नैनड फ्लैश की कीमतों में 10 से 15 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज हुई। चौथी तिमाही में और वृद्धि होने की संभावना व्यक्त की गई है।
भारतीय बाजार पर सीधा प्रभाव
भारत एक मूल्य-संवेदनशील बाजार है। यहां उपभोक्ता अधिक कीमत बढ़ने पर खरीद को टाल देते हैं। त्योहारों का मौसम समाप्त हो चुका है। इस दौरान कई मॉडल तेजी से बिक गए। परिणामस्वरूप इन्वेंट्री कम बची है।
गोडरेज एप्लायंसेज के बिजनेस हेड कमल नंदी ने कहा कि कंपनियां अतिरिक्त लागत को अपने स्तर पर नहीं रोक सकतीं। 32 से 55 इंच वाले मॉडलों में 5 से 7 प्रतिशत तक कीमत बढ़ना संभव है।
इन्वेंट्री और रिटेल नेटवर्क पर असर
कम लागत वाले और मध्य श्रेणी के एलईडी टीवी तेजी से बिकते हैं। रिटेलर्स के पास स्टॉक सीमित हो चुका है। कोडक और थॉमसन टीवी का निर्माण करने वाली एसपीपीएल के सीईओ अवनीत सिंह मारवाह के अनुसार अगले महीनों में सप्लाई में 20 से 25 प्रतिशत कमी की आशंका है।
यह स्थिति रिटेल चैनलों में अनिश्चितता बढ़ाती है। दुकानदारों को नए स्टॉक के लिए अधिक कीमत पर ऑर्डर देना पड़ेगा।
कितनी लंबी चलेगी यह स्थिति | GTS Rate Cut
विशेषज्ञों के अनुसार यह स्थिति एक या दो महीने की नहीं है। एआई आधारित इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार की मांग लगातार बढ़ रही है। नई फैक्ट्रियां स्थापित होने और उत्पादन क्षमता बढ़ने में समय लगता है।
संभावना है कि सप्लाई सामान्य होने में 2026 तक समय लगे। इस बीच कंपनियां स्थानीय असेंबली और सप्लाई स्रोतों को विविध करने पर विचार कर रही हैं। लेकिन इस प्रक्रिया में भी समय लगेगा।
उपभोक्ताओं पर प्रभाव
एक औसत 43 इंच के एलईडी टीवी का मूल्य फिलहाल 25,000 से 35,000 रुपये के बीच मिलता है। मूल्य वृद्धि के बाद 1,500 से 3,000 रुपये तक अधिक भुगतान करना पड़ सकता है।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर कुछ मॉडलों में पिछले सप्ताह कीमतों में 3 से 4 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज की जा चुकी है। आने वाले हफ्तों में यह रुझान और स्पष्ट दिखाई देगा।
व्यापारियों और उद्योग के लिए संकेत
उद्योग विशेषज्ञों का मत है कि निर्माताओं को अपनी उत्पादन और खरीद रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा। उपभोक्ताओं के लिए यह समय योजनाबद्ध खरीद का है। यदि खरीदी जल्द करनी है, तो मूल्य वृद्धि के पहले खरीदना उपयुक्त होगा।